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बाहरी कंपनियों को लाभ पहुंचाने अफसरों ने एग्रीकल्चर खाद और पेस्टीसाईड की सुरक्षा निधि कई गुना बढ़ा दी, टेंडर में ऐसी शर्तें कि लोकल कंपनियां शामिल ही नहीं हो पाएगी

बाहरी कंपनियों को लाभ पहुंचाने अफसरों ने एग्रीकल्चर खाद और पेस्टीसाईड की सुरक्षा निधि कई गुना बढ़ा दी, टेंडर में ऐसी शर्तें कि लोकल कंपनियां शामिल ही नहीं हो पाएगी
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By NPG News

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रायपुर, 9 अप्रैल 2020। सुरक्षा निधि के नाम पर बीज विकास निगम में बड़ा खेल शुरू हो गया है। पिछली सरकार में काम करने वाली बाहरी कंपनियों को उपकृत करने के लिए कारपोरेशन ने कई सुरक्षा निधि कई गुना बढ़ा दी है।
गौरतलब है कि राज्य मे एग्रीकल्चर खाद ,माईक्रोनयूट्रीएन्ट एवं पेस्टीसाईड दवा बनाने की मध्यम एवं लघु स्तर की कई कंपनियां कई वर्षों से प्राइवेट बाजार व शासकीय क्षेत्र में बीज निगम के माध्यम से कार्य कर रहीं हैं ।
पता चला है, एग्रीकल्चर विभाग के कुछ उच्च अधिकारियों को भ्रमित करके एसी शर्तें बीज निगम के टेंडर मे शामिल की जा रहीं हैं, जिससे कोई मध्यम व लघु कंपनी इसमे शामिल न हो पाये और उसका टेंडर बाहरी कंपनियों को मिल जाए। ज्ञात हो कि बीज निगम द्वारा नवीन दरों के जारी टेंडर मे सुरक्षा निधि राशि पिछ्ले वर्षों की तुलना मे लगभग सौ गुना अधिक रखी गई है, जिससे कि कोई भी मध्यम व लघु कंपनी इसमे शामिल न हो सके केवल बड़ी कंपनी ही इसमे आ पायें। यह जानबूझकर किया जा रहा है ताकि वर्षों से शासकीय प्रदाय कर रही राज्य की कंपनियों को हटाया जा सके एवं व्यापार पर एकाधिकार किया जा सके। अफसर भी मानते हैं, बीज निगम की स्थापना से लेकर पिछ्ले वर्ष तक कभी भी इतनी राशि की सुरक्षा निधि कभी तय नहीं की गई। ये सिर्फ बड़ी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है।
देखिए, इस साल किस तरह बढ़ाई गई सुरक्षा निधि

1. एग्रीकल्चर माइक्रोन्यूट्रीएन्ट-

पिछ्ले वर्ष सुरक्षा राशि – 1,00,000/-
इस वर्ष सुरक्षा राशि – 48,00,000/-

2. एग्रीकल्चर बायो पेस्टीसाईड –

पिछ्ले वर्ष सुरक्षा राशि – 2,00,000/-
इस वर्ष सुरक्षा राशि – 1,17,00,000/-

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