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VIDEO : सरगुजा में मंत्रियों के समर्थक आमने-सामने: कांग्रेस भवन के लोकार्पण में जमकर नारेबाजी, दो बार काटा गया फीता, मांदर बजाते अमरजीत लुढ़के

VIDEO : सरगुजा में मंत्रियों के समर्थक आमने-सामने: कांग्रेस भवन के लोकार्पण में जमकर नारेबाजी, दो बार काटा गया फीता, मांदर बजाते अमरजीत लुढ़के
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By NPG News

अंबिकापुर,20 अगस्त 2021। करीब सत्तर बरस बाद कांग्रेस को सरगुजा में कार्यालय मिला, इसके पहले कांग्रेस अध्यक्ष के निवास तो ज़िला महामंत्री के निवास से ही ज़िला कांग्रेस कार्यालय संचालित होता रहा। लेकिन कांग्रेस के संगठन की निशानी बनने वाले कांग्रेस भवन में लोकार्पण के दिन जो कुछ हुआ उसने अनुशासन हीनता और गुटबाजी का खुला नजारा नुमाया कर दिया है।

प्रथम ग्रासे मच्छिका पातम याने पहले ही क़ौर में मक्खी गिरने का शानदार उदाहरण यदि समझना हो तो सरगुजा कांग्रेस भवन के लोकार्पण कार्यक्रम को देख लेना जान लेना चाहिए। सरगुजा कांग्रेस भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में संगठन ( पैलेस खेमा ) और मंत्री भगत का ख़ेमा साफ़ साफ़ अलग नजर आए, समर्थक बीति रात से लेकर आज पूरे दिन इस अंदाज़ में नारेबाज़ी करते नुमाया हुए कि टकराव साफ झलका।

पहले एक मंत्री के समर्थकों ने नारेबाजी करनी शुरू की। उसे देखकर दूसरे मंत्री के समर्थकों ने नारा लगाना शुरू कर दिया। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के समर्थकों ने जिंदाबाद का नारा लगाया तो टीएस के समर्थकों ने, देखो-देखो कौन आया, शेर आया-शेर आया के नारे लगाने शुरू कर दिए।

एक भवन के लोकार्पण कार्यक्रम के फ़ीते दो बार कटे, पहली बार मंत्री टीएस सिंहदेव ने फ़ीता काटा, कार्यक्रम ख़त्म होने के बाद मंत्री अमरजीत भगत ने दूबारा फ़ीता काट दिया। इसके ठीक पहले बैठक व्यवस्था छिन्न भिन्न हो गई, आलम यह हो गया कि, ज़िला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता समेत संगठन खेमा ज़मीन पर बैठ गया, सामने की सीटों पर मंत्री भगत और उनके समर्थक मौजुद थे। जबकि मंत्री सिंहदेव पहुँचे तो वे जरुर सामने की पंक्ति में बैठे।

इसके ठीक पहले बीती रात दोनों ख़ेमों के समर्थक नारेबाज़ी के मसले को लेकर भिड़ते भिड़ते बच गए थे।इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्री अमरजीत की इस भवन को लेकर भुमिका की जमकर तारीफ़ की।
इधर इस कार्यक्रम में मांदर लेकर थिरकते और गीत गाते अमरजीत भगत फ़िर नजर आए, पता नहीं यह संयोग था या दुर्योग वे जिस “सधे बेलैंस” के लिए जाने जाते हैं, वो नहीं दिखा और नाचते हुए वे लड़खड़ा गए।

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