DGP Appointment Rules: डीजीपी की नियुक्ति का नियम बदला, सरकार अब चुन सकेगी अपनी पसंद का पुलिस महानिदेशक, जानिए डिटेल
DGP Appointment Rules:उत्तर प्रदेश सरकार अब अपनी पसंद का पुलिस महानिदेशक (DGP) चुन सकेगी. डीजीपी की नियुक्ति के लिए नई नियमावली तैयार कर ली गयी है. जिसे योगी सरकार के कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.
DGP Appointment Rules: उत्तर प्रदेश सरकार अब अपनी पसंद का पुलिस महानिदेशक (DGP) चुन सकेगी. डीजीपी की नियुक्ति के लिए नई नियमावली तैयार कर ली गयी है. जिसे योगी सरकार के कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.
डीजीपी नियुक्ति नियमावली 2024 को मिली मंजूरी
जानकारी के अनुसार, सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक हुई थी. जिसमें पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश(उत्तर प्रदेश के पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024 को मंजूरी मिल गयी है. नई नियमावली के अनुसार, सरकार अब खुद ही डीजीपी की नियुक्ति करेगी. डीजीपी की नियुक्ति के लिए यूपीएससी से मंजूरी की जरूरत नहीं होगी. इसके तहत डीजीपी नियुक्त करने के लिए अधिकारियों के नाम का पैनल यूपीएससी को नहीं भेजना पड़ेगा.
डीजीपी की नियुक्ति के लिए हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में एक पांच सदस्य कमेटी का गठन किया जाएगा. समिति में मुख्य सचिव, संघ लोक सेवा आयोग और यूपी लोक सेवा आयोग से नामित एक-एक व्यक्ति, अपर मुख्य सचिव गृह और एक रिटायर डीजीपी भी होंगे. डीजीपी के पद पर उसी अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जिनकी सेवा अवधि कम से कम छह माह बाकी हो. इसके अलावा अफसर वेतन मैट्रिक्स के स्तर 16 में पुलिस महानिदेशक के पद पर कार्यरत होना चाहिए. आईपीएस अधिकारी के सेवा रिकॉर्ड व अनुभव को महत्व दिया जायेगा.
नई नियमावली के अनुसार, नियुक्त किये गये डीजीपी का कार्यकाल 2 साल का होगा. इतना ही नहीं डीजीपी के कार्यों से संतुष्ट न होने पर राज्य सरकार उन्हें हटा भी सकती है. साथ ही सरकार सेवा अवधि बढ़ा भी सकती है. बता दें, उत्तरप्रदेश के मौजूदा डीजीपी प्रशांत कुमार राज्य के चौथे कार्यवाहक डीजीपी है. वह अगले साल 31 मई को रिटायर हो जाएंगे. राज्य को कई सालों से परमानेंट डीजीपी नहीं मिला है.
कौन करता है नियुक्ति
आमतौर पर डीजीपी की नियुक्ति के संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) करता है. डीजीपी नियुक्त की नियुक्ति के लिए अधिकारियों के नाम का पैनल यूपीएससी को भेजा जाता है. जिनमे से संघ लोक सेवा आयोग तीन सीनियर अधिकारियों के नाम का चयन करता है. इसके बाद राज्य सरकार तीन सीनियर अधिकारियों में से एक अधिकारी का चयन करता है. जिसे डीजीपी नियुक्त किया जाता है.
जानिये कैसे होता है डीजीपी का सलेक्शन
DGP Salection 2024: राज्यों के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) चयन की एक निधार्रित प्रक्रिया है। इसमें राज्य के साथ ही संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और केंद्रीय गृह मंत्रालय की भी भूमिका रहती है।
राज्य सरकार यूपीएससी को डीजीपी नियुक्ति के लिए नामों का पेनल भेजती है। इसके बाद फिर यूपीएससी में मीटिंग होती है। इसमें यूपीएससी चेयरमैन खासतौर से मौजूद रहते हैं। किसी विषम परिस्थितियों की वजह से वे नहीं आ पाए तो उनके बदले में कोई मेम्बर होता है। इसके अलावा भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ होम का कोई नामिनी, मसलन ज्वाइंट सिकरेट्री लेवल का कोई अफसर होता है। और संबंधित राज्य के चीफ सिकरेट्री और वर्तमान डीजीपी। ये चारों मिलकर गुण-दोष के आधार पर पेनल तैयार करते हैं।
डीजीपी पद के लिए योग्यता
यद्यपि डीजीपी बनने के लिए 30 बरस की सेवा जरूरी है। इससे पहले स्पेशल केस में एकाध साल पहले भारत सरकार डीजीपी बनाने की अनुमति दे सकती है। छोटे राज्यों में जहां आईपीएस का कैडर छोटा होता है, सो वहां अफसर मिल नहीं पाते। इसको देखते भारत सरकार ने डीजीपी के लिए 30 साल की सर्विस की जगह 25 साल कर दिया है। मगर बड़े राज्यों के लिए यह प्रासंगिक नहीं है। क्योंकि, जब 30 साल की सेवा वाले उपर में कई अफसर हैं तो फिर नीचे के अफसर को कैसे डीजीपी बनाया जा सकता है।