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प्राइवेट सेक्टर के लिए खुला अंतरिक्ष का रास्ता, निजी कंपनियां भी लॉन्च कर पाएंगी सैटेलाइट…कोल सेक्टर में सरकार का एकाधिकार होगा खत्म, रक्षा क्षेत्र में 74 फीसदी FDI

प्राइवेट सेक्टर के लिए खुला अंतरिक्ष का रास्ता, निजी कंपनियां भी लॉन्च कर पाएंगी सैटेलाइट…कोल सेक्टर में सरकार का एकाधिकार होगा खत्म, रक्षा क्षेत्र में 74 फीसदी FDI
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By NPG News

नईदिल्ली 16 मई 2020। देश में जारी कोरोना संकट के बीच मुश्किल में आई अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए भारत सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से संबंधित चौथा एलान किया है। वित्त मंत्री ने इस दौरान स्पेस सेक्टर से जुड़ी गतिविधियों में निजी क्षेत्र को भी शामिल करने की घोषणा की। अभी तक भारत में इसरो ही अंतरिक्ष से जुड़े मिशन को अंजाम देता था। सरकार के इस फैसले से निजी कंपनियां भी सैटेलाइट लॉन्च कर पाएंगी।

कोयला सेक्टर में आत्मनिर्भरता के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। 50 कोयला ब्लॉक का तत्काल आवंटन होगा। कोयल क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन होगा यानि निजी कंपनियों को भी मौका मिलेगा। सही कीमत पर अधिक कोयला मिलेगा। कोयला क्षेत्र में सरकार का एकाधिकार खत्म होगा। अब राजस्व साझा किया जाएगा। कोशिश होगी कि उतना ही कोयला आयात किया जाए जितने की जरूरत है। हम अपनी भंडारण क्षमता का उपयोग नहीं कर पाए। निवेश के जरिेए इसमें सुधार किया जाएगा।

अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों को मौका मिलेगा। सैटेलाइट लांचिंग और अंतरिक्ष आधारित सेवाओं में निजी सेक्टर को शामिल किया जाएगा। निजी कंपनियों को इसरो की सुविधाओं का भी लाभ उठाने दिया जाएगा। ग्रहों की खोज, बाह्रा अंतरिक्ष यात्रा निजी क्षेत्र के लिए खुलेगी। रिमोट सेंसिग डाटा के लिए उदार नीति लाएंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर को सह यात्री बनाया जाएगा। उन्हें सैटेलाइट लॉन्च और अंतरिक्ष आधारित दूसरी सेवाओं में बराबर का मौका दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें उचित नियामक और माहौल उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि क्षमता विकास के लिए प्राइवेट सेक्टर को इसरो की सुविधाओं का इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाएगी। भविष्य में ग्रहों की खोज और दूसरे ग्रहों की यात्रा को भी प्राइवेट सेक्टर के लिए खोला जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की चौथी किस्त में कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन क्षेत्र, केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के संरचनात्मक सुधारों पर कई घोषणाएं की। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनो वायरस महामारी के मद्देनजर लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को राहत देने के लिये सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग 10 प्रतिशत यानी 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की इस सप्ताह की शुरुआत में घोषणा की।

रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए मेक इन इंडिया की जरूरत है। इसके लिए साल दर साल हथियारों के आयात पर पाबंदी की लिस्ट जारी की जाएगी। इन्हें सिर्फ भारत में ही बनाया और खरीदा जा सकेगा। इनका निर्माण भारत की कंपिनियां ही कर सकेंगी, इसके लिए अलग से बजट होगा। इसका सीधा लाभ स्वदेशी कंपनियों को मिलेगा और यही सैन्य साजो-सामान की आपूर्ति करेंगी। आयुधी निर्माणी बोर्ड (ऑर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड) को निगमीकृत किया जाएगा। ऑटोमैटिक रूट से रक्षा उत्पादन क्षेत्र में एफडीआई को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी किया जाएगा।

अभी देश में सिर्फ 60 फीसदी भारतीय एयर स्पेस ही उपलब्ध हैं। इसे सरल व सुगम बनाएंगे जिससे नागरिक विमानों को सुविधा मिले और समय की बचत हो। इसे दो महीने के अंदर सुलझा लिया जाएगा। इससे उड्डयन क्षेत्र को 1000 करोड़ रुपये का लाभ होगा। पर्यावरण को फायदा होगा, लोगों का समय बचेगा, बजट भी घटेगा। इससे नागरिक विमानों की आवाजाही और आसान होगी। छह और हवाई अड्डों की तीसरे दौर में नीलामी होगी। पीपीपी आधारित छह विश्वस्तरीय एयरपोर्ट बनाए जाएंगे।

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