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Teacher News: शिक्षकों को बड़ा झटका, 35,738 शिक्षकों को नहीं मिलेगा पुरानी पेंशन योजना का लाभ

Teacher News: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के एक हालिया फैसले से राज्य के हजारों शिक्षकों को गहरा झटका लगा है. सरकार ने स्पष्ट किया है कि विशेष बीटीसी 2004 बैच के अंतर्गत नियुक्त 35,738 शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ नहीं मिलेगा. इस निर्णय के बाद शिक्षकों में भारी नाराजगी और निराशा देखी जा रही है, क्योंकि वे लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे थे.

शिक्षकों को बड़ा झटका, 35,738 शिक्षकों को नहीं मिलेगा पुरानी पेंशन योजना का लाभ
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By Anjali Vaishnav

Teacher News: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के एक हालिया फैसले से राज्य के हजारों शिक्षकों को गहरा झटका लगा है. सरकार ने स्पष्ट किया है कि विशेष बीटीसी 2004 बैच के अंतर्गत नियुक्त 35,738 शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ नहीं मिलेगा. इस निर्णय के बाद शिक्षकों में भारी नाराजगी और निराशा देखी जा रही है, क्योंकि वे लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे थे.

क्या है मामला

दरअसल इस पूरे विवाद की जड़ 2004 के उस विशेष बीटीसी बैच से जुड़ी है, जिसके तहत 35,738 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था. इस बैच के लिए 14 जनवरी 2004 और 20 फरवरी 2004 को विज्ञापन जारी किया गया था, जिसके तहत अगस्त 2004 में प्रशिक्षण शुरू किया गया. चयनित अभ्यर्थियों को 6 माह का प्रशिक्षण दिया गया और इसके बाद उन्हें दिसंबर 2005 और जनवरी 2006 के बीच विभिन्न जिलों में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात किया गया.

शिक्षकों का कहना है कि नियुक्ति में हुई देरी पूरी तरह से विभागीय कारणों से हुई थी और उन्होंने 2004 से ही सेवा की शुरुआत मानी जानी चाहिए, जिससे वे पुरानी पेंशन योजना के पात्र बन सकें.

सरकार ने क्यों किया इनकार?

बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव सुरेंद्र तिवारी ने इस संबंध में बयान देते हुए स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की 2008 की अध्यापक तैनाती नियमावली के अनुसार सेवा की गणना नियुक्ति की तिथि से ही की जाएगी, प्रशिक्षण की तिथि से नहीं. यानी इन शिक्षकों की सेवा की शुरुआत दिसंबर 2005 से मानी जाएगी, जो कि पुरानी पेंशन योजना की अंतिम पात्रता तिथि 31 मार्च 2005 से बाद की है.

इसके तहत पुरानी पेंशन का लाभ उन्हीं सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा, जिनकी नियमित नियुक्ति 31 मार्च 2005 से पहले हुई हो. इस आधार पर विशेष बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों को OPS से बाहर कर दिया गया है.

इस फैसले के खिलाफ शिक्षकों की ओर से एमएलसी अरुण कुमार पाठक ने सरकार से कहा कि 2004 में ही विज्ञापन निकाला गया था और उसी के आधार पर चयन हुआ था, इसलिए सेवा की गणना उसी वर्ष से की जानी चाहिए. उन्होंने 31 अक्टूबर 2005 को जारी शासनादेश और 2004 के शासनादेशों का हवाला देते हुए कहा कि चयन प्रक्रिया और प्रशिक्षण सेवा का हिस्सा मानी जानी चाहिए.

इसके अलावा, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के दौरान मानदेय देने का आदेश था, जो इस बात का प्रमाण है कि उनकी सेवा प्रक्रिया 2004 से ही शुरू हो चुकी थी.

सरकार का जवाब

सचिव सुरेंद्र तिवारी ने शिक्षकों की दलीलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि विभिन्न हाईकोर्ट के आदेशों और मौजूदा नियमों के अनुसार, केवल नियुक्ति की तिथि को ही सेवा की शुरुआत माना जा सकता है. उन्होंने यह भी दोहराया कि इस मामले में सरकार का निर्णय अंतिम है और किसी भी प्रकार से पुरानी पेंशन योजना का लाभ इन शिक्षकों को नहीं दिया जा सकता.

शिक्षकों में आक्रोश

इस निर्णय से शिक्षकों में व्यापक आक्रोश है. उनका कहना है कि वर्षों की सेवा और विभागीय देरी का खामियाजा उन्हें पेंशन योजना से बाहर कर भुगतना पड़ रहा है. कई शिक्षक संगठनों ने इस फैसले को अन्यायपूर्ण बताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है. शिक्षक नेता अरुण पांडे ने कहा, हम 2004 से ही प्रक्रिया में थे. सरकार की ही वजह से नियुक्ति में देरी हुई, और अब उसी देरी का बहाना बनाकर हमें OPS से वंचित किया जा रहा है. हम इस अन्याय के खिलाफ सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे.

OPS-NPS में अंतर

पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत कर्मचारियों को सेवा निवृत्ति के बाद सुनिश्चित पेंशन मिलती थी. जबकि वर्तमान में लागू नई पेंशन योजना (NPS) एक अंशदायी योजना है, जिसमें कर्मचारी और सरकार दोनों एक निश्चित राशि जमा करते हैं. NPS में पेंशन बाजार से जुड़ी होती है, जिसकी राशि तय नहीं होती, जिससे कर्मचारी असुरक्षित महसूस करते हैं.

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