Sikh Riots 1984: कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को बड़ी राहत, कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत
Sikh Riots 1984: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर (Jagdish Tytler) को आज अग्रिम जमानत दे दी। विशेष जज विकास ढुल ने टाइटलर पर जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं
Sikh Riots 1984: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर (Jagdish Tytler) को आज अग्रिम जमानत दे दी। विशेष जज विकास ढुल ने टाइटलर पर जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि वह मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे और कोर्ट की बिना अनुमति के देश से बाहर नहीं जाएंगे। कोर्ट की अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) यह तय करती है कि टाइटलर को अरेस्ट नहीं किया जा सकता है। एक लाख रुपये के जमानत बांड पर जमानत दी गई है।
20 मई को दायर की गई सीबीआई (CBI) की चार्जशीट में कहा गया है कि टाइटलर ने 1 नवंबर, 1984 को पुल बंगश गुरुद्वारा, आजाद मार्केट में इकट्ठा हुई भीड़ को उकसाया और भड़काया, जिसकी वजह से गुरुद्वारा जल गया और तीन सिखों ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरु चरण सिंह की मौत हो गई। सीबीआई ने टाइटलर के खिलाफ आईपीसी (IPC) की धारा 147 (दंगा), 109 (उकसाने), धारा 302 (हत्या) के साथ अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं।
टाइटलर की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि वकील ने कहा 40 साल पहले जो घटना हुई थी वह बहुत ही दुखद थी। दिल्ली पुलिस ने दो बार और CBI ने एक बार कहा टाइटलर के खिलाफ कुछ नहीं मिला है। साथ ही, उन्होंने कहा कि अन्य मामलों में जांच तेजी के साथ की जाती है, लेकिन इस मामले में जांच धीरे की गई है। वकील ने यह भी कहा कि पूरी जांच के दौरान टाइटलर को अरेस्ट नहीं किया गया है।
पीड़ित पक्ष की तरफ से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली में 1984 दंगों (1984 Anti-Sikh Riots) के दौरान तकरीबन 3000 लोग मारे गए थे। ये प्रभावशाली लोग कानून का मजाक बनाते हैं। पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा कि आजादी के समय जिस तरह की हिंसा देखने को मिली थी। वैसे ही सिख दंगों के दौरान भी देखने को मिला था। उन्होंने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर (Jagdish Tytler) एक प्रभावशाली व्यक्ति है, जो सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को भी प्रभावित कर सकते हैं।