VIDEO:चिरगा में जनसुनवाई के दौरान विरोध में जुटे ग्रामीणों का पुरज़ोर हंगामा.. महज़ तीन घंटे में जनसुनवाई समेटने पर भड़के ग्रामीण.. आक्रोश देख भागे अधिकारी

अंबिकापुर,12 अप्रैल 2021। एल्युमिनियम रिफ़ायनरी लगाने के लिए ग्रामीणों का अभिमत दर्ज करने के लिए ग्राम चिरगा में आयोजित जनसुनवाई, भारी विरोध को देखते हुए केवल तीन घंटे में समाप्त कर दी गई। समय के पहले जनसुनवाई को समाप्त करते देख पहले से भड़के ग्रामीण बुरी तरह नाराज़ हुए और मौजुद अधिकारियों को दूर तक दौड़ा दिया।बेहद उग्र ग्रामीणों ने इस दौरान उद्योग विभाग के एक अधिकारी को देर तक पकड़े भी रखा।
दरअसल चिरगा मैनपाट की तराई पर बसा गाँव है और वहाँ माँ कुदरगढ़ी एल्युमिनियम रिफ़ायनरी प्लांट लगाए जाने की क़वायद है। इस प्लांट के लिए पर्यावरणीय जनसुनवाई का आयोजन था। ग्रामीणों का आरोप है कि मौजुद अधिकारियों ने विरोध में बोल रहे ग्रामीणों को रोकने की कोशिश की और जो बोलने में असहज थे उनका बयान लेने की कोशिश की। दरअसल इस गाँव में बहुमत प्लांट को नहीं लगाने के पक्ष में है। ग्रामीणों का आरोप है कि जनसुनवाई करने वाले अधिकारी और प्लांट के लोग जानते थे कि ग्रामीणों का विरोध है इसलिए पूरी बात दर्ज किए बग़ैर महज़ तीन घंटे में जनसुनवाई पूरी बता कर जाने लगे।
प्लांट क़रीब 1147 करोड़ की लागत का बताया जा रहा है, जिसे सब्सिडी भी दी जा रही है। ग्रामीणों का विरोध कई बिंदुओं पर है, उनकी एक आपत्ति यह भी है कि संभाग मुख्यालय अंबिकापुर को पानी उपलब्ध कराने वाले घूनघूट्टा डेम को जिस प्रमुख नदी से पानी मिलता है वह नदी चिरगा से होकर गुजरती है, प्लांट लगेगा तो नदी के अस्तित्व पर ही ख़तरा हो जाएगा।
ज़िला पंचायत सदस्य श्रीमती शारदा पैंकरा और उनके पति देवनाथ राम ने इस जनसुनवाई की प्रक्रिया पर सवाल उठाया है, और इसे रद्द करने की माँग की है। देवनाथ राम ने बताया
“कोरोना काल में जनसुनवाई करने का कोई मतलब नहीं था.. ज़िला प्रशासन को सबने टोका था कि अभी मत कराईए.. दूसरा जंप करने पर ही आमादा थे तो पूरी बात दर्ज करते..पाँच बजे के बजाय एक बजे ही बंद कर दिए.. बात भी पूरी नहीं रखने दे रहे थे.. ग्रामीण इसी पर भड़क गए”
विदित हो कि यह क्षेत्र मंत्री अमरजीत भगत का निर्वाचन क्षेत्र है, मंत्री अमरजीत भगत की भुमिका अभी निश्चित नहीं है कि वे ग्रामीणों के साथ हैं या प्लांट के साथ, हो सकता है देर शाम मंत्री अमरजीत भगत कुछ तय करें और कहें बहरहाल जिस प्लांट को लेकर ग्रामीणों का विरोध अटूट है उस प्लांट को लगाने देने के लिए कद्दावर भाजपा नेताओं के फ़ोन लगातार घनघनाते रहे हैं।