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Motiyabind AI App: लखनऊ के छात्र का कमाल, मोतियाबिंद का पता लगाने के लिए एप बनाया

Motiyabind AI App: लखनऊ के 17 वर्षीय ईशान वसंतकुमार ने एक एआई-आधारित एप 'रोशिनी' डेवलप किया है जो शुरुआत में ही मोतियाबिंद का पता लगाएगा।

Motiyabind AI App: लखनऊ के छात्र का कमाल, मोतियाबिंद का पता लगाने के लिए एप बनाया
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By S Mahmood

Motiyabind AI App: लखनऊ के 17 वर्षीय ईशान वसंतकुमार ने एक एआई-आधारित एप 'रोशिनी' डेवलप किया है जो शुरुआत में ही मोतियाबिंद का पता लगाएगा। इस एप को शनिवार को उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट और स्टडी हॉल द्वारा आयोजित नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर के दौरान पेश किया गया। स्टडी हॉल स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्र ईशान ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और इंडिया हेल्थ एक्शन ट्रस्ट के साथ मिलकर इस एप को बनाने के लिए एक साल तक काम किया।

यह यूजर-फ्रेंडली है, सार्वजनिक तथा फ्रंटलाइन के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं दोनों के लिए सुलभ है जो शुरुआती मोतियाबिंद जांच में ग्रामीण समुदायों की सहायता करेगा। इसका टारगेट अनुपचारित मोतियाबिंद के कारण होने वाले अंधेपन और दृष्टि संबंधित समस्याओं को खत्म करना है। प्रारंभ में एप का उपयोग वाराणसी, फतेहपुर और हापुड में किया जाएगा।

ईशान ने दावा किया है कि फिलहाल भारत में ऐसा कोई एप उपलब्ध नहीं है। ईशान का कहना है कि मेरे नाना-नानी दोनों मोतियाबिंद से पीड़ित थे, जिसने मुझे इस संबंध में काम करने के लिए प्रेरित किया।

यूपीटीएसयू के एक डेटा वैज्ञानिक सत्य स्वरूप ने कहा, "इस एप के माध्यम से हम ग्रामीण भारत में मोतियाबिंद जांच में क्रांति लाना चाहते हैं।" शिविर की शुरुआत एप के प्रदर्शन और प्रतिभागियों के लिए मुफ्त स्क्रीनिंग के साथ हुई।

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