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Bareilly Violence: मौलाना तौकीर रजा समेत 8 गिरफ्तार, इंटरनेट सेवा बंद, धारा 144 लागू, जानिए क्या है पूरा मामला

Bareilly Violence: उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई हिंसा के मामले को लेकर इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार, 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद भारी बवाल हुआ था।

Bareilly Violence: मौलाना तौकीर रजा समेत 8 गिरफ्तार, इंटरनेट सेवा बंद, धारा 144 लागू, जानिए क्या है पूरा मामला
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By Ragib Asim

Bareilly Violence: उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई हिंसा के मामले को लेकर इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार, 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद भारी बवाल हुआ था। बरेली की अल हजरत दरगाह के आसपास मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर लेकर भारी संख्या में सड़क पर उतर गए। देखते ही देखते इस विरोध प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसके बाद पुलिस को मजबूरन लाठीचार्ज करना पड़ा। इस गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा समेत 8 लोगों को जेल भेज दिया।

मौलाना पर 7 FIR हुए दर्ज

पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस हिंसा के मामले में लगातार FIR दर्ज की जा रही है। बरेली के एसएसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले को लेकर 10 FIR दर्ज की गईं। वहीं, पुलिस ने अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है और कुल 39 लोगों को हिरासत में लिया। मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ कुल 7 FIR दर्ज हैं। इस हिंसा में कुल 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।


लोगों ने जताई नाराजगी

इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के मुखिया मौलाना तौकीर रजा खान ने आई लव मोहम्मद अभियान को सपोर्ट करते हुए प्रदर्शन का ऐलान किया था। प्रशासन की मंजूरी नहीं मिलने के कारण उन्होंने प्रदर्शन को ऐन मौके पर टाल दिया। लोगों को जब प्रदर्शन रद्द होने की खबर मिली तो वे नाराज हो गए। साथ ही मस्जिद के पास और रजा के घर के बाहर इकट्ठा हो कर अपनी नाराजगी जताई।

पुलिस का बड़ा एक्शन

पुलिस ने कहा कि स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से संभालने की कोशिश की गई, लेकिन भीड़ ने बैरिकेड तोड़े और पत्थरों से हमला किया। मौके से भारी मात्रा में पत्थर, ब्लेड, पिस्तौल और कारतूस तथा पेट्रोल जैसे गंध वाली टूट‍ी हुई कांच की बोतलें बरामद हुई हैं। जांच जारी है और सीसीटीवी फुटेज, मैनुअल और तकनीकी तरीकों से सभी शामिल लोगों की पहचान की जाएगी। एसएसपी अनुराग आर्य ने मीडिया आगे बताया कि, इस घटना में 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कुछ के चोटों को लेकर शक है कि वे गोली लगने से हुई हों, जिसकी अंतिम मेडिकल जांच जारी है। उन्होंने कहा कि यह साफ है कि प्रदर्शनकारियों ने गोली चलाई थी। उस समय 2500 से 3000 लोग मौजूद थे, जिनकी पहचान करने की कोशिश की जा रही है।


कौन हैं मौलाना तौकीर रजा?

मौलाना तौकीर रजा बरेली के एक धार्मिक नेता हैं। वह इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख हैं। तौकीर रजा आला हजरत खानदान से आते हैं। तौकीर के ही खानदान ने इस्लाम धर्म के सुन्नी बरेलवी मसलक की शुरुआत की थी। 2001 में तौकीर रजा पॉलिटिक्‍स में उतरे। उन्‍होंने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई। हालांकि 2009 में वह कांग्रेस के साथ हो गए। फिर 2012 के विधानसभा चुनाव में तौकीर रजा ने समाजवादी पार्टी का समर्थन किया। 2013 मुजफ्फरनगर दंगे के बाद तौकीर रजा और सपा की राहें अलग हो गईं। 2014 चुनाव में तौकीर रजा ने बसपा का साथ दिया।

जुमे की नमाज के बाद क्या हुआ था

गौरतलब है कि शुक्रवार को बरेली में जुमे की नमाज के बाद अचानक से लोगों की भीड़ सड़क पर उतर आई थी। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो लोग पथराव करने लगे। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। लोग जूते चप्‍पल सड़कों पर छोड़कर जान बचाने के लिए भागे। कई लोग चोटिल भी हुए हैं। मौलाना तौकीर रजा ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। इसके बाद हिंसा भड़की है। इस आरोप में पुलिस ने मौलाना समेत 40 लोगों को अरेस्‍ट कर लिया है।

2010 में भी बरेली में दंगा कराने का आरोप

तौकीर रजा का विवादों से पुराना नाता है। वह पहले भी कई मामलों में विवादित बयान दे चुके हैं। उन्‍होंने नागरिकता कानून के खिलाफ दिया था। वह बांग्‍लादेशी उपन्‍यासकार तस्लीमा नसरीन के खिलाफ फतवा जारी कर चुके हैं। मौलाना के ऊपर 2010 में भी बरेली में दंगा करवाने का आरोप है।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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