Hitman US Contract Killing: कनाडा के बाद अमेरिका को कैसे जवाब देगा भारत?
Hitman US Contract Killing: कनाडियन नागरिक और भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिये वांछित खालिस्तानी आतंकवादी हरदीपसिंह निज्जर की कनाडा में टॉरगेट किलिंग के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने भारत पर आरोप लगाया था...
Hitman US Contract Killing: कनाडियन नागरिक और भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिये वांछित खालिस्तानी आतंकवादी हरदीपसिंह निज्जर की कनाडा में टॉरगेट किलिंग के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने भारत पर आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ है। इस आरोप का भारत सरकार के विदेश विभाग के प्रवक्ता अरिंदम बागची तथा विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने जोरदार खंडन किया था। इस हत्या और आरोपों के चलते भारत और कनाडा के राजनयिक सम्बन्ध रसातल में चले गए थे। भारत सरकार ने कनाडा के नागरिकों को मिलने वाली वीसा सुविधा स्थगित कर दी थी तथा भारत में स्थित कनाडा के उच्चायोग को अपने कर्मचारियों की संख्या सीमित करने का निर्देश दिया था। तब से लेकर अभी तक, जबकि वीसा सुविधा पुनः बहाल कर दी गयी है, भारत-कनाडा सम्बन्धों में तनाव की बर्फ पिघली नहीं है।
भारत-कनाडा सम्बन्ध पुनः सामान्य होने से पहले ही अमेरिका की ओर से भारत पर यह आरोप लगाया गया है कि भारतीय एजेंटों ने अमेरिकी-कनाडियन नागरिक और भारत में आतंकवादी कार्रवाइयों के लिये वांछित एक अन्य खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की टारगेट किलिंग के लिये भारतीय एजेंटों ने हिटमैन (कांट्रेक्ट किलर) नियुक्त करने का षडयंत्र किया था, जिसे मई में अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने निष्फल कर दिया था।
खालिस्तानी आतंकी पन्नू की हत्या की कथित साजिश के मामले में अमेरिकी अधिकारियों ने कोर्ट में अभियोजन दायर किया है। जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि खुद को भारतीय खुफिया मामलों का 'वरिष्ठ फील्ड अधिकारी' बताने वाले शख्स ने इस साल मई में न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या का आदेश दिया था। मेनहट्टन कोर्ट में दायर अभियोग में दावा किया गया है कि नामित सरकारी अधिकारी ने, जिसका नाम फिलहाल उजागर नहीं किया गया है, हत्या के लिये हिटमैन नियुक्त करने का काम निखिल गुप्ता नाम के व्यक्ति को सौंपा था। निखिल गुप्ता को अमेरिका के आग्रह पर चेक रिपब्लिक में 30 जून को गिरफ्तार कर अमेरिका को सौंप दिया गया है।
कोर्ट में दावा किया गया है कि निखिल ने जिन लोगों को हिटमैन समझकर हायर किया था, वे अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के एजेंट थे। कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या के बाद निखिल गुप्ता ने हिटमैन को पन्नू की हत्या करने करने को कहा था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दिल्ली में G-20 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष यह मुद्दा उठाया था। इस बीच, भारत ने अमेरिका के दावे को लेकर 18 नवम्बर को जांच के लिये एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा - 'अमेरिका ने कुछ जानकारी साझा की थी। भारत ऐसी सूचनाओं को गम्भीरता से लेता है, क्योंकि वे हमारे सुरक्षा हितों पर प्रभाव डालती हैं।'
