Period Talks : महिलाओं को पीरियड लीव मिले या नहीं ? कुछ ने कहा YES कुछ ने कहा NO
इस सम्बन्ध में जब शहर की अलग-अलग कामकाजी महिलाओं और डॉक्टर से बात की गई, तो सब ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी. आइये जानें एक्सपर्ट और महिलाओं की राय.
WOMEN VIEW FOR PERIOD LEAVE : सुप्रीम कोर्ट ने महिला कर्मचारियों के लिए मासिक धर्म अवकाश से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि इस तरह की छुट्टी अधिक महिलाओं को कार्यबल का हिस्सा बनने के लिए कैसे प्रोत्साहित करेगी. इस तरह की छुट्टी अनिवार्य करने से महिलाएं “कार्यबल से दूर हो जाएंगी".
साथ ही केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह राज्यों और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श कर महिला कर्मचारियों के लिए मासिक धर्म अवकाश पर एक मॉडल नीति तैयार करे.
इस सम्बन्ध में जब शहर की अलग-अलग कामकाजी महिलाओं और डॉक्टर से बात की गई, तो सब ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी. आइये जानें एक्सपर्ट और महिलाओं की राय.
सबसे ज्यादा नुकसान विद्यार्थी स्तर पर- मधु सोनी, मैनेजर, फाइनेंस डिपार्टमेंट
मासिक धर्म में छुट्टी के संबंध में मेरी राय यह है कि इस छुट्टी से सबसे ज्यादा नुकसान विद्यार्थी स्तर पर होगा, क्योंकि मासिक धर्म की कोई तारीख तय नहीं है और अगर इसी तरह सभी को छुट्टी मिलने लगेगी तो उनकी पढ़ाई, परीक्षा पर असर पड़ेगा। इसके बाद ऑफिस स्टाफ में भी यही होगा.वर्कशॉप या ऑफिस में जहां ज्यादा महिला स्टाफ है, वहां थोड़ा असर होगा. यह पहल महिलाओं को ऑफ़िस कल्चर में थोड़ा पीछे ले जाएंगी.
छोटी-छोटी बातों पर अवकाश लेने की आवश्यकता नहीं- उषा शर्मा, सरकारी टीचर
मासिक धर्म अवकाश इस पर मैं यही कहना चाहूंगी की यदि महिलाएं नौकरी करने निकली है तो उन्हें इन छोटी-छोटी बातों पर अवकाश लेने की आवश्यकता नहीं है. यह महिला की एक व्यक्तिगत समस्या है और केवल एक नहीं इस संसार की हर महिला इस समस्या से जूझती है चाहे वह घर में रहने वाली हो या फिर बाहर जाने वाली हो. मेरा यह मानना है कि इस प्रकार के अवकाश की किसी प्रकार की कोई आवश्यकता नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने जो भी याचिका खारिज की है मेरे हिसाब से उचित है, क्योंकि आगे चलकर इसका भी दुरुपयोग किया जा सकता है और रही बात अवकाश की तो महिलाएं हर प्रकार के कार्यालय में काम करती हैं और हर डिपार्टमेंट में अब मैक्सिमम से मैक्सिमम महिलाएं ही पोस्टेड है, तो लगभग ऐसा होता है की दो महिलाओं को तीन महिलाओं को एक साथ मंथली पीरियड्स आ जाए तो क्या इस वक्त हर महिला छुट्टी लगी, तो उस कार्यालय के काम का उन जिम्मेदारियां का क्या होगा जिस जिम्मेदारी को निभाने के लिए वह उस कार्यालय में आई है और ऐसी भी कुछ महिलाएं होती हैं जिनको पीरियड्स आते ही नहीं है और वह कहीं पोस्टेड है तो वह इसका दुरुपयोग भी कर सकती है अवकाश लेने के लिए तो इस तरीके से मेरा मानना है कि हम यदि सपना पालते हैं हम अगर पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर या फिर उनसे आगे बढ़ने की इच्छा रखते हैं और मैदान में उतरे हैं तो हमें अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभानी आनी चाहिए और इस प्रकार की बहुत ही व्यक्तिगत बात जो एक महिला की सबसे व्यक्तिगत बात होती है उसे इस तरीके से जग जाहिर करना उसके लिए अवकाश मांगना उचित नहीं है, क्योंकि हम यदि बाहर निकलते हैं तो भी हमें काम करना है और यदि हम घर में भी रहते हैं तो हमें घर की भी जिम्मेदारियां उठानी पड़ती हैं वह दर्द वह तकलीफ तो अपनी जगह है ही हमको उनसे लड़ के ही सारे काम और सारे दायित्व को निभाने पड़ते हैं उम्मीद करती हूँ कि पीरियड लीव का ट्रेंड आगे नहीं बढ़े. इससे क्या अच्छा हो पाएगा
हर महिला अलग होती है - दिव्या श्रीवास्तव, सरकारी कर्मचारी
मेरे हिसाब से मासिक धर्म में छुट्टी मिलनी चाहिए, क्योंकि हर महिला अलग-अलग होती है किसी को काफी ज्यादा दर्द होता है. अगर दो-तीन दिन की छुट्टी से किसी को राहत मिलती है तो ये लागू होना चाहिए. निजी कंपनियां भी ये नियम लागू करती हैं तो ये एक अच्छी पहल है. पहले के टाइम में 5 दिन घर का काम नहीं करने दें, कुछ छूने नहीं नहीं देते थे, इसके पीछे मुख्य कारन उनको आराम देना होता था.
