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Rahul Gandhi News: राहुल गांधी की अर्जी खारिज, नहीं मिली राहत, जानिए अब क्या होगा?

Rahul Gandhi News: गुजरात में सूरत की एक सत्र अदालत 'मोदी उपनाम' वाले बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया।

Rahul Gandhi News: राहुल गांधी की अर्जी खारिज, नहीं मिली राहत, जानिए अब क्या होगा?
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By NPG News

Rahul Gandhi News: गुजरात में सूरत की एक सत्र अदालत 'मोदी उपनाम' वाले बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया। सूत्रों का कहना है कि अब राहुल गांधी हाईकोर्ट जाएंगे। बीते 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया।

इससे पहले अदालत ने राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (किसी व्यक्ति की आपराधिक मानहानि के दोषी व्यक्ति के लिए सजा) के तहत दोषी ठहराया था। हालांकि, अदालत ने राहुल गांधी को उसी दिन जमानत भी दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिन के लिए रोक लगा दी थी, ताकि वह ऊपरी अदालत में अपील दाखिल कर सकें। लोकसभा सचिवालय ने 24 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था।

इसके बाद राहुल ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ तीन अप्रैल को सत्र अदालत का रुख किया। उनके वकीलों ने दो आवेदन दाखिल किए थे जिनमें एक सजा पर रोक के लिए और दूसरा अपील के निस्तारण तक दोषी ठहराये जाने पर स्थगन के लिए था।

राहुल गांधी की याचिका खारिज होने के साथ ही ये साफ हो गया है कि उनकी संसद सदस्यता अभी बहाल नहीं हो सकती है। ऐसे में राहुल गांधी के लिए अगला रास्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का होगा। इससे पहले लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैसल का ही ऐसा ही एक मामला सामने आया था। उन्हें हत्या के प्रयास में निचली अदालत ने दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि बाद में उन्होंने केरल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और वहां उनकी सजा पर रोक लग गई थी। इसके बाद उनकी संसद सदस्यता बहाल हो गई थी।

निचली अदालत ने कांग्रेस नेता को कर्नाटक के कोलार में 2019 के दौरान एक चुनावी रैली में की गई उनकी टिप्पणी 'सभी चोरों का मोदी उपनाम कैसे हो सकता है' के लिए दोषी ठहराते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई थी।

राहुल गांधी ने दो साल की सजा सुनाने वाली मेट्रोपोलिटन अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल की थी। सूरत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने 'मोदी उपनाम' को लेकर राहुल की ओर से की गई एक टिप्पणी के संबंध में दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे में उन्हें 23 मार्च को दोषी करार देते हुए दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी।

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