Begin typing your search above and press return to search.

Social Media Regulation : सोशल मीडिया कंपनियों पर सरकार सख्त : अश्लील और चाइल्ड पोर्नोग्राफी वाले कंटेंट पर अब सीधे होगी जेल

इंटरनेट की दुनिया में बढ़ती अश्लीलता और आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर केंद्र सरकार ने अब सख्त रुख अपना लिया है।

Social Media Regulation : सोशल मीडिया कंपनियों पर सरकार सख्त : अश्लील और चाइल्ड पोर्नोग्राफी वाले कंटेंट पर अब सीधे होगी जेल
X

Social Media Regulation : सोशल मीडिया कंपनियों पर सरकार सख्त : अश्लील और चाइल्ड पोर्नोग्राफी वाले कंटेंट पर अब सीधे होगी जेल

By UMA

Social Media Censorship India : नई दिल्ली। इंटरनेट की दुनिया में बढ़ती अश्लीलता और आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर केंद्र सरकार ने अब सख्त रुख अपना लिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को एक कड़ी चेतावनी जारी करते हुए साफ कर दिया है कि अगर उनके प्लेटफॉर्म पर अश्लील, अभद्र या बाल यौन शोषण से जुड़ी सामग्री पाई गई, तो कंपनियों को गंभीर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा। यहाँ तक की जेल की हवा भी खानी पड़ सकती हैं

Social Media Censorship India : लापरवाही बरती तो छिन जाएगी सुरक्षा

सरकार ने कंपनियों को आईटी एक्ट की धारा 79 और आईटी नियम 2021 की याद दिलाई है। दरअसल, अब तक सोशल मीडिया कंपनियों को इंटरमीडियरी होने के नाते यूजर द्वारा डाले गए कंटेंट पर कानूनी सुरक्षा मिलती थी, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन होने पर यह सुरक्षा खत्म कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि कंपनियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट के तहत आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जा सकेंगे।

साइटों की समीक्षा के आदेश

मंत्रालय ने सभी कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे तत्काल अपने प्लेटफॉर्म्स की समीक्षा करें। सरकार का कहना है कि यह देखा जा रहा है कि कई प्लेटफॉर्म्स अभद्र और गैरकानूनी कंटेंट पर पर्याप्त सख्ती नहीं बरत रहे हैं। मंत्रालय ने सख्त लहजे में कहा है कि कंपनियां सिर्फ एक जरिया नहीं बन सकतीं, उन्हें अपने प्लेटफॉर्म को साफ-सुथरा रखने की जिम्मेदारी भी उठानी होगी।

शिकायत के 24 घंटे के भीतर हटानी होगी फोटो/वीडियो

आईटी नियम 2021 के प्रावधानों को दोहराते हुए सरकार ने कहा कि अगर कोई यूजर किसी ऐसी फोटो या वीडियो की शिकायत करता है जो उसकी निजता का उल्लंघन करती है या उसे आपत्तिजनक रूप में दिखाती है, तो कंपनियों को उसे 24 घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य है। विशेष रूप से बाल यौन शोषण से जुड़े कंटेंट पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने को कहा गया है।

क्यों पड़ी इस आदेश की जरूरत?

हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा, डीपफेक और अश्लील वीडियो की बाढ़ सी आ गई है। कई बार शिकायत के बाद भी कंपनियां कार्रवाई करने में ढिलाई बरतती हैं। सरकार के इस ताजा कदम का उद्देश्य इंटरनेट को महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित बनाना है। मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि कानून का पालन न करने वाली कंपनियों पर कड़ी करवाई की जाएगी

Next Story