कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी, इसे टाला नहीं जा सकता… सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की चेतावनी, रहना होगा तैयार
नईदिल्ली 5 मई 2021. केंद्र के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के विजय राघवन ने कहा कि कोरोना वायरस उसी तरह से ट्रांसमिट हो रहा है जैसे ओरिजनल स्ट्रेन में होता है. यह वायरस ट्रांसमिशन के लिए कोई नया तरीका नहीं अपना रहा. लेकिन यह अपना संक्रमण तेजी से फैला रहा है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को शिकार बना रहा है. ऐसे में तीसरी लहर की आशंका है, लेकिन तीसरी लहर कब आयेगी इस बारे में कुछ कहना मुश्किल है. इसलिए हमलोगों ने तीसरी लहर से निपटने की तैयारी कर रहे हैं.
उन्होंने कहा- हालांकि अभी ये कहना मुश्किल है कि ये कब आएगी और कैसे प्रभावित करेगी. लेकिन इसके लिए हमें तैयार रहना होगा. उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन मौजूदा वैरिएंट के खिलाफ कामयाब है. हालांकि भारत सहित दुनियाभर में इसके नए वैरिएंट सामने आएंगे. दुनियाभर के वैज्ञानिक इन अलग-अलग किस्म के वैरिएंट का मुकाबला करने की तैयारी कर रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि नए स्ट्रेन से निपटने के लिए अपग्रेडेशन के लिए कोविड-19 वैक्सीन की नियमित निगरानी की आवश्यकता है. वैज्ञानिक सलाहकार ने यह भी कहा कि वायरस के स्ट्रेन पहले स्ट्रेन की तरह फैल रहे हैं. इनमें नई तरह के संक्रमण का गुण नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वेरिएंट्स के खिलाफ वैक्सीन प्रभावी हैं. देश और दुनिया में नए वेरिएंट्स आएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि एक लहर के खत्म होने के बाद सावधानी में कमी आने से वायरस को फिर से फैलने का मौका मिलता है.
राघवन ने यह भी कहा कि भारत और दुनिया भर के वैज्ञानिक नए वेरिएंट्स का पूर्वानुमान लगाने और जल्दी चेतावनी और तेजी से संशोधित टूल विकसित करके उनके खिलाफ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा-“यह एक गहन शोध कार्यक्रम है, जो भारत और विदेशों में हो रहा है.”
मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि टीकाकरण के लिए सरकार ने नयी पाॅलिसी लायी है जिसके तहत 18-44 साल तक के लोगों को वैक्सीन दिया जा रहा है, इसकी शुरुआत एक मई से हो गयी है. यह वैक्सीनेशन कार्यक्रम नौ राज्यों में शुरू हो गया है. जिसके तहत 6.71 लाख लोगों को टीका दिया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि चिंता के कुछ क्षेत्र हैं. बंगलुरू में पिछले एक सप्ताह में 1.49 लाख मामले सामने आये हैं. तमिलनाडु में भी केस लगातार बढ़ रहे हैं, जिनपर नियंत्रण की जरूरत है. देश में दिन प्रतिदिन लगभग 2.4 प्रतिशत की दर से केस बढ़ रहे हैं. साथ ही मौत के आंकड़ों में वृद्धि भी चिंता की वजह है. महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में मौत के मामले बढ़े हैं.