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ये महिला थी दुनिया की पहली Coronavirus पेशेंट….अब ऐसी है हेल्थ…

ये महिला थी दुनिया की पहली Coronavirus पेशेंट….अब ऐसी है हेल्थ…
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By NPG News

नई दिल्ली 30 मार्च 2020 चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब तक दुनिया के 140 से अधिक देशों में फैल चुका है. इसी दौरान विदेशी मीडिया ने दावा किया है कि वैश्विक महामारी बन चुका कोरोना वायरस के पहले पेशेंट का पता लग गया है

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 57 वर्षीय वेई गायक्सियन कोरोना संक्रमण के मामले में ‘पेशेंट जीरो’ है. पेशेंट जीरो का मतलब, वह व्यक्ति जिसमें किसी बीमारी के लक्षण सबसे पहले देखे गए हों.

रिपोर्ट के मुताबिक ये महिला चीन में हुन्नान प्रांत के मछली बाजार में झींगे बेचने का काम करती थी. 10 दिसंबर 2019 को महिला ने एक सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल किया और इसके बाद उसे सर्दी-जुकाम हो गया.

महिला का नाम आया था सामने

31 दिसंबर को वुहान म्यूनिसिपल हेल्थ कमीशन ने सबसे पहले इस महिला का नाम जाहिर किया था. ये महिला उन 27 मरीजों में शामिल थीं, जिन्हें सबसे पहले कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया. इन 27 मरीजों में से 24 सीधे तौर पर उसी सीफूड मार्केट से संक्रमित हुए थे, जहां पर यह महिला झींगे बेचती थी.

लेकिन चीन सरकार की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. चीन की न्यूज वेबसाइट ‘द पेपर’ की रिपोर्ट के हवाले से इस महिला के बारे में खबर सामने आई थी, जिसके बाद ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया ने जीरो पेशेंट होने का दावा किया है.

कोरोना के पेशेंट जीरो को लेकर पहले भी अलग-अलग दावे किए जाते रहे हैं. लैंसेट मेडिकल जनरल के मुताबिक COVID-19 का पहला मरीज 1 दिसंबर को चीन के वुहान में सामने आ चुका था. चीन की ग्लोबल मीडिया ने कोरोना वायरस के अमेरिकी सैन्य प्रयोगशाला में विकसित किए जाने का आरोप लगाया था.

महिला का क्या कहना है?

मिरर UK अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक महिला ने इसे कॉमन फ्लू समझा था, क्योंकि उन्हें सर्दी-जुकाम हुआ था. वे एलेवेंथ अस्पताल गईं जहां उन्हें फ्लू की दवाएं ही दी गईं थीं.

शुरुआती दवा लेने के बाद हालत में सुधार नहीं हुआ, तो उन्हें 16 दिसंबर को वुहान के सबसे बड़े अस्पताल वुहान यूनियन हॉस्पिटल ले जाया गया. फिर डॉक्टर्स को इस संक्रमण की जानकारी मिली और फिर सभी को क्वारंटीन किया गया.

महिला का कहना है कि सरकार ने अगर इस बीमारी को लेकर जल्दी कदम उठाए होते तो मौतें कम होतीं. खास बात यह है कि करीब एक महीने चले इलाज के बाद यह महिला पूरी तरह से ठीक हो चुकी है.

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