Lucknow Gastronomy City Explainer Hindi: क्यों मिला लखनऊ को UNESCO की ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ का सम्मान? जानिए क्या हैं इसके मायने
Lucknow Gastronomy City Explainer Hindi: लखनऊ को यूनेस्को की ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ की मान्यता मिली है। जानिए इस सम्मान का मतलब, प्रक्रिया और इससे क्या बदलेगा शहर के खानपान व पर्यटन में।

Lucknow Gastronomy City Explainer Hindi: लखनऊ को यूनेस्को की क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी की मान्यता मिली है। आइये जानते हैं इस सम्मान का मतलब, प्रक्रिया और इससे क्या बदलेगा शहर के खानपान व पर्यटन में।
1. आखिर यह सम्मान है क्या?
यूनेस्को की क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क पहल 2004 में शुरू हुई थी। इसका मकसद दुनिया के उन शहरों को सम्मान देना है जो संस्कृति और रचनात्मकता को अपने विकास का आधार बनाते हैं। इसमें सात कैटेगरी हैं- साहित्य, संगीत, फिल्म, डिजाइन, मीडिया आर्ट, हस्तकला और गैस्ट्रोनॉमी यानी पाककला। ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ का दर्जा उन्हें मिलता है जो खानपान की परंपरा, स्वाद में नवाचार और सांस्कृतिक विविधता को साथ लेकर चलते हैं।
2. लखनऊ को कैसे मिली यह मान्यता?
लखनऊ को यह सम्मान उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुए यूनेस्को महासम्मेलन में दिया गया। भारत ने इस कैटेगरी के लिए लखनऊ का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें शहर की अवधी पाक परंपरा, टिकाऊ फूड प्रैक्टिसेज़ और सांस्कृतिक संवाद को प्रमुख आधार बनाया गया। यूनेस्को ने यह भी देखा कि लखनऊ सिर्फ इतिहास नहीं बल्कि आधुनिक नवाचारों के ज़रिए अपनी रसोई परंपरा को भविष्य से जोड़ रहा है।
3. अवधी खानपान की खासियत क्या है?
लखनऊ की पहचान धीमी आंच पर पकने वाले स्वाद से है। गलौटी कबाब, अवधी बिरयानी, शीरमाल, काकोरी कबाब, मक्खन मलाई और टुंडे कबाब जैसी डिशेज़ लखनऊ के पाककला को दर्शाती हैं। यह सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि सभ्यता और तहज़ीब की पहचान भी है जहाँ खाना मिल-बैठकर साझा करने की संस्कृति का हिस्सा है।
4. इससे लखनऊ को क्या मिलेगा?
इस मान्यता से लखनऊ को वैश्विक मंच पर गैस्ट्रोनॉमी टूरिज्म हब के रूप में प्रमोशन का मौका मिलेगा।
शहर अब अंतरराष्ट्रीय फूड फेस्टिवल्स का हिस्सा बनेगा।
अवधी खानपान को ब्रांड वैल्यू मिलेगी।
स्थानीय शेफ्स और होटल इंडस्ट्री को अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
लखनऊ के पर्यटन सेक्टर में रोजगार और निवेश दोनों बढ़ेंगे।
5. उत्तर प्रदेश के लिए क्यों अहम है यह उपलब्धि?
उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि राज्य को कल्चर + टूरिज्म इकोनॉमी में नई पहचान मिले। 2024 में लखनऊ में 82.7 लाख पर्यटक आए थे, जबकि 2025 के पहले छह महीनों में ही 70 लाख का आंकड़ा पार हो गया। अब उम्मीद है कि Taste of Lucknow ब्रांड के तहत राज्य का पर्यटन और भी तेज़ी से बढ़ेगा।
