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विधानसभा में गुंजा शिक्षाकर्मियों के संविलियन का मामला… नेता प्रतिपक्ष समेत कई कद्दावर विधायकों ने संविलियन का वादा पूरा न होने पर उठाए सवाल…. राज्यपाल के अभिभाषण कृतज्ञता ज्ञापन में लगातार हुआ है जिक्र 

विधानसभा में गुंजा शिक्षाकर्मियों के संविलियन का मामला… नेता प्रतिपक्ष समेत कई कद्दावर विधायकों ने संविलियन का वादा पूरा न होने पर उठाए सवाल…. राज्यपाल के अभिभाषण कृतज्ञता ज्ञापन में लगातार हुआ है जिक्र 
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By NPG News

रायपुर 28 फरवरी 2020। प्रदेश में शिक्षाकर्मियों ने संविलियन को लेकर जो माहौल बनाया हुआ है उसका धीरे-धीरे असर दिखाई देने लगा है। शिक्षाकर्मी संविलियन से वंचित शिक्षाकर्मियों के संगठन संविलियन अधिकार मंच ने प्रदेश के विधायकों और मंत्रियों को दो-दो बार ज्ञापन सौंपा और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करके गुहार लगाई।

इसका असर यह हुआ की विधायक संविलियन के मुद्दे को लेकर विधानसभा में लगातार सवाल तो पूछ ही रहे हैं साथ ही साथ राज्यपाल के अभिभाषण के बाद जो कृतज्ञता ज्ञापन विपक्ष के विधायकों कि तरफ से सौंपा गया है। उसमें नेता प्रतिपक्ष समेत कुल 5 विधायकों ने शिक्षाकर्मियों के संविलियन की मांग के विषय में यह बात कही है कि राज्यपाल के अभिभाषण में शिक्षाकर्मियों के संविलियन के संबंध में कोई जिक्र नहीं है यानी सदन के पटल पर शिक्षाकर्मियों के मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्ष भी संजीदा है।

सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी शिक्षाकर्मियों के संविलियन को लेकर कई सवाल लगाएं हैं जिसका जवाब अभी सदन के कार्यवाही के दौरान आना शेष है इधर विभाग द्वारा तैयार की गई। जानकारी के अनुसार प्रदेश में संविलियन से वंचित शिक्षा कर्मियों की संख्या 16049 है और उनके संविलियन के लिए लगने वाली अनुमानित बजट राशि 366 करोड़ है जिसके बाद से ही यह उम्मीद की जा रही है।

राज्य सरकार इस बजट सत्र में महज 366 करोड रुपए खर्च करके संविलियन के इस मुद्दे को हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर देगी ताकि उन्हें यह कहते बने कि हमने शिक्षाकर्मियों के सबसे बड़े मुद्दे पर निर्णय ले लिया है और अब प्रदेश में केवल और केवल नियमित शिक्षक ही रहेंगे।

इसी के साथ छत्तीसगढ़ राज्य उन राज्यों की सूची में शामिल हो जाएगा जहां केवल और केवल नियमित शिक्षक ही अध्यापन कार्य कराते हैं और इसके बाद नियमित शिक्षक भर्ती के लिए दायर हुई शिक्षाकर्मियों की सभी याचिकाएं भी एक साथ खारिज हो जाएंगी । इन सब संभावनाओं को देखते हुए शिक्षाकर्मियों की निगाहें बजट पर लगी हुई है और विधानसभा से जिस प्रकार की जानकारी बार-बार निकल कर सामने आ रही है वह भी उनके उत्साह में बढ़ावा करने वाला ही है ।

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