Khan News And Updates Hindi: सपा नेता आजम खान और उनके परिवार को बड़ी राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सजा पर लगाई रोक
Azam Khan News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान और उनके परिवार के लिए राहत की खबर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम खान को मिली सात साल की सजा पर रोक लगा दी है।
Azam Khan News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान और उनके परिवार के लिए राहत की खबर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजम खान को मिली सात साल की सजा पर रोक लगा दी है। हालांकि, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम की सजाओं पर रोक नहीं लगाई गई है, लेकिन तीनों को जमानत मिल गई है।
फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामला
अब्दुल्ला आजम के दो बर्थ सर्टिफिकेट बनवाए जाने और उनका दुरुपयोग किए जाने के मामले में रामपुर की स्पेशल कोर्ट ने सात-सात साल की सजा सुनाई थी। आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे ने इस सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। तीनों याचिकाओं पर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने 14 मई को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
कोर्ट द्वारा पूछे गए सवाल
- जब इस मामले में आपराधिक साजिश की धारा 120 बी जोड़ी गई तो साक्ष्य क्यों नहीं जुटाए गए?
- अग्रिम विवेचना आदेश क्यों नहीं दिया गया?
- जन्म प्रमाणपत्र जारी करने वाली संस्था नगर निगम के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
- क्या जन्म प्रमाणपत्र एक मूल्यवान दस्तावेज है?
महाधिवक्ता ने जवाब दिया कि इस जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर कई मूल्यवान दस्तावेज तैयार किए गए थे। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया था।
स्पेशल कोर्ट की सजा
आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को रामपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने जन्म प्रमाणपत्र मामले में सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई थी।
शिकायत और चुनाव रद्द
2017 के विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला खान स्वार से विधायक चुने गए थे। प्रतिद्वंदी प्रत्याशी नवाब काजिम अली खां उर्फ नावेद मियां और बाद में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र पर अब्दुल्ला के चुनाव लड़ने की शिकायत की थी। इस पर हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला का चुनाव रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली।
अब्दुल्ला आजम के शैक्षिक प्रमाण पत्र में उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज है जबकि नगर निगम लखनऊ से जारी प्रमाणपत्र में 30 सितंबर 1990 दर्ज है। आजम खान सहित तीनों के खिलाफ फर्जी जन्म प्रमाणपत्र तैयार करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था।
भाजपा विधायक की प्रतिक्रिया
रामपुर से शहर विधायक आकाश सक्सेना ने कहा कि 3 जनवरी 2019 को हमने यह मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें अब्दुल्ला आजम के दो बर्थ सर्टिफिकेट का जिक्र था। यह मुकदमा पूरी तरह पेपर एविडेंस के आधार पर है।
उन्होंने कहा कि आजम ने अपने बेटे को विधायक बनाने के लिए पहले रामपुर का बर्थ सर्टिफिकेट बनवाया और जब रामपुर के बर्थ सर्टिफिकेट से उनकी एज पूरी नहीं हुई तो लखनऊ का बर्थ सर्टिफिकेट बनवाकर विधायक बनवाया। पूरी जांच के बाद यह सही पाया गया और 18 अक्टूबर 2023 को रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें सजा दी। आकाश सक्सेना ने बताया कि हम इस आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और इसके बाद इस आदेश को लेकर सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे।