UP Ghaziabad SI Maut: तूफान बना कहर, ACP ऑफिस की छत गिरी, मलबे में दबकर SI की मौत
UP Ghaziabad SI Maut: उत्तरप्रदेश में तूफान का बरदस्त कहर देखने को मिला, तूफान के चलते गाजियाबाद जिले में एसीपी कार्यालय की छत तेज बारिश और आंधी में गिर गई. हादसे में सब इंस्पेक्टर की मलबे में दबकर दर्दनाक मौत हो गई.

UP Ghaziabad SI Maut: शनिवार रात आए तेज तूफान और मूसलाधार बारिश ने उत्तर भारत में तबाही मचाई. सबसे दुखद और चौंकाने वाली घटना उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से सामने आई, जहां एक सरकारी भवन की लापरवाही ने एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी की जान ले ली.
मामला अंकुर विहार स्थित एसीपी ऑफिस का है जहां ऑफिस की छत अचानक ढह गई, और उसके नीचे दबकर सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र मिश्रा की दर्दनाक मौत हो गई. यह हादसा न सिर्फ दिल को झकझोर देने वाला है, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता और सरकारी ढांचे की जर्जर स्थिति की पोल खोलने वाला भी है.
कार्यालय में सो रहे थे सब इंस्पेक्टर
शनिवार रात, जब अधिकतर लोग तेज आंधी-बारिश से बचकर अपने घरों में थे, सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र मिश्रा अपने कार्यस्थल पर ड्यूटी समाप्त करने के बाद कार्यालय में ही सो रहे थे. देर रात करीब 2 बजे अचानक तेज आवाज हुई बिजली की गड़गड़ाहट और आंधी के बीच ऑफिस की छत भरभराकर नीचे गिर पड़ी.
छत का लिंटर सीधे सोते हुए मिश्रा पर आ गिरा, जिससे वे मलबे में दब गए. उस वक्त कार्यालय में कोई अन्य कर्मचारी मौजूद नहीं था. सुबह जब ड्यूटी पर तैनात अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे, तो मलबे का दृश्य देखकर सन्न रह गए.
अस्पताल ले जाने से पहले तोड़ दिया दम
सहकर्मियों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और वीरेंद्र मिश्रा को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस घटना की खबर लगते ही पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई. वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की जांच के आदेश दिए गए.
जिम्मेदार अफसर की थी छवि
वीरेंद्र मिश्रा की छवि एक कर्तव्यनिष्ठ और विनम्र अफसर के रूप में थी. वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले थे और लगभग तीन दशक से पुलिस सेवा में थे. साथी पुलिसकर्मियों का कहना है कि मिश्रा जी हमेशा समय पर ड्यूटी करते थे, और कई बार तो जरूरत पड़ने पर कार्यालय में ही रुक जाते थे. इस बार भी उन्होंने ड्यूटी समाप्त कर कार्यालय में ही विश्राम किया था, लेकिन किसे पता था कि वही उनकी अंतिम रात होगी.
आंधी-तूफान ने मचाई तबाही
शनिवार रात जो तूफान आया, वह सामान्य आंधी नहीं थी. विशेषज्ञों के अनुसार यह एक 'नॉरवेस्टर' तूफान था. यह प्री-मॉनसून का एक विनाशकारी रूप होता है, जो आमतौर पर अप्रैल और मई में आता है. इस दौरान तेज हवाएं, बिजली की गरज और भारी बारिश होती है. दिल्ली-एनसीआर, नोएडा, गाजियाबाद समेत कई क्षेत्रों में इसका प्रभाव देखने को मिला.
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र मिश्रा की दर्दनाक मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है. दिल्ली में रहने वाली उनकी पत्नी बेटे के साथ घटनास्थल पर पहुंचीं और पति का शव देखते ही बेसुध हो गईं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति से 24 घंटे काम लिया जाता था, जिससे वह घर भी नहीं आ पाते थे.
दुखद पहलू यह है कि जिस एसीपी ऑफिस की छत गिरने से यह हादसा हुआ, उसका निर्माण महज दो साल पहले ठेकेदार आशीष कुमार ने कराया था. करीब साढ़े पांच लाख के बजट में बने इस भवन की गुणवत्ता पर अब सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि पुलिस कमिश्नरेट को बने अभी ढाई साल ही हुए हैं और इतनी जल्दी छत गिरना लापरवाही का जीता-जागता सबूत है.
