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Pilibhit Crime News: यूपी के पीलीभीत में मेडिकल कॉलेज में बदतमीजी पर डॉक्टरों को तीमारदारों ने पीटा

Pilibhit Crime News: उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत में स्थित राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सम्बद्ध चिकित्सालय की इमरजेंसी में स्टाफ और महिला मरीज के संग आए तीमारदारों में जमकर मारपीट हुई।

Pilibhit Crime News: यूपी के पीलीभीत में मेडिकल कॉलेज में बदतमीजी पर डॉक्टरों को तीमारदारों ने पीटा
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By Ragib Asim

पीलीभीत से निर्मल कांत शुक्ल की रिपोर्ट

Pilibhit Crime News: उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत में स्थित राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सम्बद्ध चिकित्सालय की इमरजेंसी में स्टाफ और महिला मरीज के संग आए तीमारदारों में जमकर मारपीट हुई। तीमारदारों ने रेजीडेंट डॉक्टर को पीटना शुरू किया तो उनको बचाने के लिए कक्ष में मौजूद वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. एसपी सिंह बाहर आए तो तीमारदारों में से किसी ने वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. एसपी सिंह के मुंह पर घुमाकर घूंसा जड़ दिया, उनकी नाक से खून की धार बहने लगी। तीमारदारों ने उनको गिरा-गिराकर पीटा। अन्य स्टाफ को भी चोटें आई। हंगामा करते हुए तीमारदार मरीज को साथ लेकर घटना स्थल से चले गए। चिकित्सक की तहरीर पर 20-25 अज्ञात लोगों के विरुद्ध सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने दो हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है।

घटनाक्रम के अनुसार पीलीभीत शहर में कोतवाली अंतर्गत मोहल्ला देश नगर की एक महिला की शुक्रवार देर रात अचानक तबियत बिगड़ गई तो उसे उसके परिवार अन्य आस पड़ोस के लोग टुकटुक पर लादकर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। रात के करीब 12:30 बज रहे थे, आपातकालीन कक्ष में जूनियर रेजिडेंट डॉ. लवेश अग्रवाल ड्यूटी पर थे। कमरे के अंदर पूरी भीड़ आकर जमा हो गई तो डॉ. लवेश ने उनको बाहर जाने को कहा, इसी पर बात बढ़ गई और धक्कामुक्की शुरू हो गई। मरीज का इलाज न होने पर भड़के तीमारदारों ने गाली गलौज शुरू कर दिया। तीमारदारों की मानें तो हमले की शुरुआत डॉ. लवेश अग्रवाल ने सभी को कमरे से बाहर धकियाते हुए की। जबकि आपातकालीन कक्ष में मौजूद ड्यूटी स्टाफ की माने तो मरीज के साथ आए तीमारदारों में कई शराब पिए हुए थे।


गाली गलौज करते हुए डॉ. लवेश की मारपीट करने लगे। मारो मारो का शोर सुनकर आपातकालीन कक्ष में ड्यूटी पर कार्यरत वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. एसपी सिंह (सत्यपाल सिंह) जूनियर डॉक्टर को पिटता देख उसे बचाने बाहर निकले। तो तीमारदारों में से किसी ने उनके मुंह पर घुमाकर घूंसा जड़ दिया, उनकी नाक से खून की धार बहने लगी। तीमारदारों ने उनको गिरा-गिराकर पीटा। तीमारदारों का कहना है कि डॉ. एसपी सिंह के हाथ में डंडा था जोकि वह कक्ष के अंदर से इरादतन लेकर निकले थे। वह तीमारदारों पर डंडा चलाने लगे। इसी पर बात बढ़ गई। तीमारदारों का कहना है कि स्टाफ के हमला करने से उनके भी कई लोगों के चोटें आई हैं।

