विस अध्यक्ष महंत ने किया कबीर झोपड़ी का लोकार्पण, बोले…सब कबीर को खोज रहे हैं, पर कबीर नहीं मिलते, कबीर को खोजना है तो खुद में खोजना होगा
बनारस,24 फ़रवरी 2021। संत कबीर के बचपन से लेकर पूरे जीवन की साक्षी कबीर चौरा में अब से कुछ देर पहले विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत में कबीर दास साहेब की स्मृति में बन रही कबीर झोपड़ी का लोकार्पण किया। इस मौक़े पर बिहार के दिग्गज नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र यादव भी मौजूद थे।
विदित हो कि बनारस का कबीर चौरा ही वह जगह है जहां कबीर का लालन पालन हुआ, अगर ये लिखा जाए कि कबीर चौरा ही वह जगह है जिस ज़मीन ने कबीर को कबीर बनते देखा तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
कबीर पंथ के अनुयायी विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने इस मौक़े पर कहा
“जहां भी प्रेम की बात होगी.. जहां भी शांति सद्भावना की बात होगी.. भाईचारे की बात होगी.. वहाँ केवल कबीर याद आएंगे.. केवल वे ही आएंगे और भला कौन आएगा”
धीर गंभीर महंत ने कहा
“दिशा दो तीन जगह चल रही है.. भटकाव है.. कबीर को सब समझ ले रहे हैं.. सब समझ ले रहे हैं.. आत्मसात् कर ले रहे हैं.. देश ही नहीं विदेश में भी.. लेकिन शायद हम लोग जो खुद को कबीरपंथी कहते हैं वे नहीं समझ पा रहे हैं..मठ महंत की अनेकानेक धारा चल रही हैं.. हमें समझना होगा”
कबीर पंथ के प्रवर्तक संत कबीर की स्मृति में बन रही झोपड़ी अभी पूरी तरह निर्मित नहीं है, इसमें आ रही आर्थिक बाधाओं का संकेतों में ज़िक्र करते हुए विधानसभा अध्यक्ष महंत ने मुस्कुराते हुए कहा –
“पंथ के 24वें पीठाधिश्वर विवेक दास जी की हिम्मत की सराहना करता हूँ.. वे सालों से लगे थे कि झोपड़ी बनाना है.. अंततः इस स्वरुप में उनका सपना पूरा हो रहा है..अब लोग सोचेंगे कि झोपड़ी बन क्यों नहीं पा रही तो मंदिर बनना हो तो चंदा आ जाए.. झोपड़ी बनना है तो चंदा कैसे आएगा..फिर कबीर पंथी तो मतलब जो घर फूंके आपना .. तो झोपड़ी बनेगी कैसे”
विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने उद्बोधन का अंत कुछ इन शब्दों में किया –
“आख़िर ये तन ख़ाक का.. क्यों फिरता मगरुरी में.. कबीर के सपनों को अपने सपनों में बसाएँ और उसे साकार करें.. यही कामना है.. यही शुभकामना है.. साहेब बंदगी”