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Haldwani HIV Positive: हल्द्वानी जेल में 44 कैदी HIV पॉजिटिव, एक महिला भी शामिल, मचा हड़कंप?

उत्तराखंड (Uttarakhand) की हल्द्वानी जेल (Haldwani Jail) में बंद 44 कैदी एचआईवी पॉजिटिव (HIV positive) निकलने का मामला सामने आया है। इसकी खबर लगते ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

Haldwani HIV Positive: हल्द्वानी जेल में 44 कैदी HIV पॉजिटिव, एक महिला भी शामिल, मचा हड़कंप?
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By NPG News

Haldwani HIV Positive: उत्तराखंड के हल्द्वानी जेल में हुए घटनाक्रम ने देशभर में हलचल मचा दी है। हल्द्वानी जेल में निर्धारित समय सीमा की पूर्ति के समय वहां कैदी होते हैं, जो अपनी सजा काट रहे होते हैं। इसी कारण यह एक बड़ी संख्या में लोगों को एक ही जगह पर जमा रहते हैं।

हाल ही में हल्द्वानी जेल में बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जैसा कि जेल प्रशासन ने बताया है, हल्द्वानी जेल में 44 कैदी एचआईवी पॉजिटिव हुए हैं। यह घटना हल्द्वानी जेल में हल में हुई है। एचआईवी पॉजिटिव होने वाली महिला भी इनमें शामिल हैं।

इस घटना के बाद जेल प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की थी। उन्होंने सभी कैदियों का एचआईवी टेस्ट करवाने के बाद इस मामले की सटीक जानकारी जुटाई है। जेल प्रशासन ने एचआईवी पॉजिटिव होने वाले कैदियों को अलग कर दिया है ताकि वे दूसरों से भी संक्रमित न हों।

सुशीला तिवारी अस्पताल के एआरटी सेंटर प्रभारी डॉ. परमजीत सिंह ने कहा कि हल्द्वानी जेल में 44 कैदी ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस (HIV) से पॉजिटिव पाए गए हैं और एक महिला कैदी भी एचआईवी संक्रमित मिली है।

डॉ. सिंह के मुताबिक, जेल में एचआईवी पॉजिटिव कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। कैदियों के इलाज की जानकारी देते हुए डॉ. सिंह ने कहा, "एचआईवी रोगियों के लिए एक एआरटी (एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी) केंद्र स्थापित किया गया है, जहां संक्रमित रोगियों का इलाज किया जाता है, मेरी टीम लगातार जेल में कैदियों की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि जो भी कैदी एचआईवी से संक्रमित होता है, उसे राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) के दिशा-निर्देशों के आधार पर मुफ्त इलाज और दवाएं दी जाती हैं।

डॉ. सिंह ने आगे कहा कि वर्तमान में जेल में 1629 पुरुष और 70 महिला कैदी हैं। इतनी बड़ी संख्या में कैदियों के एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने के बाद जेल प्रशासन भी कैदियों की नियमित जांच कर रहा है, ताकि एचआईवी संक्रमित कैदियों का समय पर इलाज हो सके।

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