आपातकालीन कक्ष से तत्काल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजीव सक्सेना को सूचना दी गई तो वह तत्काल अपने आवास से आपातकालीन कक्ष में पहुंचे। लहूलुहान चिकित्सक का इलाज कराया। पुलिस को सूचना दी। रात में ही वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. सिंह की ओर से कोतवाली में तहरीर दी गई, जिस पर सदर कोतवाली पुलिस ने देर रात मुकदमा दर्ज कर लिया।। करीब एक घंटे तक इंमरजेंसी वार्ड में हंगामा चलता रहा। डॉक्टरों ने घटना की सूचना कोतवाली पुलिस को दी। आरोप है कि काफी देर तक पुलिसकर्मी मौके पर नहीं आए। घायल डॉ. एसपी सिंह स्टाफ के साथ खुद ही देर रात कोतवाली गए और घटना की तहरीर दी। इधर, घटना से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। जिसमें दूसरे पक्ष की भीड़ भी मेडिकल कॉलेज स्टाफ पर अभद्रता करने का आरोप लगाते दिखा।


दो हमलावर गिरफ्तार : कोतवाल

सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक नरेश त्यागी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात हुई घटना में सीसीटीवी के आधार पर पहचान करते हुए दो हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है जोकि मोहल्ला देश नगर के निवासी विपिन व अर्जुन है। अन्य हमलावरों की भी पहचान करके तलाश की जा रही है। "मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों से हुई मारपीट के मामले में चिकित्सक की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। वायरल हुई वीडियो के आधार पर मारपीट करने वाले आरोपियों की पहचान कराई जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। संबधित पुलिस चौकी के इंचार्ज को सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।"

- अंशु जैन, सीओ सिटी

एसपी से मिले प्राचार्य, परिसर में पुलिस की तैनाती के आदेश

मेडिकल कॉलेज में हिंसक घटना के बाद कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. संजीव सक्सेना शनिवार को पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा से जाकर मिले और उन्हें पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। प्राचार्य ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि डॉक्टर खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। प्राचार्य ने चिकित्सकों व अन्य स्टाफ के लिए सुरक्षा व्यवस्था की मांग की। वार्ता के बीच प्राचार्य ने पुलिस अधीक्षक को मेडिकल कॉलेज से संबंध जिला अस्पताल परिसर में पुलिस चौकी के लिए भवन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की, जिस पर पुलिस अधीक्षक ने तत्काल जिला अस्पताल परिसर में 12 घंटे की ड्यूटी पर दो पुलिसकर्मियों की तैनाती किए जाने के आदेश जारी की। अतिशीघ्र परिसर में पुलिस चौकी की स्थापना करा देने का भी आश्वासन दिया।

घटना को शासन ने भी लिया संज्ञान, प्राचार्य से मांगी रिपोर्ट

मेडिकल कॉलेज में हिंसा की घटना संज्ञान में आते ही उत्तर प्रदेश शासन के स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों ने शनिवार को दोपहर में फोन पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजीव सक्सेना से पूरे मामले की विस्तृत जानकारी ली। प्राचार्य ने शासन को बताया कि कुछ लोग शराब पीकर मरीज के साथ आए थे और गाली गलौज करते हुए चिकित्सकों अन्य स्टाफ पर हमलावर हो गए। मामले में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कर दी गई है स्थिति सामान्य है। स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चल रही है।

दर्ज एफआईआर में डॉक्टर ने यह कहा

सदर कोतवाली में आईपीसी की धारा 147, 323, 504, 353, 506 के तहत दर्ज रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि वह और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर लवेश अग्रवाल व इंटर्न आकाश कुमार, वार्ड बॉय ओमप्रकाश, फार्मासिस्ट सुरेंद्र कुमार 26 जनवरी की रात्रि 8:00 बजे से 27 जनवरी को प्रातः 8:00 बजे तक स्वाशासी चिकित्सा महाविद्यालय की इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात थे। रात्रि 12:00 बजे और 1:00 बजे के बीच अज्ञात 20-25 महिलाएं व पुरुष एक मरीज दिखाने लाये। पुरुष एवं कुछ लड़के शराब पिए थे। उनको वार्ड बॉय ओमप्रकाश के रोकने पर मारपीट करने लगे, जिससे हम दोनों चिकित्सकों के चोटें आई हैं। जान से मारने की धमकी देकर गए हैं। यह लोग टमटम से आए थे और देश नगर पता बता रहे थे।

