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Uniform Civil Code: 'बहु-बाल विवाह, हलाला-इद्दत सब बैन', पढ़िए, उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड के ड्राफ्ट में क्या-क्या?

Uniform Civil Code: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता (UCC) के मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में बनी समिति ने यह मसौदा तैयार किया है।

Uniform Civil Code: बहु-बाल विवाह, हलाला-इद्दत सब बैन, पढ़िए, उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड के ड्राफ्ट में क्या-क्या?
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By Ragib Asim

Uniform Civil Code: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता (UCC) के मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में बनी समिति ने यह मसौदा तैयार किया है। आज से उत्तराखंड विधानसभा का 4 दिन का विशेष सत्र आज से शुरू हो रहा है, जिसमें 6 फरवरी को UCC पेश किया जाएगा। इसके लागू होते ही उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा- जल्द कानून बनाएंगे

कैबिनेट की बैठक के बाद न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए धामी ने कहा, "इसे (UCC विधेयक) मंजूरी दे दी है। हम इसे कानून बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।" इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि UCC विधेयक की प्रमुख विशेषताएं वे प्रावधान हैं, जिनका उद्देश्य नागरिक कानूनों के विभिन्न पहलुओं में समानता और स्थिरता लाना है। सूत्रों ने बताया कि इसके लागू होने से राज्य में कई कानूनों में समानता आ जाएगी।

बेटियों और नाजायज बच्चों को संपत्ति का बराबर अधिकार

बेटे और बेटी के लिए समान संपत्ति का अधिकार: उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार UCC विधेयक बेटे और बेटी दोनों के लिए संपत्ति में समान अधिकार सुनिश्चित करता है। वैध और नाजायज बच्चों के बीच अंतर को खत्म करना: विधेयक का उद्देश्य संपत्ति के अधिकार के संबंध में वैध और नाजायज बच्चों के बीच के अंतर को समाप्त करना है, चाहे वो किसी भी धर्म के क्यों न हों। सभी को एक समान मानते हुए जैविक संतान का अधिकार दिया जाएगा।

संपत्ति को लेकर और क्या प्रावधान?

गोद लिए गए और जैविक रूप से जन्मे बच्चों की समावेशिता: विधेययक में गोद लिए गए, सरोगेसी के माध्यम से पैदा हुए या प्रजनन तकनीक के माध्यम से पैदा हुए बच्चों को अन्य जैविक बच्चों के समान माना गया है। मृत्यु के बाद समान संपत्ति का अधिकार: किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति में माता-पिता के अलावा उसकी पत्नी और बच्चों को समान अधिकार दिया जाएगा। पिछले कानून में केवल मां का मृतक की संपत्ति पर अधिकार था।

सभी धर्मों के लिए एक समान निजी कानून

विधेयक का उद्देश्य राज्य के निवासियों के लिए समान कानूनी संरचना स्थापित करना है। इसी कारण सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानून एक समान होंगे, चाहे वह किसी भी धर्म के क्यों न हो। इसके लागू होने से बहुविवाह और बाल विवाह पर पूर्व प्रतिबंध लग जाएगा। इसके अलावा सभी धर्मों में लड़कियों के लिए विवाह की समान आयु होगी।

पिछले महीने राज्य सरकार से जुड़े सूत्रों ने दावा किया था कि उत्तराखंड के बाद भाजपा शासित राज्य गुजरात और असम में भी UCC लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सूत्र ने कहा, "इसी तरह के मसौदे पर गुजरात और असम दोनों विधानसभाओं द्वारा चर्चा होगी और इसे पारित किया जाएगा।" अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो अगले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव से पहले 3 राज्यों में UCC लागू हो जाएगा।

बता दें कि 740 पन्नों का UCC विधेयक का आखिरी मसौदा शुक्रवार को मुख्यमंत्री धामी को सौंपा गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनावों में इसे लागू करने का वादा किया था और इसी दिशा में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि इस मसौदे को तैयार करने के लिए समिति ने 72 बैठकें कीं, जो प्रदेश के चमोली जिले के सीमांत माण गांव में हुई थीं।





Ragib Asim

Ragib Asim is a journalist currently employed as News Editor in NPG News (Digital). Born and brought up in Bettiah, Ragib journey began with print media and soon transitioned towards digital. He carries more than 10 years of experience in the field with focus on New media. He has previously worked with Hindustan Samachar, News Track, Janjwar, Special Coverage News Hindi. His interests include Science, Geopolitics, Economics and Current affairs.

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