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पुरानी पेंशन योजना का मामला कोर्ट पहुंचा: 122 शिक्षकों व कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में दी चुनौती….. शासन को नोटिस हुआ जारी, 27 को होगी अगली सुनवाई

पुरानी पेंशन योजना का मामला कोर्ट पहुंचा: 122 शिक्षकों व कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में दी चुनौती….. शासन को नोटिस हुआ जारी, 27 को होगी अगली सुनवाई
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By NPG News

पेंशन नियम 1976 के तहत पुरानी पेंशन का लाभ देने ब्लाक धमधा जिला दुर्ग से मदन साटकर एवं 122 अन्य ने लगायी हाईकोर्ट में याचिका

जब कार्यभारित स्थापना में 2004 के बाद नियमित हुए दैनिक वेतन भोगी शासकीय सेवको को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा पेंशन नियम 1979 के अंतर्गत पेंशन भुगतान का आदेश माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के आधार पर किया गया है। तो 2004 के पूर्व नियुक्त व 2018 में संविलियन हुए शिक्षकों को पेंशन नियम 1976 के तहत पुरानी पेंशन की पात्रता से वंचित नही किया जा सकता

रायपुर 5 सितम्बर 2021। पुरानी पेंशन योजना का मामला अब कोर्ट पहुँच गया है। दुर्ग के धमधा ब्लॉक मदन साटकर एवं 122 अन्य Versus- State of Chhattisgarh & Ors.WPS No. 3850 of 2021 पुरानी पेंशन के प्रकरण में दिनांक 28 जुलाई 2021 को हुए सुनवाई में शासन को जवाब प्रस्तुत करने का नोटिस जारी हुआ है। अगला सुनवाई 27 सितम्बर 2021 को होगी।

शिक्षा कर्मी के पद पर 1998 से नियुक्त एल बी संवर्ग के शिक्षकों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर विधिवत सभी तथ्यों के साथ शासन को पहले आवेदन देने के बाद माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया है।

पेंशन नियम 1976 के तहत 2004 के पूर्व नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दिए जाने का तथ्य व तर्क रखते हुए NPS योजना को उपयुक्त नही मानते हुए याचिका दायर की गई है।

शासन से जवाब आने के बाद याचिकाकर्ता मदन साटकर एवं 122 अन्य की ओर से अधिवक्ता नरेंद्र मेहर, ईशान वर्मा पैरवी करेंगे।

ज्ञात हो कि नवीन अंशदायी पेंशन योजना छत्तीसगढ़ में नवंबर 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए लागू किया गया है, जबकि वर्तमान एल बी संवर्ग के शिक्षक जिनकी नियुक्ति 2004 के पूर्व 1998 में शिक्षा कर्मी के पद पर ब्याख्याता, शिक्षक व सहायक शिक्षक के रिक्त पेंशन भोगी पद के विरुद्ध हुई थी वे पेंशन नियम 1976 के तहत पुरानी पेंशन के पात्र होंगे।

जब 8 वर्ष की सेवा पर संविलियन किया गया मतलब शासन ने स्वयं पूर्व सेवा को ही संविलियन के लिए आधार बनाया तो पेंशन के लिए पुरानी सेवा को अमान्य किया ही नही जा सकता।

जब स्वयं शासन निम्न से उच्च पद का लाभ देने आदेश कर चुकी है तो पुरानी सेवा को अमान्य किया ही नही जा सकता।

दैनिक वेतन भोगी के मामले में भी निर्णय को आधार बनाया गया है, ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग द्वारा आदेश क्रमांक 79, दिनांक 28 /02/2018 को जारी आदेश में 1 /11/2004 के पश्चात कार्यभारित स्थापना में नियमित हुए शासकीय सेवको को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा पेंशन नियम 1979 के अंतर्गत पेंशन भुगतान का आदेश किया गया है।

जब 1998 के प्रथम नियुक्ति के आधार पर समतुल्य दिया गया, और समतुल्य वेतन के आधार पर सातवां वेतनमान दिया गया तो 1998 के आधार को मान्य किया जाना युक्ति युक्त संगत है।

विद्वान अधिवक्ताओ द्वारा अनेक तर्क व तथ्य के साथ पक्ष रखा गया है

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