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Yogi Cabinet Expansion: मकर संक्रांति के बाद योगी कैबिनेट में बड़ा बदलाव? दिल्ली दौरे ने तेज की सियासी हलचल, पढ़ें पूरा मामला!
Yogi Cabinet Expansion After Makar Sankranti: मकर संक्रांति के बाद योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल के संकेत। कोर कमेटी बैठक के बाद पंकज चौधरी दिल्ली पहुंचे। 2027 चुनाव को लेकर सरकार और संगठन में बदलाव संभव।

Image Source: Internet | Edited By: NPG News
Yogi Cabinet Expansion: उत्तर प्रदेश की राजनीति में मकर संक्रांति के बाद बड़े प्रशासनिक और संगठनात्मक बदलाव के इशारे मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री आवास पर हुई कोर कमेटी की लंबी बैठक के तुरंत बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी का दिल्ली रवाना होना इसी दिशा में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बैठक में सरकार और संगठन के बीच संभावित ‘अदला-बदली’ के फॉर्मूले पर विस्तार से चर्चा हुई जिसका सीधा संबंध 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी से है।
सरकार और संगठन में संभावित अदला-बदली
सूत्रों के मुताबिक बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों उपमुख्यमंत्री और आरएसएस से जुड़े पदाधिकारी मौजूद थे। चर्चा के दौरान यह संकेत सामने आए कि संगठन के कुछ वरिष्ठ चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है, जबकि मौजूदा मंत्रियों में से कुछ को संगठन की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इसी कड़ी में निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के सरकार में शामिल होने की संभावना पर भी मंथन हुआ है।
मंत्रिमंडल में रिक्त पद और विस्तार की गुंजाइश
फिलहाल उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 54 मंत्री हैं, जबकि संवैधानिक रूप से अधिकतम 60 मंत्रियों की अनुमति है। हालिया लोकसभा चुनाव के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे जितिन प्रसाद और राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि के सांसद बनने से दो पद रिक्त हो चुके हैं। इन खाली पदों को भरने के साथ-साथ कुछ राज्य मंत्रियों को कैबिनेट रैंक देने पर भी विचार चल रहा है। यह पूरा अभ्यास प्रशासनिक प्रदर्शन और राजनीतिक संतुलन, दोनों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
2027 चुनाव और क्षेत्रीय संतुलन पर फोकस
इस संभावित फेरबदल के केंद्र में 2027 का विधानसभा चुनाव है। पार्टी के आंतरिक आकलन में यह बात सामने आई है कि मौजूदा मंत्रिमंडल और संगठन में पूर्वांचल का प्रतिनिधित्व अपेक्षाकृत अधिक है। ऐसे में आगामी बदलावों के जरिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश और अन्य क्षेत्रों को संतुलित प्रतिनिधित्व देने पर जोर दिया जा सकता है। इसके अलावा, विभिन्न आयोगों और बोर्डों में लंबे समय से खाली पड़े पदों को भरने पर भी सहमति बनी है।
हाईकमान की मुहर के बाद होगा अंतिम फैसला
पंकज चौधरी अब दिल्ली में पार्टी नेतृत्व के सामने कोर कमेटी की सिफारिशें रखेंगे। अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान की मंजूरी के बाद ही लिया जाएगा। माना जा रहा है कि यह पूरी कवायद प्रशासनिक रिपोर्ट, एसआईआर (SIR) आकलन और राजनीतिक समीकरणों के आधार पर आगे बढ़ेगी, ताकि चुनाव से पहले सरकार और संगठन दोनों को मजबूत किया जा सके।
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