भोपाल के बाद! अब चर्चा में आया महाराष्ट्र का ये फ्लाईओवर, सीधे घर की बालकनी से होकर गुजर रहा, देखें वायरल तस्वीरें
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बाद अब महाराष्ट्र के नागपुर का ये फ्लाईओवर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है..

Nagpur flyover (NPG file photo)
नागपुर। भोपाल के 90 डिग्री वाले अजीबोगरीब फ्लाईओवर के बाद, अब नागपुर का एक और फ्लाईओवर देश भर में चर्चा का विषय बन गया है। इस फ्लाईओवर की इंजीनियरिंग देखकर लोग हैरान हैं क्योंकि यह पुल किसी घर की बालकनी के एक हिस्से से होकर गुजर रहा है। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें वायरल होने के बाद, इसे लोग मजाक में 'आठवां अजूबा' कह रहे हैं।
यह अनोखा मामला नागपुर के अशोक चौक इलाके का है। जिस घर की बालकनी को छूकर यह फ्लाईओवर निकल रहा है, उस पर लोगों ने कई गंभीर सवाल उठाए हैं।
कौन है जिम्मेदार और क्यों नहीं हुई कार्रवाई?
सवाल उठ रहे हैं कि, आखिर कैसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और नागपुर नगर निगम ने इस तरह के निर्माण को होने दिया? लोगों का कहना है कि अगर यह घर गैरकानूनी (अनधिकृत) था, तो इसे क्यों नहीं तोड़ा गया? और अगर यह कानूनी था, तो इसे उचित मुआवजा देकर अधिग्रहित (acquire) क्यों नहीं किया गया?
सोशल मीडिया पर लोग चीन की उस मशहूर बिल्डिंग की फोटो शेयर कर रहे हैं, जिसके बीच से मेट्रो गुजरती है, और तुलना करते हुए कह रहे हैं कि "यह है चीन और यह है भारत।" एक यूजर ने तो यह भी पूछ लिया कि "आखिर वो महान इंजीनियर कौन है, जिसने यह अद्भुत डिजाइन बनाई?"
घर मालिक का अजीब बयान
जिस घर से यह फ्लाईओवर गुजर रहा है, उसके मालिक प्रवीण पत्रे ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। बीजेपी विधायक मोहन मते से मुलाकात के दौरान पत्रे ने बताया कि उनका परिवार पिछले 150 सालों से इस घर में रह रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से कोई आपत्ति नहीं है कि फ्लाईओवर उनकी बालकनी से होकर गुजर रहा है और उन्हें सुरक्षा की भी कोई चिंता नहीं है। हालांकि, जब उनसे घर के नक्शे और कानूनी वैधता के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
क्या है 998 करोड़ की परियोजना का हाल?
यह 9.2 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर NHAI की देखरेख में 998 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने पहले ही नगर निगम को इस गैरकानूनी निर्माण के बारे में बता दिया था, लेकिन नगर निगम के अधिकारी इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। दूसरी तरफ, नागपुर नगर निगम की जिम्मेदारी है कि वह इस तरह के अवैध निर्माणों को तोड़े।
विधायक ने की सख्त कार्रवाई की मांग
दक्षिण नागपुर के विधायक मोहन मते ने भी इस घटना पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने कहा कि यह हैरानी की बात है कि नगर निगम, एनआईटी या एनएचएआई में से किसी भी अधिकारी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने मांग की कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाए।
मते ने कहा कि विकास जरूरी है, लेकिन ऐसी गलतियां शहर की प्रतिष्ठा को खराब करती हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि फ्लाईओवर की बालकनी तक पहुंचने से पहले ही अधिकारियों को इस घर को हटाने के लिए नोटिस जारी कर देना चाहिए था।
