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VIDEO: कमाल का कांस्टेबल : अपनी 1 साल की पूरी सैलरी दान कर रहा है ये पुलिसवाला…. SP को आवेदन देकर कहा- “अगले माह से मेरी सैलरी मुख्यमंत्री सहायता कोष में डलवा दें”….जानिये इस कांस्टेबल के बारे में….

VIDEO: कमाल का कांस्टेबल : अपनी 1 साल की पूरी सैलरी दान कर रहा है ये पुलिसवाला…. SP को आवेदन देकर कहा- “अगले माह से मेरी सैलरी मुख्यमंत्री सहायता कोष में डलवा दें”….जानिये इस कांस्टेबल के बारे में….
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By NPG News

रायपुर 24 नवंबर 2020। वाकई में दानवीरों में एक मिसाल हैं कांस्टेबल पुष्पराज सिंह। कोरोना के इस दौर में मुख्यमंत्री की बार-बार अपील पर भी दौलतमंदों के खजाने से फूटी कौड़ी नहीं निकली….कर्मचारी 1 महीने की पगार देने में ना नुकूर करने लगे….रईसजादों ने मदद के नाम पर मानों आंखे ही मूंद ली…उस दौर में कांस्टेबल पुष्पराज अपने पूरे साल का वेतन ही मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान करने का ऐलान कर दिया। आज पुष्पराज ने बकायदा जांजगीर एसपी कार्यालय में लिखित आवेदन देकर आग्रह किया है कि उनके एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करा दी जाये, ताकि कोरोना संकट में किसी जरूरतमंद के काम वो राशि आ सके।

जांजगीर जिले के सक्ती थाने में पदस्थ पुष्पराज सिंह की दरियादिली पहले भी चर्चा में रही है, लेकिन इस दफा उनके इस नेक काम ने कईयों को मुरीद बना दिया है। पुष्पराज ने अपने आवेदन में एसपी पारूल माथुर से अनुरोध किया है कि वो 1 दिसंबर 2020 से 1 दिसंबर 2021 तक कुल 12 माह का वेतन मुख्यमंत्री सहायत कोष में दान रूवरूप जमा कराया जाये।

कौन हैं पुष्पराज सिंह

पुष्पराज सिंह अभी थाना सक्ती में बतौर कांस्टेबल पदस्थ हैं। पुलिस आंदोलन के दौरान पुष्पराज बेहद संक्रिय रहे थे। लिहाजा उनके खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई भी की गयी थी। दो महीने पहले ही पुष्पराज का सस्पेंशन खत्म किया गया था और उन्हें सक्ती थाने में पदस्थ किया था।

करीब 3.50 लाख रुपये करेंगे दान

पुष्पराज सिंह की अभी सैलरी करीब 29 हजार रुपये के आसपास है, उस लिहाज से एक साल की सैलरी वो करीब साढ़े तीन लाख रुपये मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान करेंगे। पुष्पराज ने एनपीजी को बताया कि….

“मैंने किसी उम्मीद या वाहवाही की वजह से इस काम को नहीं किया है, मैं बस चाहता हूं कि मेरे इस वेतन की राशि से किसी जरूरतमंद की मदद हो जाये, कोरोना काल में मुख्यमंत्री ने कई बार अपील भी की थी, उस वक्त मैं किसी कारणवश नहीं कर पाया, अब जब मैं सक्षम हुआ हूं तो अपनी एक साल की सैलरी को मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा कराने का फैसला लिया हूं”

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