Gurugram Riots: विश्व हिंदू परिषद का पुलिस को दी धमकी, इमाम हत्याकांड के आरोपियों को 1 सप्ताह में रिहा करने का दिया अल्टीमेटम
Gurugram Riots: हरियाणा के गुरुग्राम जिले में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद, तिगरा गांव में एक हिंदू महापंचायत का आयोजन किया गया है जिसमें पुलिस से एक सप्ताह का अल्टीमेटम मांगा गया है।
Gurugram Riots: हरियाणा के गुरुग्राम जिले में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद, तिगरा गांव में एक हिंदू महापंचायत का आयोजन किया गया है जिसमें पुलिस से एक सप्ताह का अल्टीमेटम मांगा गया है। इस महापंचायत में हिंदू संगठनों ने पिछले हफ्ते हुई मस्जिद में हुई आगजनी मामले में गिरफ्तार किए गए युवाओं को रिहा करने की मांग की है। इस सांप्रदायिक हिंसा के पीछे की घटनाओं के अनुसार, 31 जुलाई को तिगरा गांव में मस्जिद में हुई आगजनी मामले में एक व्यक्ति की चाकू से हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद पुलिस ने कुछ युवाओं को गिरफ्तार किया था। इन गिरफ्तारियों के खिलाफ हिंदू संगठनों ने आवाज उठाई और उनके रिहाई की मांग की।
पुलिस द्वारा किए गए गिरफ्तारियों की जानकारी के अनुसार, सेक्टर 57 में स्थित अंजुमन मस्जिद के आगजनी मामले में तिगरा गांव के 4 हिंदू युवाओं को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही, नाथूपुर और बंधवारी गांव के युवाओं को भी गिरफ्तार किया गया है। हिंदू पंचायत ने महापंचायत में हरियाणा पुलिस से गिरफ्तारियों को रिहा करने की मांग की है। वे इसका आग्रह करते हैं कि इन युवाओं को बिना सबूत के गिरफ्तार किया गया है और उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
हालांकि पुलिस ने इन गिरफ्तारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और उन्हें विधिक कार्रवाई के तहत पेश किया है। इसके बावजूद, हिंदू संगठनों ने इनके रिहाई की मांग की है और पुलिस को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है।
महापंचायत में शामिल होने वाले वक्ताओं ने इस घटना को बड़ी सांप्रदायिक दृष्टि से देखा है और इसमें न्यायपूर्ण कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पुलिस को सच्चाई की जांच करने की आवश्यकता को बताया और रिहाई की मांग की है।
गुरुग्राम में तिगरा गांव में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद, महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें हिंदू संगठनों ने पुलिस से गिरफ्तार युवाओं की रिहाई की मांग की है। इसके परिणामस्वरूप, पुलिस को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया गया है। इस महापंचायत में शामिल होने वाले वक्ताओं ने हिंसा की दोषी या निर्दोष युवाओं की न्यायपूर्ण जांच की मांग की है और उन्हें रिहा करने की अपील की है।