Breaking News : सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को बड़ी राहत, 2 साल की सजा पर लगाई रोक
Defamation Case: मोदी सरनेम (Modi surname) मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है।
Defamation Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को मिली 2 साल की सजा पर रोक लगा दी है। गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को ये सजा सुनाई थी, जिसपर अब सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सर्वोच्च अदालत में इस मामले की सुनवाई के लिए आधे घंटे का वक्त तय किया, जिसमें दोनों पक्षों के वकीलों को बोलने के लिए 15-15 मिनट मिले। राहुल गांधी की ओर से पक्ष रखा गया है कि उन्होंने पूरे समुदाय का अपमान नहीं किया है, इस तरह के मामले में सिर्फ राहुल को ही ऐसी सजा मिली है।
राहुल गांधी ने बीते दिन कोर्ट में खुद को दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग करते हुए जवाब दाखिल किया था। राहुल गांधी की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा है। उन्होंने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राहुल पर आरोप जमानती है। मोदी सरनेम वाली कोई एक स्पेशल जाती नहीं है। अलग-अलग जाति के लोग अपने नाम में मोदी सरनेम का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए राहुल गांधी को दोषमुक्त कर उनकी सदस्यता बहाल करनी चाहिए।
पूर्णेश मोदी ने बाद में बदला नाम- सिंधवी
वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आगे कहा कि राहुल गांधी के 3 पेज की भाषण में सिर्फ एक लाइन ऐसा है, जिस पर केस दर्ज हुआ है। शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का असली सरनेम मोदी नहीं है, उन्होंने बाद में अपना नाम बदला है। वैसे भी मोदी सरनेम वाले लोगों का कोई निश्चित वर्ग नहीं होता है। उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में जिन-जिन का नाम लिया, उनमें से पूर्णेश मोदी की नाम भी नहीं है। ऐसे में पूर्णेश मोदी द्वारा मानहानि केस दायर करने का कोई औचित्य ही नहीं है। सिंधवी ने कहा कि राहुल गांधी पर कोई ऐसा मामला नहीं है, जो समाज के खिलाफ अपराध का हो। ये कोई रेप या फिर मर्डर का आरोप नहीं है। यह आरोप साधारण और जमानती है।
अधिकतम सजा देने का क्या कारण थी
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट से सवाल पूछते हुए कहा कि राहुल गांधी अधिकतम सजा देने की क्या जरूरत थी। यह फैसला काफी दिलचस्प है। SC ने आगे कहा कि ट्रायल कोर्ट ने अधिकतम सजा सुनाने का कारण भी नहीं बताया है। अधिकतम सजा देने से एक संसदीय क्षेत्र प्रभावित हुआ है, यह गैर जरूरी था।