Jamshedpur Violence: जमशेदपुर में भड़की हिंसा, धार्मिक झंडे के अपमान पर दो गुटों के बीच पथराव और आगजनी
Jamshedpur Violence: झारखंड में जमशेदपुर के शास्त्रीनगर में एक धार्मिक झंडे के कथित अपमान को लेकर दो समूहों के बीच पथराव और आगजनी की घटना के बाद दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गयी है।
Jamshedpur Violence: झारखंड के जमशेदपुर शहर में एक धार्मिक विवाद के चलते दो गुटों के बीच पथराव और आगजनी हो गई। यह घटना कल शाम को घटी थी। इस घटना के बारे में जानकारी के अनुसार, जमशेदपुर के एक क्षेत्र में धार्मिक झंडे के अपमान के बाद दो गुटों के बीच झड़प हो गई। गुटों के लोगों ने एक दूसरे पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। इसके बाद कुछ लोग आग लगा दिया। इससे पहले भी झारखंड में धार्मिक विवाद के कारण हिंसा का सामना करना पड़ा है।
आप को बता दे झारखंड में जमशेदपुर के शास्त्रीनगर में एक धार्मिक झंडे के कथित अपमान को लेकर दो समूहों के बीच पथराव और आगजनी की घटना के बाद दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गयी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रविवार शाम को संघर्षरत दो समूहों ने दो दुकानें और एक ऑटो रिक्शा में आग लगा दी तथा पुलिस ने उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
अनुमंडल अधिकारी (धालभूम) पीयूष सिन्हा ने बताया, क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गयी है। पुलिस ने बताया कि इलाके में शनिवार रात से ही तनाव व्याप्त था जब एक स्थानीय संगठन के सदस्यों ने रामनवमी के झंडे पर मांस का एक टुकड़ा लगा हुआ देखा था। रविवार शाम को स्थिति तब हिंसक हो गई जब एक दुकान में आग लगा दी गई। उसके बाद दोनों पक्षों ने एक -दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया।
भीड़ ने एक ऑटोरिक्शा में भी आग लगा दी, जिसके कारण पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रभात कुमार ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शास्त्रीनगर में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, स्थिति नियंत्रण में है और प्रतिद्वंद्वी लोगों को भगा दिया गया है... हमने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। पूर्वी सिंहभूम जिले की उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं । उन्होंने उनकी साजिश को विफल करने के लिए लोगों से सहयोग मांगा।