Relationship Tips : पुरानी शादी में फिर से नया रस घोलने के लिए पुरुषों के बहुत काम आएंगे ये टिप्स...
Relationship Tips : शादी की शुरुआत हमेशा उत्साह से भरी हुई होती है।शादी के दिन तो हर कपल को यूं लगता है कि हमारी जोड़ी दुनिया की बेस्ट जोड़ी है। हम एक दूसरे के साथ इतने शानदार तरीके से जीवन बिताएंगे कि शादी पर जोक बनाने वाले मुंह ताकते रह जाएंगे। हम एक दूसरे के लिए सबसे खास हैं और आजन्म रहेंगें। हम एक दूसरे की गलतियों को इग्नोर करेंगे और उपलब्धियों को साथ इन्जाॅय करेंगे। और भी न जाने क्या क्या... लेकिन कुछ सालों बाद सीन बदलने लगता है। काम,परिवार,बच्चे,और व्यक्तिगत गोल भी ज्यादा महत्वपूर्ण होते जाते हैं और साथी को समय देना ,उसे स्पेशल फील कराना जैसे रिश्ते के लिए बेहद जरुरी काम धीरे धीरे सबसे कम जरूरी लगने लगते हैं। "वो तो मेरा पार्टनर है,उसे तो मेरी परेशानियां समझनी ही चाहिए " वाला भाव प्रबल हो जाता है और रिश्ता धीरे धीरे अपना रस खोने लगता है। लंबी शादी में ऐसी सिचुएशन से अगर आप भी गुजर रहें हैं तो रिश्ते को मजबूत बनाने के लिये मनोवैज्ञानिकों के ये टिप्स आपके बड़े काम आ सकते हैं।
अपने साथी की समय-समय पर तारीफ करें
रिश्ते तब नीरस होने लगते हैं जब एक दूसरे के लिए प्रोत्साहन और प्रशंसा करने का भाव कम होने लगता है। कई महिलाएं जब चिंता या अवसाद की स्थिति में मनोवैज्ञानिक के पास पहुंचती हैं और उनसे धीरे-धीरे बातचीत में कंफर्टेबल होती हैं तो वे बताती हैं कि अब उनका पार्टनर कभी उनके कामों की तारीफ नहीं करता, चाहे उन्होंने उनकी खुशी के लिए कितनी ही मेहनत क्यों न की हो। आई लव यू सुने तो न जाने कितने ही दिन बीत गए। उन्हें लगता है कि मानो वे एक रोबोट हैं जिसे दूसरों के लिए बस काम ही करते जाना है और जिसकी कोई इमोशनल रिक्वायरमेंट नहीं है। यही चीज है जो जीवन के प्रति उनका मोह खतम करती जाती है और वे अवसाह में घिर जाती हैं।
मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि आपके तारीफ में बोले गए चंद बोल उनकी नज़र में आपकी कीमत बढ़ा देते हैं। यही नहीं, उन्हें अपने बारे में अच्छा महसूस करने में मदद करते हैं। वे अपनी तुलना रोबोट से नहीं करेंगी, बल्कि मानेंगी कि अब भी आपकी नज़रों में उनकी कद्र है।
साथी के बारे में सकारात्मक विचार रखना
कोई भी व्यक्ति अपने आप में पूर्ण नहीं है। सबमें कमियां हैं। कमियों को हाईलाइट करना और खूबियों को इग्नोर करना रिश्ते को कमजोर बनाता है। लंबे शादीशुदा रिश्ते में जरूरी है कि आप अपने साथी के बारे में अच्छी सोच और सकारात्मक विचार रखना सीखें। आप प्रयास से यह सीखें कि जो भी व्यक्ति आपके साथ शादी के रिश्ते में बंधा है उसे उसकी खूबियों और खामियों के साथ अपनाएं और बार-बार खुद को याद दिलाएं कि नहीं यार,इसमें काफी सारी अच्छाइयां हैं तभी तो हम अब तक साथ हैं। आपकी सोच बदलेगी तो आपका मानिसक स्वास्थ्य,आपका शरीर और आपका रिश्ता सब कुछ अच्छा रहेगा।
सरप्राइज़ दें
सरप्राइज का अर्थ सिर्फ महंगे गिफ्ट से नहीं है। आपका समय और आपका साथ भी बेहद महत्वपूर्ण है। कभी टीनएजर बच्चों को घर पर छोड़ कर सिर्फ पत्नी के साथ घूमने निकल जाएं। इतने सालों में उनकी पसंद नापसंद तो जान ही गए होंगे, तो किसी ऐसे रेस्टोरेंट में, जहां आप दोनों पहले जाया करते थे, वहां फिर से जाएं। चुपचाप उनकी पसंद की चीज़ें ऑर्डर कर दें। अचानक सबकुछ इतना अच्छा, इतना प्यार भरा पाकर आपकी पत्नी की आंखें खुशी से भीग जाएंगी।
मोबाइल को काॅर्नर टेबल पर रख दें
मोबाइल उन पर रील्स, जोक्स, फनी वीडियोज़ आज भी हैं और कल भी रहेंगे लेकिन इनके फेर में अगर आपका रिश्ता दम तोड़ देगा तो वो बहुत बड़ा नुकसान होगा। 15 मिनट के लिए ही सही रोज़ाना पत्नी से बात करें। न कोई नोटिफिकेशन और न कोई काॅल, ऐसा कुछ भी नहीं हो जो आपके क्वालिटी टाइम को खराब करे। पत्नी ऐसे अनमोल समय का रोज़ इंतज़ार करेगी और रिश्ता प्यार की खुशबू से महकता रहेगा।
वीकेंड पर छोटे-छोटे कामों में मदद कर दें
अगर पत्नी के बिना कहे आप अपने आप उठकर छोटे-छोटे कामों में मदद कर देंगे तो वे न केवल हैरान होंगी बल्कि खुश भी होंगी कि आज आपके पास समय था तो आपने मदद वाला हाथ आगे बढ़ाया। आप डाइनिंग टेबल पर खाना लगाने या समेटने में मदद कर सकते हैं, शाम की चाय बना सकते हैं, पेड़ों को पानी दे सकते हैं, ऐसे कोई भी छोटे-छोटे अनेक काम जिनको निपटाते-निपटाते पत्नी को चैन के दो पल नसीब नहीं होते।
रोमांस भी बना रहे
लंबी शादियाँ बोझिल न हो जाएं, इसका साझा प्रयास किया जाना चाहिए। कोशिश करें कि आप दोनों के बीच रोमांस बना रहे। सिर्फ सेक्सुअल रिलेशन ही काफी नहीं। एक लंबी उम्र साथ बिताने के बाद भी ताज़गी बनी रहे इसके लिए छोटी-छोटी शरारतें करते रहिए। टेक्स्ट मैसेज भेज सकते हैं, जिन्हें पढ़कर होठों पर मुस्कान तैर जाए। छोटे-छोटे ये प्रयास आपके रिश्ते को ताउम्र ताज़ा बनाए रखेंगे क्योंकि ज़िन्दगी वही जो जिंदादिली से जी जाए।