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Yasin Malik Wife : अलगाववादी यासीन मलिक की पत्नी Mushaal Malik पाकिस्तान में बनी कैबिनेट मंत्री, जानें कौन हैं Mushaal Malik

Yasin Malik Wife : कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) की पत्नी को पाकिस्तान सरकार ने मंत्री बनाया है। पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर ने कैबिनेट में मुशाल हुसैन मलिक को मंत्री के दर्जा दिया है।

Yasin Malik Wife : अलगाववादी यासीन मलिक की पत्नी Mushaal Malik पाकिस्तान में बनी कैबिनेट मंत्री, जानें कौन हैं Mushaal Malik
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By S Mahmood

Yasin Malik Wife : कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) की पत्नी को पाकिस्तान सरकार ने मंत्री बनाया है। पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर ने कैबिनेट में मुशाल हुसैन मलिक को मंत्री के दर्जा दिया है। मुशाल (Mushaal Malik) को मानवाधिकार मामलों पर पीएम के सलाहकार के रूप में शामिल किया है। वहीं, मुशाल मलिक पहले से अपने पति के लिए पाकिस्तान के नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से लगातार मदद की अपील कर रही है।

कौन है मुशाल हुसैन ?

यासीन मलिक (Yasin Malik) की पत्नी मुशाल हुसैन का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। उनके पिता अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त अर्थशास्त्री थे जबकि मां पाकिस्तान मुस्लिम लीग की महिला इकाई की पूर्व महासचिव रह चुकी हैं। मुशाल के भाई हैदर अली मलकि विदेश नीति के विद्वाान और अमेरिका में प्रोफेसर हैं।

मुशाल को पेंटिंग का बहुत शौक हैं। उन्होंने छह साल की उम्र में ही पेंटिंग करनी शुरू कर दी थी।वह सेमी-न्यूज पेंटिंग्स के लिए बहुत लोकप्रिय हैं।उन्होंने कश्मीर के लोगों की व्यथित दशा को दर्शाते हुए कई पेंटिंग्स बनाई हैं। वह पाकिस्तान में पीस एंड कल्चर ऑर्गेनाइजेशन की चेयरपर्सन भी हैं। यह संगठन वैश्विक शांति और सौहार्द के लिए काम करता है और संस्कृति एवं विरासत को सहेजने पर काम करता है।

यासीन की मुशाल की पहली मुलाकात 2005 में हुई थीं। उस समय यासीन कश्मीरी अलगाववादी आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने के लिए इस्लामाबाद गए थे। मुशाल भी उस कार्यक्रम में आई थीं, जहां यासीन ने फैज अहमद फैज की लोकप्रिय कविता हम देखेंगे कविता का पाठ किया था। दोनों ने बाद में 2009 में शादी कर ली। बता दें कि मुशाल, यासीन मलिक से 20 साल छोटी हैं।

यासीन मलिक आतंकी और अलगाववादी गतिविधि में शामिल रहा है और उसकी गतिविधियों को ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ मानते हुए फांसी की सजा देने की भी मांग की गई थी। यासीन मलिक को आईपीसी की धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) के तहत दोषी ठहराया गया था, जिसमें मौत की सजा का प्रावधान है। बता दें कि टेरर फंडिंग केस में NIA ने यासीन मलिक के लिए सजा-ए-मौत की मांग की है।

यासीन मलिक (Yasin Malik) को पिछले साल मिली थी उम्रकैद की सजा

  • पिछले साल 24 मई को एनआईए कोर्ट ने यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
  • यासीन मलिक को ट्रायल कोर्ट ने यूएपीए की धारा 121 और धारा 17 (टेरर फंडिंग) के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई थी। यानी, दो अलग-अलग मामलों में उम्रकैद की सजा मिली थी।
  • इसके अलावा मलिक को पांच अलग-अलग मामलों में 10-10 साल और तीन अलग-अलग मामलों में 5-5 साल जेल की सजा सुनाई थी।
  • इसके अलावा यासीन मलिक 1990 में एयरफोर्स के चार जवानों की हत्या का भी दोषी है। उसने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद का अपहरण भी किया था।
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