घटना की सूचना पर मेडिकल कॉलेज जा पहुंचे सीएमओ

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक कुमार शर्मा घटना की जानकारी मिलते ही शनिवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचे। सीएमओ ने मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. संजीव सक्सेना से बातचीत कर घटना की जानकारी ली। उन्होंने घटना के विरोध स्वरूप चिकित्सकों की हड़ताल के बारे में भी पूछा तो बताया गया कि कुछ देर के लिए चिकित्सा सेवाएं ठप हो गई थी लेकिन पुलिस अधीक्षक से वार्ता के बाद मिले आश्वासन की जानकारी देने पर हड़ताली चिकित्सक काम पर लौट आए।

मेरा मोबाइल भी तोड़ दिया : डॉ. सिंह

वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि मैं शुक्रवार की रात 8:00 बजे से लेकर शनिवार सुबह 8:00 बजे तक की आपातकालीन वार्ड की ड्यूटी पर था। मैं कमरे में कुछ काम कर रहा था। शोर शराबा सुनकर बाहर आया तो देखा कि लवेश को बहुत सारे लोग मार रहे हैं, तो मैं बीच बचाव करने गया। इस दौरान किसी ने मेरा मोबाइल हाथ से छीन कर पटक दिया। बीच बचाव के दौरान एक छोटा सा लड़का आया और उसने मेरी नाक में घूंसा मार दिया और एक बड़ा सा लड़का था, जिसने धक्का दिया तो मैं गिर गया। उस दौरान मारपीट में मेरे गंभीर चोटें आई है।

साथी से मारपीट के विरोध में मेडिकल कॉलेज में हड़ताल पर गए चिकित्सक

मेडिकल कॉलेज में घटना को लेकर स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ भड़क गया। डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए ओपीडी ठप कर हड़ताल कर दी। सभी चिकित्सक हड़ताल कर सभागार में जमा हो गए। उनकी मांग थी कि जब तक उन्हें सुरक्षा नहीं मिलेगी। तब तक वह ओपीडी नहीं करेंगे। मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य डा. संजीव सक्सेना, महिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार भट्ट ने हड़ताली चिकित्सकों को समझाकर शांत किया।

हड़ताल के चलते जिला अस्पताल में आए मरीजों को ना तो परामर्श मिला ना ही लग पाए एंटी रेबीज इंजेक्शन। घटना को लेकर पूरी तरह ओपीडी सेवा ठप रही। मरीजों ने पर्चा काउंटर पर लाइन में लगकर अपना पर्चो बनवाकर चिकित्सक कक्ष के बाहर इंतजार कर रहे थे। अधिकतर मरीज सर्दी, जुकाम खांसी, सिरदर्द , पेट दर्द आदि की समस्या के थे। एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने आए मरीज भी बैरंग लौटे। बरखेड़ा के रहने वाले दौलतराम न्यूरो सर्जन को दिखाने आए थे। उनके बेटे के सिर में गांठ की समस्या थी। मगर हड़ताल के चलते चिकित्सक नहीं मिल सके। दूर दराज से आए मरीज और तीमारदार दिनभर भटकते रहे। कई घंटे चली वार्ता के बाद पुलिस की ओर से मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई और कैंपस में सुरक्षा के दृष्टिकोण से अस्थायी चौकी बनाने का आश्वासन दिया गया। तब जाकर हड़ताल समाप्त हो सकी। हालांकि दिनभर चली गहमागहमी के दौरान मरीजों को इलाज नहीं मिल सका।


Ragib Asim

Ragib Asim is a senior journalist and news editor with 13+ years of experience in Indian politics, governance, crime, and geopolitics. With strong ground-reporting experience in Uttar Pradesh and Delhi, his work emphasizes evidence-based reporting, institutional accountability, and public-interest journalism. He currently serves as News Editor at NPG News.

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