Begin typing your search above and press return to search.

राजधानी की सबसे कम उम्र की महिला हिस्ट्रीशीटर.. ज़रा सी बात पर ब्लेड चलाने को है कुख्यात.. एक बार फिर जेल दाखिल..

राजधानी की सबसे कम उम्र की महिला हिस्ट्रीशीटर.. ज़रा सी बात पर ब्लेड चलाने को है कुख्यात.. एक बार फिर जेल दाखिल..
X
By NPG News

रायपुर,8 जनवरी 2021। पंद्रह बरस की उम्र में उसका नाम पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका था, ये पहली FIR हुई थी 2015 में। तारीख़ थी – दस जनवरी 2015, और उसके बाद कोई बरस ऐसा नहीं गुजरा जबकि पुलिस के रिकॉर्ड में उस किशोरी के अपराधों ने जगह नहीं बनाई। पंद्रह बरस की किशोरी अब युवा महिला है, उम्र बढ़ी तो तरक़्क़ी यह भी हुई कि, पाँच बरसों में तेरह अपराधिक मामलों के साथ उसकी हिस्ट्रीशीट भी खोल दी गई।राजधानी में उस उम्र की कोई महिला का अपराध में वो दखल नहीं है कि हिस्ट्रीशीट याने निगरानी शुदा बदमाशों की सुची में नाम आ जाए,लेकिन मुस्कान रात्रे का नाम दर्ज है।
राजधानी के मौदहापारा थाने में हिस्ट्रीशीटर के रुप में रिकॉर्ड में दर्ज मुस्कान घर की सबसे बड़ी लड़की है, पिता गैरेज में काम करते हैं, जबकि माँ गृहणी है,घर में भाई है जो छोटा है। पुलिस अमले के पास मुस्कान के छोटे भाई को लेकर भी सकारात्मक सूचनाएँ नहीं हैं, यह जरुर है कि अब तक कोई फरियादी सीधे थाने नहीं पहुँचा है।
2015 से 2021 तक के छ बरस के अपराधिक सफर में मारपीट के 8 मामले हैं, जिनमें अधिकांश में ब्लेड से हमला करने का आरोप है, एक मामला वाहन चोरी का है, दो मामले NDPS एक्ट के हैं जबकि आबकारी याने शराब के दो मामले रिकॉर्ड में दर्ज हैं।
मुस्कान रात्रे को लेकर पुलिस भी पेशोपेश में होती है, पर यह असमंजस केवल इस मसले पर होता है कि, इसे सुधारें कैसे। मौदहापारा के थाना प्रभारी यदुमणि सिदार ने NPG से कहा
“हम लगातार प्रयास करते हैं, सुधार हो.. कम उम्र की बच्ची है.. सम्हल जाए.. बीच में सुधार की ख़बरें थीं.. शांत हो गई थी.. लेकिन.. फिर से हरकतें शुरु हो गई”
कोर्ट ले जाए जाते वक़्त मुस्कान रात्रे ने कहा –
“संगत में बिगड़ गई साहब.. हालाँकि बिगड़ना बनना तो खुद पे है.. लेकिन अब हो गया तो हो गया”
मुस्कान के चेहरे पर शिकन नही थी, उसने हालिया मामला जिसमें उसके पास से नशीली दवाएँ और गाँजा मिलने का आरोप है उस में खुद को निर्दोष भी बताया। मुस्कान के दोनों हाथ में ब्लेड से काटने के दर्जनों निशान है, सवाल हुआ कि यह निशान कैसे पड़े तो जवाब आया –
“टेंशन में थी.. ग़ुस्से में काट ली थी.. अब टेंशन मत पूछना क्या था”
मुस्कान से सवाल किया गया –
“सुधरोगी नही क्या ?”
जवाब बेहद तल्ख आया –
“शादी थी साब.. बारह तारीख को.. लेकिन अब तो दूसरे ससुराल जा रही हूँ.. सुधर तो गई थी मैं..”

Next Story