भारत सरकार की ओर से अमेरिकी आरोपों पर बहुत संयत एवं संतुलित प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है। इस प्रतिक्रिया में कनाडियाई आरोपों के विरुद्ध की गई प्रतिक्रिया जैसी उग्रता एवं तीव्रता नहीं है। अमेरिका भारत का रणनीतिक साझेदार होने के अलावा फिलहाल, जब से मोदीजी प्रधानमंत्री बने हैं, घनिष्ठ मित्र भी है। चीन के विरुद्ध एशिया-प्रशांत में बनाये गए सैन्य-आर्थिक सहयोग संगठन 'क्वाड' में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के अलावा भारत एक अहम सदस्य राष्ट्र है। इसलिये भारत अपने ऊपर लगाए गए अमेरिकी आरोपों पर तीव्र प्रतिक्रिया प्रकट करने से परहेज कर रहा है। लेकिन इस घटना या आरोप और तदन्तर अमरीकी कोर्ट में दायर अभियोजन से भारतीय पक्ष अवश्य कमजोर हो गया है। क्योंकि निज्जर की हत्या और पन्नू की हत्या के प्रयास के लिंक आपस में मिल रहे हैं। बेहतर होगा कि भारत-कनाडा और अमेरिका संयुक्तरूप से जांच कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचे और इस गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में प्रयत्न करें।
पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान में भी भारत के 'मोस्ट वान्टेड' आतंकियों की टॉरगेट किलिंग हुई है। भारत और पाकिस्तान के रिश्ते पहले से ही तनावग्रस्त हैं और सीमापार से भारत में, विशेषरूप से कश्मीर घाटी में, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की सरपरस्ती में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्करे तैयबा और जैश ए मोहम्मद तथा कुछ अन्य आतंकवादी संगठनों द्वारा दहशतगर्दों की घुसपैठ निरन्तर कराई जा रही है। पाकिस्तान में भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों की हत्या से देश में सामान्यतः खुशी ही व्यक्त की गई है।
पाकिस्तान के विपरीत कनाडा और अमेरिका भारत के घनिष्ठ मित्र राष्ट्र हैं और इन दोनों राष्ट्रों में प्रवासी भारतीय बड़ी संख्या में निवासरत हैं। दोनों देशों की आर्थिक और राजनीतिक गतिविधियों में भी भारतीय मूल के लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका है। दोनों देशों के साथ भारत के व्यापारिक - आर्थिक सम्बन्ध भी बहुत सुदृढ हैं। अमरीका के साथ तो सुरक्षा और तकनीकी सम्बन्ध दिनों दिन प्रगाढ़ हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में, इन देशों में अवांछनीय गतिविधियों में यदि कोई भारतीय संलग्न पाये गये तो इससे हमारी अंतर्राष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
भारत इज़राइल नहीं है जिसका खुफिया संगठन मोसाद दूसरे देशों में जाकर अपने देश के वांछित अपराधियों की हत्या करने के लिये बदनाम रहा है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और कानून के शासन में विश्वास करता है। हमें अपने वांछित मोस्ट वांटेड अपराधियों को कानून के रास्ते से ही भारत में लाकर उन्हें न्यायालयों में पेश कर कठोर दण्ड दिलवाना चाहिये जैसा कि छोटा राजन और अबू सईद जैसे कई कुख्यात गैंगस्टरों को सजा दिलाई गई है। भारत को अपनी अंतराष्ट्रीय छवि के प्रति बहुत सचेत रहने की आवश्यकता है।
आजकल हिंदी फिल्मों में एक ट्रेंड काफी लोकप्रिय और ब्लॉकबस्टर हो गया है जिसमें भारतीय एजेंट विदेशों में जाकर और कानून अपने हाथ में लेकर भारत के वांछित अपराधियों का सफाया कर देते हैं। 'टाइगर', 'टाइगर जिंदा है', 'पठान' जैसी ब्लॉकस्टार फिल्मों की उल्लेखनीय सफलता इसके कुछ उदाहरण हैं। लेकिन फिल्मों और यथार्थ में जमीन-आसमान का अंतर है। पन्नू जैसे आतंकवादी को भारत अपने मित्र राष्ट्र अमेरिका की सहायता से भारत में डिपोर्ट करवा कर कानून के कटघरे में खड़ा कर सकता है। हमें कानून और न्याय का मार्ग ही अपनाना चाहिये।