IPS Ashish Gupta News: कौन है IPS आशीष गुप्ता? सरकार और पुलिस की कार्य शैली से परेशान होकर लिया VRS, लगाए गंभीर आरोप
IPS Ashish Gupta News: उत्तर प्रदेश के सीनियर आईपीएस आशीष गुप्ता(IPS Ashish Gupta) ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति(VRS) ले लिया है. उन्होंने वीआरएस के लिए अप्लाई किया था जो मंजूर हो गया है.

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IPS Ashish Gupta News: उत्तर प्रदेश के सीनियर आईपीएस आशीष गुप्ता(IPS Ashish Gupta) ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति(VRS) ले लिया है. उन्होंने वीआरएस के लिए अप्लाई किया था जो मंजूर हो गया है. आईपीएस आशीष गुप्ता ने उत्तर प्रदेश सरकार और यूपी के कार्यशैली और व्यवहार से दुखी होकर वीआरएस लिया है. वहीँ अब उनके वीआरएस से यूपी में सियासत छिड़ गयी है.
आईपीएस आशीष गुप्ता के वीआरएस पर अखिलेश यादव ने उठाये सवाल
सीनियर आईपीएस आशीष गुप्ता के रिटायरमेंट पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आयी है. अखिलेश यादव ने सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कई वरिष्ठ आईपीएस महत्वपूर्ण पदों से वंचित रखे जाने का आरोप लगाया है. अखिलेश यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "ये समाचार चिंताजनक है कि उप्र पुलिस के वरिष्ठतम लोग, जो वर्तमान व्यवस्था में महत्वपूर्ण पदों से वंचित रखे गये, वो इन अनैच्छिक परिस्थितियों में ‘ऐच्छिक सेवानिवृत्ति’ लेने पर मजबूर हैं. इससे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों का मनोबल टूटता है, जिसका ख़ामियाज़ा प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था और जनता को भुगतना पड़ता है.
भाजपा सरकार में जब वरिष्ठ-कनिष्ठ का कोई मतलब ही नहीं बचा है तो ‘वरिष्ठता क्रम की सूची’ बनाने का क्या मतलब. वरिष्ठता में 1-2 के फेरबदल को तो कार्य के स्वरूप के आधार या किसी अन्य पैमाने पर उचित ठहराया भी जा सकता है लेकिन 10-12 के अंतर को नहीं. सामान्य रूप से किसी अधिकारी को किसी पद पर चुनने का आधार व्यक्तिगत पंसद, विचारधारा या सत्ता का अंदरूनी झगड़ा नहीं होना चाहिए बल्कि उस पद विशेष के लिए, अधिकारी की पदानुक्रमता के साथ-साथ योग्यता और अनुभव का समेकित संतुलित आधार होना चाहिए.
भाजपा सरकार अधिकारियों का मनोबल गिरा कर कुछ भी हासिल नहीं कर सकती है. हाल की कुछ घटनाओं में ये देखा गया है कि कुछ अधिकारियों को चिन्हित करके, उनके विभाग के अदंर और सोशल मीडिया के स्तर पर बाहर से, उनको या उनके परिवारों को प्रताड़ित-अपमानित किया गया है. भाजपाइयों द्वारा चलाया गया ये चलन बंद होना चाहिए. भाजपाई ईमानदारी को पुरस्कृत नहीं करती है तो न करे, लेकिन तिरस्कृत भी न करे. चिंतनीय भी, निंदनीय भी!
क्या है मामला
दरअसल, 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी आशीष गुप्ता ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली और व्यवहार से दुखी होकर वीआरएस ले लिया है. उनके कार्यकाल को अभी दो वर्ष बचा था. वो लंबे इंतजार के बाद भी पोस्टिंग नहीं मिलने से नाराज थे. जिसके बाद उनका आवेदन स्वीकार कर लिया है. 10 जून को पुलिस मुख्यालय के अमर शहीद भगत सिंह लाउंज में उनका विदाई समारोह किया जाएगा.
कौन है आईपीएस आशीष गुप्ता
आईपीएस आशीष गुप्ता 1989 बैच के अफसर है. वो मूलरूप से लखनऊ के रहने वाले है. वर्त्तमान में डीजी रूल्स ऐड मैनुअल्स की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. उनका जन्म आशीष गुप्ता का जन्म 25 दिसंबर 1966 को हुआ था. उन्होंने आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया है. इसके बाद उन्होंने आईआईएम का टेस्ट दिया और आईआईएम से एमबीए किया. इसके बाद वो सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी करने लगे. और 1988 में उनका चयन आईपीएस के लिए हो गया. 1989 में उन्हें यूपी कैडर का आईपीएस नियुक्त किया गया.
आईपीएस आशीष गुप्ता कई बड़े पद पर चुके हैं. वो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भी रहे हैं. वह केंद्र सरकार की आतंकवाद निरोधक एजेंसी के आईटी विंग नेटग्रिड के सीईओ भी रह चुके हैं. वह बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. साल 2022 दिसंबर में आईपीएस आशीष गुप्ता को वापस मूल कैडर यूपी बुला लिया गया था. जहाँ 6 माह तक उन्हें वेटिंग में रखा गया था. 6 माह बाद उन्हें जून 2023 में उन्हें डीजी रूल्स एंड मैनुअल्स बनाया गया था. लेकिन दो साल बाद भी आईपीएस आशीष गुप्ता अब भी यहीं तैनात हैं. जिससे नाराज होकर उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन किया. सूत्रों के अनुसार वो अब चुनाव लड़ सकते हैं.