दर्दनाक हादसा: चलती बस में घुसा 100 फीट लम्बा पाइप, महिला का सिर धड़ से अलग… दो की हुई मौत….कई घायल
जयपुर 2 दिसंबर 2020. पाली जिले में जयपुर-अहमदाबाद एनएच-162 पर सांडेराव से तीन किलोमीटर पहले पाली की तरफ अंडरग्राउंड गैस पाइप लाइन डालने वाली कंपनी के कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही के चलते बड़ा हादसा हो गया। मंगलवार शाम करीब 4.30 बजे भूमिगत गैस पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा था। कंपनी की टीम 100 फीट लम्बे पाइप को हाइड्रोलिक मशीन के जरिए खड्डे में डाल रही थी, लेकिन पाइप हवा में लहराता हुआ वहां से गुजर रही निजी ट्रैवल्स की बस में घुस गया और बस के आर-पार हो गया। इस हादसे में बस में बैठी एक महिला का सिर धड़ से अलग हो गया और एक युवक का सिर फट गया। इसके अलावा 13 लोग घायल हो गए। मौके पर अफरा-तफरी मच गई। पुलिस को सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंच गई। शव को बाहर निकाला गया। घायलों को सांडेराव अस्पताल लाया गया। दो घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने हाईवे को फिर से चालू कराया।
बस में मच गई अफरातफरी
बताया जा रहा है कि चलती बस में जैसे ही पाइप घुसा और महिला का सिर धड़ से अलग हुआ। मुसाफिरों में हड़कंप मच गया। इस दौरान पूरी बस में खून फैल गया, जिसे देखकर लोग घबरा गए और किसी भी तरह बस से निकलने की कोशिश करने लगे।
पुलिस ने कंपनी की जेसीबी को किया था जब्त
पुलिस ने बताया कि काम के समय रोड को एक तरफा नहीं किया गया, जिसकी वजह से यह हादसा हो गया। चार दिन पहले पुलिस ने इसी कंपनी के जेसीबी और ट्रैक्टर को हाईवे पर गलत तरीके से खड़े रहने के कारण जब्त कर लिया था। इसके बावजूद कंपनी ने लापरवाही बरतती रही।
इस हादसे के लिए भूमिगत पाइप बिछाने वाली कंपनी को जिम्मेदार माना जा रहा है। दरअसल, कंपनी के कर्मचारियों और अफसरों ने चलते ट्रैफिक के बीच काम चालू कर दिया। इस दौरान उन्होंने कोई ऐहतियात नहीं बरती, जिसके चलते दर्दनाक हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि काम के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने डायवर्जन नहीं किया और न ही कंपनी ने इसको लेकर सख्ती बरती। वहीं, निजी बस के चालक और परिचालक ने हाइड्रोलिक मशीन पर लटक रहे लम्बे-चौड़े पाइप पर ध्यान नहीं दिया और हादसा हो गया।
तीन की हालात गम्भीर होने के चलते उन्हें पाली रेफर किया गया, जिनका इलाज चल रहा है. हादसे के बाद बस चालक और परिचालक फरार हो गए. बड़ा सवाल यह है कि 80 फीट लंबे पाइप के लिए एक हाइड्रोमशीन ही काम ली गई तो दोनों छोर पर सुरक्षा के कोई उपाय क्यों नहीं किए गए?