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Live-In Relationship Ke Niyam: लिव इन रिलेशनशिप क्या होता है, जानिए क्या कहता है कानून और इस रिश्ते को कैसे चलाएं लंबा

Live-In Relationship Ke Niyam: लिव इन रिलेशनशिप क्या होता है, जानिए क्या कहता है कानून और इस रिश्ते को कैसे चलाएं लंबा
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By Gopal Rao

Live-In Relationship Ke Niyam : लिव इन रिलेशनशिप के नियम क्या हैं?: लिव-इन रिलेशनशिप का चलन आजकल आम है। मतलब कि दो लोगों के शादी किए बगैर लंबे समय तक एक घर में साथ रहने पर बार-बार सवाल उठते रहे हैं। किसी की नज़र में ये मूलभूत अधिकारों और निजी ज़िंदगी का मामला है, तो कुछ इसे सामाजिक और नैतिक मूल्यों के पैमाने पर तौलते हैं। पार्टनर के साथ ज्यादा से ज्यादा टाइम स्पेंड करने के लिए कई कपल्स लिव इन रिलेशनशिप में रहना पसंद करते हैं। बड़े शहरों में लिव इन रिलेशनशिप में रहना काफी कॉमन हो गया है। हालांकि लिव इन में रहने के दौरान लोग अक्सर कुछ गलतियां कर देते हैं। जिससे आपका रिश्ता टूटने का भी खतरा रहता है। ऐसे में इन गलतियों को सुधारना कपल्स के लिए जरूरी हो जाता है।

लिव इन रिलेशनशिप में कपल्स एक दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं। मगर जाने अंजाने कपल्स में कुछ गलतफहमियां भी पैदा हो जाती हैं। जिससे आपका रिश्ता टूटने की कगार पर आ जाता है। इसलिए लिव इन रिलेशनशिप की कुछ गलतियां, जिन्हें अवॉयड करके आप अपने रिश्ते को मजबूत और लॉन्ग लास्टिंग बना सकते हैं।

क्या भारत में शादीशुदा आदमी लिव इन रिलेशनशिप में रह सकता है?

शादीशुदा आदमी अगर लिव-इन रिलेशनशिप में रहता है, तो बायगैमी (इंडियन पीनल कोड 494) का मामला बनता है और उसमें 7 साल तक की सजा हो सकती है. अगर दो विवाहित हैं और दोनों ने तलाक ले लिया है, तो वे लिव-इन में रह सकते हैं, दोनों कुंआरे हैं तो भी रह सकते हैं, लेकिन कोई शादीशुदा व्यक्ति नहीं रह सकता

लिव-इन रिलेशनशिप क्या होता है?

दो कपल्स का शादी किए बिना लंबे समय तक एक घर में साथ रहना लिव-इन रिलेशनशिप कहलाता है। लिव-इन रिलेशनशिप की कोई कानूनी परिभाषा अलग से कहीं नहीं लिखी गई है। आसान भाषा में इसे दो व्यस्कों का अपनी मर्जी से बिना शादी किए एक छत के नीचे साथ रहना कह सकते हैं। कई कपल इसलिए लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हैं, ताकि यह तय कर सकें कि दोनों शादी करने जितना कंपैटिबल हैं या नहीं। कुछ इसलिए रहते हैं क्योंकि उन्हें पारंपरिक विवाह व्यवस्था कोई दिलचस्पी नहीं होती है।

लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चार दशक पहले 1978 में सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता दी थी। यह माना गया था कि शादी करने की उम्र वाले लोगों के बीच लिव-इन रिलेशनशिप किसी भारतीय कानून का उल्लंघन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई कपल लंबे समय से साथ रह रहा है, तो उस रिश्ते को शादी ही माना जाएगा। इस तरह कोर्ट ने 50 साल के लिव-इन रिलेशनशिप को वैध ठहराया था।

लिव-इन रिलेशनशिप से जन्मी संतान का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप में पैदा हुए एक बच्चे को राइट टू प्रॉपर्टी (संपत्ति का अधिकार) दिया था। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा था कि ऐसे बच्चों को नाजायज नहीं माना जाएगा, जब उसके माता-पिता काफी समय से साथ रह रहे थे।

लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर भारतीय समाज का नजरिया बहुत सकारात्मक नहीं रहा है। लेकिन न्यायिक फैसलों ने कई मौकों पर लिव-इन रिलेशनशिप की वैधता को साबित किया है। अदालत ने लिव-इन रिलेशनशिप में महिलाओं के अधिकार को कानूनी दर्जा भी दिया है।

लिव इन रिलेशनशिर में रहते हुए न करे ये काम

लिव इन रिलेशनशिप की कुछ गलतियां, जिन्हें अवॉयड करके आप अपने रिश्ते को मजबूत और लॉन्ग लास्टिंग बना सकते हैं।

पार्टनर से झगड़ा होने पर लोग अक्सर उन्हें जानबूझ कर इग्नोर करने लगते हैं। जिससे आपके रिश्ते में दूरियां आ सकती हैं। इसलिए पार्टनर को नजरअंदाज करने की बजाए उनके साथ बैठकर बातचीत करें और मामले को जल्दी से जल्दी सुलझा ले। इससे आपका रिश्ता मजबूत होने लगेगा।

रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए प्यार के साथ-साथ पार्टनर की रिस्पेक्ट करना भी जरूरी होता है। ऐसे में पार्टनर के साथ खराब तरीके से बात बिल्कुल ना करें। इससे आपका पार्टनर हर्ट हो सकता है और आपके रिश्ते पर भी खतरा मंडराने लगता है।

लिव इन रिलेशनशिप में आने के बाद कपल्स अक्सर छोटी-छोटी बातों पर लड़ने लग जाते हैं। जिससे आपका रिश्ता कमजोर होने लगता है। ऐसे में लॉन्ग लास्टिंग रिलेशनशिप बनाने के लिए कुछ बातों को इग्नोर करना ही बेहतर रहता है।

लिव इन रिलेशनशिप में कपल्स हमेशा एक-दूसरे की आंखों के सामने रहते हैं। ऐसे में कुछ लोग पार्टनर की लाइफ को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं। जिससे आपके रिश्ते में फ्रसट्रेशन पैदा हो सकती है। इसलिए लिव इन में रहने के बावजूद पार्टनर को पर्सनल स्पेस देना जरूरी हो जाता है।

लिव इन में आने के बाद कुछ लोग हमेशा अपनी बात को ही ऊपर रखते हैं। ऐसे में अपनी बात मनवाते समय आप पार्टनर के प्वाइंट ऑफ व्यू को नजरअंदाज कर देते हैं। जिससे आपका रिश्ता ज्यादा दिनों तक मजबूत नहीं रह पाता है। ऐसे में स्ट्रांग रिलेशनशिप बरकरार रखने के लिए पार्टनर की बातों को अहमियत देना भी जरूरी होता है।

लिव इन पार्टनर्स में अक्सर घर के खर्चे को लेकर भी मनमुटाव पैदा हो जाता है। ऐसे में खर्चे का बराबर बंटवारा करना बेहतर रहता है। इससे आपके बीच में झगड़े होने की संभावना कम हो जाती है।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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