Same-Sex Marriage: मर्दों से टूटा भरोसा? दो सहेलियों ने की अनोखी शादी! एक-दूसरे को बनाया जीवनसाथी, जानिए पूरी कहानी
Same-Sex Marriage: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के कचहरी परिसर में स्थित शिव मंदिर एक अनोखी शादी का गवाह बना। यहां दो सहेलियों, जिन्हें प्यार से गोलू और विभा (काल्पनिक नाम) बुलाया जा रहा है, ने वरमाला पहनाकर और सात फेरे लेकर एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाईं।

Same-Sex Marriage: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के कचहरी परिसर में स्थित शिव मंदिर एक अनोखी शादी का गवाह बना। यहां दो सहेलियों ने वरमाला पहनाकर और सात फेरे लेकर एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाईं। दोनों ने ऐलान किया कि वे अब पति-पत्नी की तरह जीवनभर एक-दूसरे का साथ निभाएंगी। यह खबर कचहरी परिसर में चर्चा का विषय बनी हुई है, जहां कुछ लोग इसे साहसी कदम मान रहे हैं, तो कुछ सामाजिक और कानूनी पहलुओं पर बहस कर रहे हैं।
तीन महीने में दोस्ती से शादी तक का सफर
अलापुर थाना क्षेत्र की गोलू और सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र की विभा की मुलाकात करीब तीन महीने पहले कचहरी परिसर में एक अधिवक्ता के चेंबर में हुई थी। मुलाकात के बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई, जो जल्द ही गहरी दोस्ती में बदल गई। यह दोस्ती इतनी गहरी हुई कि दोनों ने एक-दूसरे को जीवनसाथी बनाने का फैसला कर लिया। दोनों युवतियां शादीशुदा हैं और अपने पतियों से धोखा और उत्पीड़न का दंश झेल चुकी हैं। उन्होंने बताया, "पुरुषों ने हमारा इस्तेमाल किया और हमें छोड़ दिया। इससे हम मानसिक रूप से टूट गए थे।"
मर्दों से टूटा भरोसा, लिया साहसी फैसला
गोलू और विभा ने बताया कि पुरुषों ने उन्हें केवल धोखा दिया। इससे आहत होकर उन्होंने एक-दूसरे को जीवनसाथी चुनने का फैसला किया। गोलू इस रिश्ते में पति की भूमिका निभा रही हैं वह पहले पश्चिमी दिल्ली में बेबी केयर का काम करती थीं। वहीं, विभा ने देहरादून की एक सिक्योरिटी कंपनी में नौकरी की थी। दोनों ने हाईस्कूल तक पढ़ाई की है और अब बदायूं में रह रही हैं। शादी के बाद वे भविष्य की जिम्मेदारियों को मिलकर निभाने को तैयार हैं।
शिव मंदिर में हुई हिंदू रीति से शादी
एडवोकेट दिवाकर वर्मा ने मीडिया को बताया कि दोनों युवतियां उनके चेंबर में आईं और अपनी मर्जी से शादी करने की इच्छा जताई। कानूनी सहमति के लिए एक एग्रीमेंट तैयार किया गया, जिस पर दोनों ने दस्तखत किए। इसके बाद शिव मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज के साथ विवाह की रस्में पूरी की गईं। मंदिर में वरमाला और सात फेरे लेते हुए दोनों ने एक-दूसरे के प्रति वफादारी की कसम खाई।
परिवार का रुख
दोनों ने अपने परिवारवालों को इस फैसले की जानकारी दे दी है। उनका कहना है, "अगर परिवार हमारा साथ देता है, तो ठीक है। नहीं तो हम दिल्ली जाकर मेहनत-मजदूरी करेंगे और एक-दूसरे का सहारा बनकर जिंदगी बिताएंगे।" दोनों का मानना है कि यह फैसला उनके लिए नया जीवन शुरू करने का मौका है, जहां वे एक-दूसरे के साथ खुशी और सम्मान से रह सकती हैं।
इस अनोखी शादी ने कचहरी परिसर में हलचल मचा दी है। कुछ लोग इसे दो टूटे हुए दिलों का साहसी और प्रेरणादायक फैसला मान रहे हैं, जो सामाजिक बंधनों को तोड़ता है। वहीं, कुछ लोग इसकी कानूनी मान्यता और सामाजिक स्वीकार्यता पर सवाल उठा रहे हैं। भारत में समलैंगिक विवाह को अभी पूर्ण कानूनी मान्यता नहीं मिली है।
