आईएएस बनने का डगर कठिन होता जा रहा हिन्दी भाषी स्टूडेंट्स के लिए……साल दर साल IAS में सेलेक्ट होने वाले की घट रही है संख्या, आईएएस अवनीश शरण ने ट्वीट कर जताई चिंता
रायपुर 12 अगस्त 2020। ….अगर आप हिंदी मीडियम स्टूडेंट हैं !…तो आपका IAS बनने का डगर कठिन हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि UPSC में हिंदी भाषा के छात्रों का IAS में सेलेक्शन लगातार घट रहा है। पिछले चार-पांच साल के आंकड़ों को देखें हिंदी भाषी छात्रों के सेलेक्शन का ग्राफ लगातार नीचे आता जा रहा है। यूपीएससी में सेलेक्शन को लेकर ये हैरान करने वाली जानकारी खुद छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अवनीश शरण ने साझा की है।
अपने ट्वीटर पर पिछले चार सालों में सेलेक्ट हुए कंडिडेट के “भाषा माध्यम” के आंकड़े देते हुए उन्होंने हिंदी भाषी छात्रों की संख्या में लगातार आ रही कमी पर चिंता भी जतायी है। उन्होंने लिखा है कि 2009 में जब उनका IAS में सेलेक्शन हुआ था तो उस वक्त टॉप 100 में 12 से 15 स्टूडेंट हिंदी भाषी हुआ करते थे, लेकिन अब तो स्थिति ये है कि कुल सेलेक्शन ही 25-30 तक सिमट गया है। और शीर्ष 100 में तो एक भी हिंदी भाषी स्टूडेंट नहीं है।
IAS अवनीश शरण के इस ट्वीट को लेकर लाइक और कमेंट की बौछार हो गयी, कई सारे छात्रों ने इस पर रि-ट्वीट किया है। वहीं कईयों ने इसका सामाधान मांगा है। वहीं कई गैर अंग्रेजीभाषी छात्रों ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण भी बताया है। आईएएस अवनीश के इस ट्वीट को 8 हजार से ज्यादा लाइक्स मिले हैं, वहीं डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों ने इसे रिटवीट किया है।
साल 2013 के UPSC के आंकड़ों के मुताबिक कुल 268 IAS के सेलेक्शन में इंग्लिश मीडियम के 224 स्टूडेंट थे, जबकि हिंदी भाषा के छात्रों की संख्या सिर्फ 34 थी। प्रतिशत की बात करें के इंग्लिश का प्रतिशत 83.06 और हिंदी का 12.6 था।
वहीं 2014 UPSC की बात करें तो इस साल तो हिंदी भाषी छात्रों की संख्या घटकर सिर्फ 6 रह गयी। कुल 284 अभ्यर्थियों का चयन IAS में हुआ था, जिनमें से 272 इंग्लिश और हिंदी सिर्फ 6 थे। मतलब 95.77 प्रतिशत इंग्लिश और सिर्फ 1.5 प्रतिशत हिंदी। उसी तरह से 2015 के UPSC की बात करें तो इस साल भी हिंदी भाषी स्टूडेंट का प्रतिशत सिर्फ 4.28 प्रतिशत रहा। इस साल कुल 350 छात्रों का IAS में सेलेक्शन हुआ, जिनमें से 329 इंग्लिश मीडियम के स्टूडेंट थे, जबकि हिंदी भाषा के छात्रों की संख्या 15 थी।
वहीं 2016 के UPSC की बात करें तो इस साल 377 IAS सेलेक्ट हुए। इस साल भी हिंदी भाषी स्टूडेंट का आंकड़ा बेहद निराशाजनक रहा। हिंदी भाषी स्टूडेंट का प्रतिशत सिर्फ 3.5 रहा। जबकि अंग्रेजी मीडियम के स्टूडेंट का प्रतिशत 92.8 रहा। कुल 377 सेलेक्शन में से 350 अंग्रेजी से थे, जबकि हिंदी माध्यम के सिर्फ 13 छात्र थे। वहीं हाल 2018 का भी रहा। इस साल प्रतिशत हिंदी का 2.16 रहा, जबकि अंग्रेजी 96.48 रहा। 2018 में 370 टोटल सेलेक्शन में अंग्रेजी के 357 छात्र और हिंदी से सिर्फ 8 ही थे।