अवकाश मिलना चाहिए- हर्षा साहू, कराते एक्सपर्ट
मासिक धर्म का अवकाश मिलना चाहिए. हर किसी औरत का शरीर अलग-अलग होता है. किसी को तेज दर्द नहीं होता है तो किसी को नहीं होता. इसलिए अवकाश मिलाना चाहिए, लेकिन महिलाओं में इतनी समझ हो की इसका दुरूपयोग न करे और कार्यालय में सामजस्य बनाकर रखे.
चिकित्सक खुद भी तो जॉब पर जाती है- प्रज्ञा राय, फिजियोथेरेपिस्ट
महिलाओं को पेड मेन्सुरेशन लीव की सुविधा देकर उन्हें काम के अवसरों से वंचित किया जाएगा। एक चिकित्सक के तौर पर मुझे नहीं लगता कि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान छुट्टी लेने की जरूरत है। ये महिलाओं का नेचुरल प्रोसेस है। हां, यदि जब तक किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या नहीं हैं, तब तक पीरियड्स में छुट्टी की जरूरत नहीं हैं।
महिलाएं ऐसे ही सभी जगह अपना परचम फहरा रही - डॉ अनुराधा दुबे, सरकारी अधिकारी
आज महिलाएं हर क्षेत्र में काम कर रही है। सुरक्षा क्षेत्र से लेकर इंजीनियरिंग क्षेत्र तक अपनी पहचान बना रही है। दुर्गम से दुर्गम फील्ड वर्क कर रही है, खेलों में नाम कमा रही है। ऐसे में यह समझा जा सकता है कि पीरियड बिल्कुल नॉर्मल है। जब तक पीरियड में किसी तरह असामान्यता नहीं है। तब तक इसे बिल्कुुल सामान्य समझा जाना चाहिए। वे शारीरिक रूप से बिल्कुल स्वस्थ्य है और अन्य दिनों की तरह ही अपना काम कर सकती है।
हल्के योग आसन करें - मधु बहादुर सिंह, योग एक्सपर्ट
अधिकतर महिलाएं पीरियड्स के समय एक्सरसाइज और योगअभ्यास को बंद कर देती हैं। लेकिन, एक्सपर्ट्स की मानें तो योग पीरियड्स के दौरान होने वाले लक्षणों को दूर करने में सहायक होता है। इस दौरान हल्के योग आसन करने की सलाह दी जाती है। इससे महिलाओं का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और उनकी एनर्जी बनी रहती है। इसके साथ ही पेट के निचले हिस्से में होने वाली ऐंठन में राहत मिलती है। मुझे भी लगता है की जब तक पीरियड में किसी तरह असामान्यता नहीं है। तब तक इसे बिल्कुुल सामान्य समझा जाना चाहिए। इसके लिए उपचार करना चाहिए.
वर्किंग वुमन पीरियड डेज के लिए खुद को ऐसे तैयार करें - डॉ आभा सिंह, स्त्री रोग एक्सपर्ट
— पीरियड्स की वजह से दर्द थकान, मूड स्विंग और अन्य शारीरिक दिक्कतें आ रही हैं, तो खुद को प्राथमिकता दें और चिकित्सक से परामर्श लें।
— हैवी पीरियड्स की वजह जानें और प्रॉपर मेडिकेशन लें।
— खून की जांच करवाएं, कहीं एनिमिया तो नहीं। इस स्थिति में भी दिक्कत बढ़ जाती है।
— एक्सरसाइज करें।
— अपनी डाइट पर ध्यान दें।
— पीरियड्स के दौरान कम थकान वाला काम करें, यदि फील्ड वर्क हैं तो उस दिन बाहर की बजाय आफिस में ही काम कर लें।
— साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें।