नईदिल्ली 23 मई 2020। आईसीसी 1999 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे से हार के बाद भारत काफी मुश्किल संकट में फंस गया था और सुपर सिक्स में पहुंचने के लिए उसे केन्या के खिलाफ होने वाले मैच को हर हाल में जीतना जरूरी था। लेकिन वह भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ही थे, जिन्होंने अपने करियर के 22वें वनडे शतक की मदद से भारत को प्रेरणात्मक जीत दिलाई थी। यह शतक तेंदुलकर के लिए बेहद भावुक था। केन्या के खिलाफ खेले जाने वाले मैच से पहले जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए मैच में वह नहीं खेले थे क्योंकि अपने पिता रमेश तेंदुलकर के अंतिम संस्कार के लिए वह स्वदेश लौट आए थे।
भारत के सामने अपने अगले मैच को बचाने की चुनौती आ गयी थी. क्योंकि उनके सामने विश्व कप से बाहर होने की नौबत आ गयी थी। जिम्बाब्वे से मैच होने के ठीक 4 दिन बाद ही केन्या के खिलाफ अगला मुकाबला था। सचिन अपने पिता के अंतिम संस्कार में भाग लेकर केन्या के खिलाफ मैच खेलने पहुंच गए. सब लोग उनके पहुंचने पर हैरान थे। लेकिन सचिन उस दिन तो मानों अलग ही मूड में आए थे. भारत उस मैच में पहले बल्लेबाजी कर रहा था। सचिन ने ब्रिस्टल के उस काउंटी ग्राउंड पर 101 गेंदों पर नाबाद 140 रन ठोंक दिए। जिसके बदौलत भारत ने 2 विकेट के नुकसान पर 329 रन बनाए। उनकी इस खूबसूरत पारी को विजडन इंडिया ने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है।
#OnThisDay in 1999, an emotional Sachin Tendulkar, joining the Indian team days after his father’s demise, struck an unbeaten 140 off 101 balls in their World Cup match against Kenya.pic.twitter.com/zUqF2pBxiY
— Wisden India (@WisdenIndia) May 23, 2020
उन्होंने लिखा है आज ही के दिन 1999 में सचिन तेंदुलकर जो अपने पिता के निधन के बाद भारतीय टीम में शामिल हुए थे, उन्होंने केन्या के खिलाफ विश्व कप के उस मैच में 101 गेंदों पर नाबाद 140 रन बनाए थे। बहरहाल हम आते हैं केन्या के खिलाफ उस मैच पर। जवाबी पारी खेलने उतरी केन्या की टीम 7 विकेट के नुकसान पर 235 रन ही बना सकी।