टूरिज्म का नया स्पॉट बन गया राजधानी का बुढ़ातालाब…. फ्लोटिंग डेक से लेकर बोटिंग तक बड़े और बच्चों को कर रहे हैं आकर्षित…. जिला प्रशासन की पहल और निगम व स्मार्ट सिटी की कोशिशों से बुढ़ातालाब की तस्वीर और तकदीर संवर गयी
विश्व का दूसरा बड़ा फाउंटेन
बूढ़ातालाब-विवेकानंद सरोवर की खूबसूरती में चार-चांद लगा रहा है। तालाब के किनारे नव-निर्मित संरचना से स्वामी विवेकानंद जी की विशाल प्रतिमा तक पहुंचने के लिए तैयार किया गया फ्लोटिंग डेक ‘जल सेतु‘ का अहसास कराता हैं। आकर्षक प्रवेश द्वार, दो स्तरीय पाथवें, म्यूजिकल फाउंटेन, टबल फाउंटेन, आकर्षक लैंड स्केपिंग और जगमगाती रोशनी से तालाब की खूबसूरती का आनंद रायपुरवासियों के साथ देश भर से पहुंचने वाले पर्यटक ले सकते हैं।
बूढ़ा तालाब-स्वामी विवेकानंद सरोवर अपने लोकार्पण के साथ ही सभी को आकर्षित करेगी। बच्चों से लेकर बड़े सभी यहां सुकून महसूस करेंगे। बच्चों के लिए बनाए गए चिल्ड्रन पार्क में उनकी जरूरतों को विशेष ध्यान रखा गया है। बच्चे यहां भरपूर मनोरंजन करेंगे। साथ ही शहर के नागरिकों के लिए ओपन जिम के उपकरण भी लगाए गए हैं। जहां वे अपना शरीर को तंदुरुस्त रख सकते हैं। यहां आने वाले पर्यटकों को ट्रैफिक की समस्या का सामना न करना पड़े, इसलिए यहां बेहतर पार्किंग के साथ सड़क का चौड़ीकरण भी किया गया है।
ऐतिहासिक बुढ़ातालाब हो रहा था गुमनाम
दशकों तक अपनी ऐतिहासिक और पौराणिक प्रसिद्धियों के लिए मशहूर बुढ़ातालाब पिछले कुछ सालों से गंदगी और रख रखाव की वजह से गुमनाम सा होता जा रहा था। बेशुमार गंदगी और प्रदूषण की वजह से इस तालाब के पास भी लोग फटकना पसंद नहीं करते थे, लिहाजा जिला प्रशासन की पहल और निगम व स्मार्ट सिटी की कोशिशों ने बुढ़ा तालाब के जीर्णोद्धार की रूप रेखा तैयार की। आज प्रर्यटन और मनोरंजन के नजरिये से राजधानी रायपुर का मरीन ड्राइव और कटोरा तालाब के बुढ़ातालाब तीसरा ऐसा प्रर्यटन स्थल बन गया है। जो ना सिर्फ रात की रंगीनियों में भी स्वर्ग सी खुबसूरती बिखेर रहा है, बल्कि लोगों के मनोरंजन का भी बड़ा जरिया बन गया है।
कई ऐतिहासिक कहानियों का गवाह रहा है ये तालाब
स्वामी विवेकानंद से जुड़ी हैं यादें
किले के साथ हुआ था तालाब का निर्माण
कमल से निखरती थी खूबसूरती
तालाब की तारीफ में गढ़े कसीदे
40 सीसीटीवी कैमरे के निगरानी में तालाब
तालाब में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए कुल 40 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके लिए एक कंट्रोल रूम है। साथ ही मेंटेनेंस आदि कार्य के लिए एक नोडल अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बताया जाता है कि इसका मेंटेनेंस अभी ठेका लिए हुए कंपनी द्वारा तीन से पांच साल तक करेंगे।
पुलिस लाइन तक फैला था तालाब