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China Vs US: कंगाल पाकिस्‍तान ने चीन और तुर्की के आगे टेके घुटने, अमेरिका को दिया 'धोखा', जानिए क्या है मामला?

Pakistan China Vs US: पाकिस्तान बेशक आर्थिक रूप से कंगाल हो चुका है लेकिन इसके बावजूद भी इज़के ऊपर 'रस्सी टूट गयी मगर बल नहीं गया' वाली कहावत सटीक बैठती है। क्योंकि हाल ही में पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा आयोजित किए जा रहे लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में शामिल होने के न्यौते से इनकार कर दिया है।

China Vs US: कंगाल पाकिस्‍तान ने चीन और तुर्की के आगे टेके घुटने, अमेरिका को दिया धोखा, जानिए क्या है मामला?
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By NPG News

Pakistan China Vs US: पाकिस्तान बेशक आर्थिक रूप से कंगाल हो चुका है लेकिन इसके बावजूद भी इज़के ऊपर 'रस्सी टूट गयी मगर बल नहीं गया' वाली कहावत सटीक बैठती है। क्योंकि हाल ही में पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा आयोजित किए जा रहे लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में शामिल होने के न्यौते से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान ने मंगलवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि वह इस सप्ताह वाशिंगटन में होने वाले लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेगा। पाक सरकार ने कहा कि वह इसके बजाय लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रोत्साहित करने के लिए द्विपक्षीय आधार पर अमेरिका के जुड़े रहने में ज्यादा सहज महसूस करेंगे।

आपको बता दें कि हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के 'डेमोक्रेसी समिट' में शामिल न होने के पीछे चीन और तुर्की का कनेक्शन सामने आया है। दरअसल अमेरिका के नेतृत्व में ऑनलाइन शिखर सम्मेलन आज से शुरू हो रहा है। लेकिन इस शिखर सम्मेलन में चीन और तुर्की को आमंत्रित नहीं किया गया है। पाकिस्तान अपने पड़ोसी मुल्क चीन से करीबी रिश्ता साझा करता है। इसके अलावा, वह तुर्की के साथ मिलकर मुस्लिम देशों में भी अपनी पैठ जमाना चाहता है। यही वजह है कि इन देशों को आमंत्रित न किए जाने से पाकिस्तान ने भी खुद को अलग थलग रखने का निर्णय लिया है।

गौरतलब है कि सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के अखबार डॉन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अमेरिका में लोकतंत्र को लेकर दूसरे शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान की भागीदारी का मुद्दा कुछ समय से चर्चा में था। ऐसे में अगर पाकिस्तान इसमें शामिल होता तो वह अपने विशेष रूप से अपने "फॉरएवर फ्रेंड" चीन को नाराज कर देता जिसे शिखर सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया गया है। पाकिस्तान के लिए यह निर्णय एक चुनौतीपूर्ण था। चीन अमेरिका की इन पहलों की बारीकी से निगरानी कर रहा है। अमेरिका पहले ही ताइवान को आमंत्रित करके बीजिंग को नाराज कर चुका है। हालांकि पाकिस्तान का ऐसा करना थोड़ा चौंकाने वाला कदम है।

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