UP IAS transfer Update: यूपी में 46 IAS अफसरों के तबादले, कौशांबी और बलरामपुर के DM बदले, राजेश कुमार बने मिर्जापुर के कमिश्नर, देखिये पूरी लिस्ट
UP IAS transfer Update: उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को 46 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया है। राजेश कुमार को मिर्जापुर का नया कमिश्नर बनाया गया है...

UP IAS transfer Update: उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को प्रशासनिक ढांचे में बड़ा फेरबदल करते हुए 46 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। यह कदम शासन-प्रशासन को और मज़बूत बनाने तथा ज़िला-स्तर की कार्यकुशलता बढ़ाने के मक़सद से उठाया गया है। नई तबादला लिस्ट में कई प्रमुख जिलाधिकारी, मंडलायुक्त और मुख्य विकास अधिकारी बदले गए हैं।
राजेश कुमार बने मिर्जापुर के नए कमिश्नर
सूची के मुताबिक़, राजेश कुमार को मिर्जापुर का नया मंडलायुक्त (Commissioner) नियुक्त किया गया है। वे पहले भी कई अहम ज़िम्मेदारियाँ संभाल चुके हैं और प्रशासनिक महारत के लिए जाने जाते हैं। मिर्जापुर मंडल में विकास परियोजनाओं जैसे सड़क, सिंचाई और औद्योगिक ढांचे को गति देने की उम्मीद जताई जा रही है।
मौजूदा मिर्जापुर कमिश्नर बालकृष्ण त्रिपाठी का तबादला कर उन्हें सचिवालय सामान्य प्रशासन विभाग में सचिव नियुक्त किया गया है। राजेश कुमार की नियुक्ति को एक स्ट्रेटेजिक पोस्टिंग माना जा रहा है, क्योंकि यह क्षेत्र राज्य के पूर्वांचल विकास एजेंडे का अहम हिस्सा है।
कौशांबी और बलरामपुर में नए जिलाधिकारी
सूची में कौशांबी और बलरामपुर के डीएम भी बदले गए हैं। कौशांबी में नई नियुक्ति के बाद प्रशासनिक फोकस सिंचाई, कृषि विकास और ग्रामीण बुनियादी ढांचे पर रहेगा। वहीं, बलरामपुर जैसे सीमावर्ती ज़िले में सुरक्षा और अवसंरचना पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा। दोनों जिलों को सरकार ने डेवलपमेंट प्रायोरिटी जोन की श्रेणी में रखा है, जहाँ विकास परियोजनाओं की प्रगति सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से मॉनिटर की जाएगी।
प्रखर सिंह बने वाराणसी के CDO
सरकार ने प्रखर सिंह को वाराणसी का मुख्य विकास अधिकारी (CDO) नियुक्त किया है। वाराणसी जैसे धार्मिक और पर्यटन केंद्र वाले शहर में यह पद बेहद अहम माना जाता है। उनकी नियुक्ति के बाद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, और गंगा सफ़ाई मिशन जैसे कार्यों में रफ़्तार आने की उम्मीद है।
तबादलों का कारण और प्रशासनिक संकेत
प्रमुख सचिव (नियुक्ति एवं कार्मिक) एम. देवराज ने मीडिया को बताया कि यह तबादला सूची राज्य सरकार की नियमित समीक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है। उन्होंने कहा अधिकारियों की नियुक्तियाँ उनके अनुभव, कार्यकुशलता और वर्तमान प्रशासनिक ज़रूरतों को ध्यान में रखकर की गई हैं।
सूत्रों के मुताबिक़, यह बदलाव आगामी वित्तीय वर्ष की परियोजनाओं को ध्यान में रखकर किए गए हैं ताकि ज़िला स्तर पर एक्सेक्यूटिव एफिशिएंसी में सुधार लाया जा सके।
23 अक्टूबर को भी हुए थे बदलाव
इससे पहले 23 अक्टूबर को भी दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफ़र किया गया था। प्रतीक्षारत अपर मुख्य सचिव अर्चना अग्रवाल को परिवहन विभाग का प्रभार सौंपा गया जबकि अमित कुमार गुप्ता से यह ज़िम्मेदारी वापस ले ली गई। अर्चना अग्रवाल पहले भी वर्ष 2009–10 में यूपी की ट्रांसपोर्ट कमिश्नर रह चुकी हैं लगभग 15 साल बाद यह उनकी विभाग में वापसी है।
दिलचस्प बात यह है कि अमित कुमार गुप्ता के नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में एक ही सेवा काल में सर्वाधिक ज़िलों के डीएम रहने का रिकॉर्ड दर्ज है 15 साल की सेवा में 14 बार तबादला हुआ था।
प्रशासनिक स्थिरता और राजनीतिक संदेश
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह व्यापक तबादला योगी सरकार की एडमिनिस्ट्रेटिव फाइन टोनिंग स्ट्रेटेजी का हिस्सा है। सरकार की कोशिश है कि ज़िला प्रशासनिक इकाइयाँ चुनावी और विकास दोनों मोर्चों पर चुस्त रहें। आगामी महीनों में कई जिलों में औद्योगिक निवेश, सड़क और सिंचाई परियोजनाओं पर काम शुरू होना है। नई नियुक्तियों से सरकार को इन परियोजनाओं की प्रगति पर प्रत्यक्ष नियंत्रण मिलेगा।
