DSP Priyanka Bajpai : यूपी की लेडी सिंघम डीएसपी प्रियंका वाजपेयी : रोबोट ने पेश किया बर्थडे केक, गोल्ड मेडलिस्ट से पुलिस अफसर बनने तक का शानदार सफर, अनोखे सेलिब्रेशन ने बटोरी सुर्खियां
उत्तर प्रदेश पुलिस की एक ऐसी महिला अधिकारी, जिनकी सादगी और सख्ती दोनों की मिसाल दी जाती है, इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर पुलिस विभाग के गलियारों तक छाई हुई हैं।

DSP Priyanka Bajpai : यूपी की लेडी सिंघम डीएसपी प्रियंका वाजपेयी : रोबोट ने पेश किया बर्थडे केक, गोल्ड मेडलिस्ट से पुलिस अफसर बनने तक का शानदार सफर, अनोखे सेलिब्रेशन ने बटोरी सुर्खियां
DSP Priyanka Bajpai : कन्नौज। उत्तर प्रदेश पुलिस की एक ऐसी महिला अधिकारी, जिनकी सादगी और सख्ती दोनों की मिसाल दी जाती है, इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर पुलिस विभाग के गलियारों तक छाई हुई हैं। हम बात कर रहे हैं कन्नौज में तैनात डीएसपी प्रियंका वाजपेयी की। हाल ही में उनके जन्मदिन पर एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जब उनका बर्थडे केक किसी इंसान ने नहीं, बल्कि एक रोबोट ने सर्व किया। इस डिजिटल सेलिब्रेशन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं।
DSP Priyanka Bajpai : कौन हैं प्रियंका वाजपेयी और क्यों कहा जाता है लेडी सिंघम? प्रियंका वाजपेयी वर्तमान में यूपी के कन्नौज जिले में डीएसपी (DSP) के पद पर तैनात हैं। उन्हें उनके कड़क अंदाज और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए 'लेडी सिंघम' के नाम से जाना जाता है। प्रियंका न केवल अपनी ड्यूटी के प्रति ईमानदार हैं, बल्कि वे युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी बन चुकी हैं। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्दी में उनकी दबंगई और सादे कपड़ों में उनकी खूबसूरती के लोग कायल हैं।
लखनऊ की बेटी, जिसने टॉप-10 में बनाई जगह
प्रियंका मूल रूप से नवाबों के शहर लखनऊ की रहने वाली हैं। उनका बचपन और शिक्षा-दीक्षा इसी शहर में हुई। वे बचपन से ही पढ़ाई में काफी मेधावी थीं। उन्होंने अपनी काबिलियत का लोहा तब मनवाया जब 2017 की यूपी पीसीएस (UP PCS) परीक्षा में उन्होंने पूरे प्रदेश में 6वीं रैंक हासिल की। यह उनका तीसरा प्रयास था, जिसमें उन्होंने न केवल सफलता पाई बल्कि टॉप-10 की लिस्ट में जगह बनाकर सबको चौंका दिया।
गोल्ड मेडलिस्ट से पीएचडी तक की पढ़ाई
प्रियंका की शैक्षणिक यात्रा काफी प्रभावशाली रही है। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (Public Administration) में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। खास बात यह है कि वे यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। पढ़ाई के प्रति उनकी लगन यहीं नहीं रुकी, उन्होंने पीएचडी (PhD) भी पूरी की। यही वजह है कि उनकी सोच और काम करने के तरीके में एक अलग ही गहराई नजर आती है।
नौकरी के साथ संघर्ष: एक्साइज इंस्पेक्टर से डीएसपी तक
प्रियंका की सफलता एक दिन में नहीं मिली। डीएसपी बनने से पहले उनका चयन एक्साइज इंस्पेक्टर (आबकारी निरीक्षक) के पद पर हुआ था। कई लोग सरकारी नौकरी मिलने के बाद वहीं रुक जाते हैं, लेकिन प्रियंका का लक्ष्य बड़ा था। उन्होंने नौकरी की जिम्मेदारी निभाई और साथ ही सिविल सेवा की तैयारी जारी रखी। उन्होंने हार नहीं मानी और अपने तीसरे प्रयास में वो मुकाम हासिल किया जिसका उन्होंने सपना देखा था।
सोशल मीडिया और बैकअप प्लान
आज प्रियंका के इंस्टाग्राम पर 40,000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, लेकिन तैयारी के दिनों में उन्होंने खुद को सोशल मीडिया से पूरी तरह काट लिया था। वे आज के युवाओं को सलाह देती हैं कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान अनुशासन बहुत जरूरी है। उनका मानना है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल पढ़ाई के लिए तो ठीक है, लेकिन इसकी लत खतरनाक है। साथ ही, वे उम्मीदवारों को हमेशा एक बैकअप प्लान रखने की सलाह देती हैं ताकि असफलता की स्थिति में मानसिक दबाव न बने।
ग्लैमर और टैलेंट का मेल
प्रियंका को घर में प्यार से पोली' कहा जाता है। पुलिस की सख्त वर्दी के पीछे उनमें एक कलात्मक रुचि भी छिपी है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उन्हें मॉडलिंग का भी शौक है। उनकी सादगी और स्टाइल किसी अभिनेत्री से कम नहीं लगता, यही वजह है कि सोशल मीडिया पर उनकी हर तस्वीर को हजारों लाइक्स मिलते हैं।
एक आधुनिक शानदार पुलिस अफसर की मिसाल
रोबोट द्वारा केक लाने की घटना ने प्रियंका वाजपेयी को आधुनिक सोच और तकनीक से जुड़ा हुआ दिखाया है। वे दिखाती हैं कि कैसे एक महिला अधिकारी अपनी बुद्धिमानी से गोल्ड मेडल जीत सकती है, अपनी मेहनत से प्रदेश में छठी रैंक ला सकती है और अपनी सख्ती से अपराधियों के पसीने छुड़ा सकती है। आज वे कन्नौज ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल हैं।
