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सरकार और सेना के खिलाफ बोलने पर होगा 2.5 करोड़ का जुर्माना और मिलेगी कड़ी सजा… पाकिस्तान में मीडिया पर शिकंजा कसने की तैयारी…

सरकार और सेना के खिलाफ बोलने पर होगा 2.5 करोड़ का जुर्माना और मिलेगी कड़ी सजा… पाकिस्तान में मीडिया पर शिकंजा कसने की तैयारी…
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By NPG News

नईदिल्ली 2 जून 2021। पाकिस्तान की इमरान सरकार अब मीडिया पर शिकंजा की तैयारी कर चुकी है, दरअसल इमरान सरकार ने मीडिया को लेकर जो नए नियम बनाए हैं । उसके तहत मीडिया को अब सरकार की शर्तों के हिसाब से काम करना होगा। इस प्रस्ताव में सेना और सरकार के खिलाफ बोलने पर कार्यवाही सहित जुर्माने का प्रावधान है। इसी उद्देश्य से सरकार पाकिस्तान मीडिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑर्डिनेंस, 2021 (Pakistan Media Development Authority-PMDA) लाना चाहती है। इसमें मीडिया और पत्रकारों पर तमाम तरह की बंदिशों का जिक्र है. इतना ही नहीं, सेना (Army) या सरकार के खिलाफ बोलने वालों पर भारी भरकम जुर्माने और जेल का प्रावधान भी किया गया है। इमरान खान की इस ‘चाहत’ का जहां मीडिया विरोध कर रहा है। वहीं, विपक्षी पार्टियां भी प्रधानमंत्री के खिलाफ मैदान में उतर आई हैं।

2.5 करोड़ का जुर्माना, 3 साल जेल का प्रावधान

  • एक अथॉरिटी का गठन किया जाएगा। यह सभी तरह के मीडिया के लिए नियम बनाएगी। इसमें कुल 11 सदस्य और एक चेयरपर्सन होंगे। इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
  • देश में मीडिया से जुड़े सभी कानून रद्द होंगे। इन सभी का पीएमडीए कानूनों में विलय होगा।
  • मीडिया से जुड़े मामलों के लिए मीडिया ट्रिब्यूनल स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। ट्रिब्यूनल का प्रमुख ग्रेड -22 स्तर का ब्यूरोक्रेट होगा। यह पाकिस्तानी सिविल सेवा की सर्वोच्च रैंक है।
  • ड्राफ्ट में डिजिटल मीडिया के संचालन के लिए भी टीवी चैनलों की तरह ही लाइसेंस अनिवार्य करने का प्रस्ताव है। वहीं नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, यूट्यूब चैनल, वीडियो लॉग्स को लेकर भी नियम बनाए जाएंगे।

पाकिस्तान के जियो न्यूज चैनल ने फेमस एंकर हामिद मीर को ऑफ एयर कर दिया था। उनका अपराध सिर्फ इतना था कि उन्होंने अपने शो कैपिटल टॉक में पाकिस्तान की आर्मी पर सवाल उठाए थे। जियो न्यूज ने इस घटना पर कोई कमेंट नहीं किया था। मीर ने एसोसिएट प्रेस को मैसेज कर खुद को शो से हटाने की बात कंफर्म की है।

इससे पहले 2014 में पोर्ट सिटी कराची में हामिद मीर पर हमला हो चुका है। कुछ दिन पहले मीर ने भी एक रैली में आर्मी के खिलाफ भाषण दिया था। उन्होंने पिछले दिनों पत्रकार असद अली टूर पर हुए हमले की निंदा की थी। टूर को तीन लोगों ने उस समय बुरी तरह से पीटा था, जब वे इस्लामाबाद में अपने अपार्टमेंट में थे। मई 2020 से अप्रैल 2021 तक पाकिस्तान में 148 पत्रकारों पर हमले हो चुके हैं।

जानकारों का मानना है कि यदि ये कानून लागू हो गया तो मीडिया पाकिस्तान की सरकार या सेना के खिलाफ नहीं बोल सकेगा। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सीनेटर शेरी रहमान ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सरकार कानून के तहत मीडिया को नियंत्रित करना चाहती है। रहमान ने कहा कि कानून लागू होने के बाद मीडिया संस्थान या तो सरकार के प्रवक्ता बन जाएंगे या फिर उन्हें बर्बाद कर दिया जाएगा. वहीं, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा की इमरान अभिव्यक्ति की संवैधानिक आजादी को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं।

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