पति ने जबरदस्ती संबंध बनाए जिससे लकवा हुआ….महिला के आरोप पर कोर्ट ने कहा- पत्नी से मर्जी बगैर संबंध बनाना गैरकानूनी नहीं

मुंबई 13 अगस्त 2021। मुंबई की एक महिला ने सेशन कोर्ट में कहा था कि पति की जबर्दस्ती के चलते उन्हें कमर तक लकवा मार गया। इसी के साथ ही पीड़ित ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस भी किया था। वहीं इस मामले में आरोपी और उसके परिवार ने इसे झूठा केस बताते हुए अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर ली है। बीते गुरुवार को इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान जज एस जे घरत ने कहा, ‘महिला के आरोप कानूनी जांच के दायरे में नहीं आते हैं।’ इसी के साथ ही यह भी कहा कि, ‘पति अगर पत्नी के साथ सहवास करे तो इसे अवैध नहीं कहा जा सकता है। उसने कोई अनैतिक काम नहीं किया है।’ इसके अलावा जज ने यह भी कहा कि, ‘मैरिटल रेप भारत में अपराध नहीं है।’
मैरिटल रेप (पत्नी की मर्जी के बिना शारीरिक संबंध बनाने) के मामलों में 7 दिन के अंदर देश की दो अदालतों के अलग-अलग फैसले सामने आए हैं। केरल हाईकोर्ट ने 6 अगस्त को एक फैसले में कहा था कि मैरिटल रेप क्रूरता है और यह तलाक का आधार हो सकता है। वहीं, मुंबई सिटी एडिशनल सेशन कोर्ट ने कहा है कि पत्नी की इच्छा के बिना यौन संबंध बनाना गैरकानूनी नहीं है। सुनवाई के दौरान जज एस जे घरत ने कहा कि महिला के आरोप कानूनी जांच के दायरे में नहीं आते हैं। साथ ही कहा कि पति अगर पत्नी के साथ सहवास करे तो इसे अवैध नहीं कहा जा सकता है। उसने कोई अनैतिक काम नहीं किया है।
दोषारोपण करने वाली महिला का विवाह 2020 नवंबर में हुआ था। जिसके बाद महिला ने अपने पति और ससुराल पक्ष के खिलाफ पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि उसका पति और ससुराल वाले शादी के बाद से ही उसे तंग कर रहे हैं और दहेज की मांग कर रहे हैं। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि शादी के एक महीने बाद पति ने उसकी मर्जी के खिलाफ उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। जिसके बाद आरोपी पति ने जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दायर की।
ये कपल 2 जनवरी को मुंबई के पास एक महाबलेश्वर गए हुए थे, जहां उसके पति ने उससे फिर से जबरदस्ती संबंध बनाए। उसके बाद महिला ने आरोप लगाया कि वह अस्वस्थ महसूस करने लगी और डॉक्टर के पास गई। जांच के बाद डॉक्टर ने उसे बताया कि उसकी कमर के नीचे लकवा लग गया है।
इसके बाद महिला ने अपने पति और अन्य के खिलाफ मुंबई में प्राथमिकी दर्ज की, जिन्होंने बाद में अग्रिम जमानत याचिका के साथ अदालत का दरवाजा खटखटाया।
इस पूरे मामले में एडिशनल सेशन जज संजयश्री जे घराट ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि महिला को लगवा लग गया है। हालांकि महिला की इस हालत के लिए उसके पति या परिवार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। महिला ने अपने याचिकाकर्ता पर जिस प्रकार के आरोप लगाए हैं उसके लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करना आवश्यक नहीं है।