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India's Famous Silk Sarees: ये हैं भारत की फेमस सिल्क साड़ियां, इनका फैशन कभी नहीं जाता, क्या आपके कलेक्शन में हैं?...

Indias Famous Silk Sarees: ये हैं भारत की फेमस सिल्क साड़ियां, इनका फैशन कभी नहीं जाता, क्या आपके कलेक्शन में हैं?...
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By Gopal Rao

India's Famous Silk Sarees: भारतीय महिलाओं का सौंदर्य साड़ियों में गज़ब तरीके से निखर कर सामने आता है। खास अवसरों पर जब लेडीज़ सिल्क साड़ियों में सज-संवर कर सामने आती हैं तो सच दिल ही जीत लेतीं हैं। यहां कुछ खास सिल्क साड़ियों और उनकी विशेषताओं के बारे में हम आपको बता रहे हैं, जिन्हें इंडियन लेडीज़ अपने कलेक्शन में सहेज कर रखने के लिए क्रेजी होती हैं।


बनारसी साड़ी

किसी लेडी के साड़ी कलेक्शन में बनारसी साड़ी न हो, ये हो ही नहीं सकता। ये लेडीज़ की ऑल टाइम फेवरेट साड़ी होती है। नई दुल्हन को दी जाने वाली साड़ियों में एक बनारसी शादी ज़रूर शामिल होती है। इसे सुहाग की निशानी भी माना जाता है। इनमें खूबसूरत वूवेन डिज़ाइन होते हैं जिसमें बूटे, बनारसी जंगले, पौड़ी नक्काशी खास होते हैं। ग्रेसफुल लुक, राॅयल टच और सालों-साल नई सी नज़र आने वाली ये साड़ियां माँ के बाद बेटी भी पहन ले तो कोई हैरानी नहीं।

कांजीवरम साड़ी

साउथ इंडिया (तमिलनाडू ) की यह साड़ी आमतौर पर हर महिला के वार्डरोब में होती है। यह साड़ी एलीगेंट और क्लासी लुक देती है। इसकी खासियत यह है कि इनमें इस्तेमाल होने वाले सिल्वर धागे सोने की परत वाले होते हैं और इसका पल्लू अलग से बनाकर बाद में साड़ी से जोड़ा जाता है। बाकी सिल्क साड़ियों के मुकाबले ये साड़ियां काफी भारी होती हैं। जब आप कांजीवरम साड़ी पहनती हैं तो आपका एक अलग ही इंप्रेशन पड़ता है जो लोगों की नज़रों मे आपके लिए सम्मान पैदा करता है।

कोसा साड़ी

छत्तीसगढ़ की कोसा सिल्क साड़ियों की देश-विदेश में जबरदस्त मांग है। इसके कपड़े में एक यूनीक सी गोल्डन झलक मिलेगी। ये बहुत सोबर लुक देती हैं। आमतौर पर ये डल कलर की होती हैं लेकिन बहुत इंप्रेसिव लगती हैं। कोसा सिल्क की साड़ियों की चमक सालों खराब नहीं होती। इसे मेंटेनेंस की भी बहुत जरूरत नहीं पड़ती है।हाँ, ये बेहतर है कि आप इसकी फोल्ड समय-समय पर बदलती रहें।

पैठनी साड़ी

महाराष्ट्रियन लेडीज़ की खास पसंद पैठनी साड़ी अब देश भर की महिलाओं के दिल में अपनी जगह बना चुकी है। ये काफी महंगी होती हैं। बताया जाता है कि अजन्ता की गुफा में की गई चित्रकारी को देखकर इस साड़ी को बनाने की प्रेरणा मिली थी।पैठनी साड़ी करीब नौ गज लंबी होती है। इसे पहनने का अपना पारंपरिक महाराष्ट्रियन स्टाइल है, जो बहुत खास है। लेकिन आप अपने तरीके से भी इसे पहन सकती हैं। इनका आपके कलेक्शन में होना ही बहुतों की ईर्ष्या का कारण हो सकता है। बहुत कलरफुल रेशम के धागों से बनी इस साड़ी के पल्लू पर मोर उकेरे जाने का चलन है।

माहेश्वरी साड़ी

कोई 250 साल पहले होल्कर वंश के दौरान इनका चलन मध्यप्रदेश में शुरू हुआ था। पहले यह सूती साड़ी ही बनाई जाती थी, लेकिन अब रेशम की माहेश्वरी साड़ियां काफी चलन में है।

चंदेरी साड़ी

चंदेरी सिल्क साड़ी मध्य प्रदेश की खासियत है। ये साड़ी आज भी हथकरघे पर बनाई जाती है। एक हैवी चंदेरी साड़ी बनाने में करीब 90 से 100 दिन का वक्त लग जाता है। इसलिए इनकी कीमत भी ज्यादा होती है। पहले ये साड़ियां केवल राजघराने की महिलाओं के लिए ही सुलभ थीं लेकिन अब चंदेरी सिल्क साड़ी पहनने की ख्वाहिशमंद हर औरत इन्हें खरीद कर अपने कलेक्शन में एड कर सकती है। देखने में ये साड़ी शाइनी नजर आती हैं और पहनने में ये उतनी ही लाइट वेट होती है। आप इसे किसी भी बड़े या छोटे फंक्शन के लिए पहन सकती हैं और अपनी खूबसूरती में चार चांद लगा सकती हैं।

प्योर सिल्क साड़ी

प्योर सिल्क साड़ी के नाम के साथ ही एक रिचनेस फील होती है। ये साड़ी अगर वाकई में प्योर सिल्क से बनी हों तो सिंगल कलर और बिना वर्क के भी शानदार लगती हैं। ये बाॅडी को परफेक्टली 'हग' करती हैं, इनका यह गुण इन साड़ियों को खास बनाता है।


Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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