Begin typing your search above and press return to search.

सुप्रीम कोर्ट की सरकार को फटकार…कहा-कोरोना से निपटने का प्लान क्या है? ‘ये नेशनल इमरजेंसी नहीं तो क्या’…हम मूकदर्शक बने नहीं रह सकते…

सुप्रीम कोर्ट की सरकार को फटकार…कहा-कोरोना से निपटने का प्लान क्या है? ‘ये नेशनल इमरजेंसी नहीं तो क्या’…हम मूकदर्शक बने नहीं रह सकते…
X
By NPG News

नई दिल्ली 27 अप्रैल 2021. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से उपजे हालात पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आज की सुनवाई में केंद्र सरकार से ऑक्सीजन सप्लाई से लेकर विभिन्न पहलुओं पर रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा नेशनल इमरजेंसी के वक्त चुप नहीं रह सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 टीकों की अलग-अलग कीमतें निर्धारित करने के मुद्दे पर केन्द्र सरकार से सफाई मांगी। कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट अपने अधिकार क्षेत्र के दायरे में कोविड-19 की स्थिति की निगरानी करने के लिये बेहतर स्थिति में हैं। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय नीति तैयार करने पर उसकी स्वत: संज्ञान सुनवाई का मतलब हाईकोर्ट के मुकदमों को दबाना नहीं है।

अदालत ने कहा कि सरकार को यह बताना होगा कि कोरोना संकट से निपटने के लिए उसका क्या प्लान है। जस्टिस एस.आर भट ने कहा, ‘मैं दो मुद्दे उठाना चाहता हूं, जो केंद्र सरकार के अंतर्गत हैं। पहली बात यह कि कैसे केंद्रीय संसाधनों का इस्तेमाल किया जाए। पैरामिलिट्री डॉक्टर्स, पैरामेडिक्स, आर्मी फैसिलिटीज और डॉक्टर्स का कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है। दूसरी बात यह कि सरकार के पास इस संकट से निपटने के लिए कोई प्लान है या नहीं।’

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के बढ़ते केसों का संज्ञान लेते हुए कहा कि उच्च न्यायालयों को राज्यों में हालातों की निगरानी करनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालयों को निगरानी करनी चाहिए, लेकिन शीर्ष अदालत भी चुप नहीं बैठ सकती। कोर्ट ने कहा कि हमारा काम यह है कि राज्यों के बीच समन्वय कायम किया जा सके। इसके अलावा अदालत ने यह भी पूछा है कि क्या इस संकट में सेना और अन्य बलों का भी केंद्र सरकार की ओर से इस्तेमाल किया जाएगा।

अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर से दखल देना जरूरी है। इस संकट के दौर में शीर्ष अदालत मूक दर्शक बनकर नहीं बैठी रह सकती। सुप्रीम कोर्ट के सवालों पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि हम पूरी सतर्कता के साथ स्थिति को संभालने में जुटे हैं।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए एक स्पष्ट राष्ट्रीय योजना की ज़रूरत बताई थी। पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से 4 बिंदुओं पर जवाब मांगा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने जिन 4 बिंदुओं (ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति, वैक्सिनेशन का तरीका किस तरह का हो और राज्य में लॉकडाउन का फैसला कौन ले? क्या हाई कोर्ट भी ऐसा आदेश दे सकता है?) पर केंद्र को नोटिस जारी किया है।

मौजूदा स्थिति को ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ के समान बताते हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ऑक्सीजन और दवाओं की सप्लाई और टीकाकरण को लेकर भी जवाब मांगा था। कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि वह कोरोना से लड़ने के लिए अपनी राष्ट्रीय स्तर पर तैयार की योजना बताए।

Next Story