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मिला सोने का पहाड़….. 3500 हजार टन सोना दबे होने का है अनुमान…. यह भारत के गोल्ड रिजर्व का करीब 5 गुना…12 लाख करोड़ से ज्यादा की मिलेगी रकम

मिला सोने का पहाड़….. 3500 हजार टन सोना दबे होने का है अनुमान…. यह भारत के गोल्ड रिजर्व का करीब 5 गुना…12 लाख करोड़ से ज्यादा की मिलेगी रकम
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By NPG News

नयी दिल्ली 21 फरवरी 2020। यूपी के सोनभद्र में सोने के एक बड़े भंडार का पता लगा है. यहां की पहाड़ियों के गर्भ में 3500 टन सोने का भंडार होने के संकेत मिले हैं. इलाके की पहाड़ियों में सोने की भारी खान का पता लगाने में सरकार को 40 साल से अधिक का समय लग गया है.गुलामी के दौर में अंग्रेजों ने भी सोने की खान का पता लगाने की कोशिश की थी लेकिन वे कामयाब नहीं हो सके थे.सोनापहाड़ी और हरदी इलाके में। जीएसआई ने सोनापहाड़ी में 2700 टन सोना पाए जाने का अनुमान लगाया है जबकि 650 टन हरदी इलाके में होने का अनुमान है। प्रशासन ने ई-टेंडरिंग के जरिए ब्लॉकों की नीलामी के लिए 7 सदस्यीय टीम बनाई है।

आजादी से पहले ही सोने के लिए हुई खोज के चलते ही पहाड़ी का नाम सोन पहाड़ी पड़ गया था, तब से लेकर अब तक यहां के आदिवासी इसे सोन पहाड़ी के नाम से ही जानते हैं. उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि इन पहाड़ियों के गर्भ में तीन हजार टन सोना दबा पड़ा है.

अब प्रदेश सरकार ने तेजी दिखाते हुए सोने के ब्लॉक के आवंटन के संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी है। करीब 12 लाख करोड़ रुपए की खनिज संपदा मिलने का अनुमान है।बताया जा रहा है कि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया यानी जीएसआई की टीम पिछले पंद्रह साल से इस मामले में सोनभद्र में काम कर रही थी. आठ साल पहले टीम ने ज़मीन के अंदर सोने के ख़जाने की पुष्‍टि कर दी थी. यूपी सरकार ने अब इसी सोने की खुदाई करने के मक़सद से इस टीले को बेचने के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है.

जीएसआई ने यहां की ज़मीन में 90 टन एंडोलुसाइट, नौ टन पोटाश, 10 लाख टन सिलेमिनाइट के भंडार की भी खोज की है और जल्द ही इन धातुओं की खुदाई का रास्ता भी साफ़ हो सकेगा. भूतत्व और खनिज विभाग ने ने ई-ऑक्शन यानी नीलामी की प्रक्रिया के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है और जल्द ही सोने के ब्लॉकों की नीलामी कर दी जाएगी.साल 2005 में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने अध्ययन करके सोनभद्र में सोना होने के बारे में बताया था और इस बात की पुष्टि भी साल 2012 में हो गई. लेकिन इसे निकालने यानी खनन की दिशा में अब तक कोई ठोस काम नहीं हुआ. लेकिन अब ब्लॉकों की नीलामी के लिए शासन ने सात सदस्यीय टीम भी गठित कर दी है. यह टीम पूरे क्षेत्र की जिओ टैगिंग करेगी और 22 फरवरी 2020 तक अपनी रिपोर्ट भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय लखनऊ को सौंप देगी.”

सोनभद्र के ज़िलाधिकारी एन. राजलिंगम के अनुसार, “जिस पहाड़ी में सोना मिला है, उसका क्षेत्रफल क़रीब 108 हेक्टेयर है. सोन की पहाड़ियों में तमाम क़ीमती खनिज संपदा होने के कारण पिछले 15 दिनों से इस इलाक़े का हेलिकॉप्टर सर्वेक्षण किया जा रहा है. सोनभद्र के डीएम के मुताबिक, सोनभद्र के अलावा भारत सरकार मध्य प्रदेश के सिंगरौली ज़िले, यूपी के ही बलरामपुर और झारखंड के गढ़वा ज़िले के आंशिक भू-भागों में हेलिकॉप्टर के ज़रिए सर्वेक्षण किया जा रहा है.””सोनभद्र की दुद्धी तहसील क्षेत्र में स्थित सोन पहाड़ी का इतिहास सदियों पुराना है. यहां पर कभी राजा बरियार शाह का क़िला हुआ करता था. क़िले के दोनों ओर शिव पहाड़ी और सोन पहाड़ी स्थित हैं. मान्यता है कि राजा के किले से लेकर दोनों पहाड़ियों में अकूत सोना, चांदी और अष्ट धातु के खजाने छिपे हुए हैं. इसी जगह एक किसान को क़रीब दस साल पहले जुताई के दौरान बहुमूल्य धातुओं का ख़ज़ाना मिला था जिसे प्रशासन ने अपने कब्ज़े में ले लिया था.”

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