Begin typing your search above and press return to search.

शब्बे बारात पर बंद रहेगा क़ब्रिस्तान.. फातिहा और पूर्वजों को घर से करें याद.. अंजुमन कमेटी अंबिकापुर का फ़ैसला..

शब्बे बारात पर बंद रहेगा क़ब्रिस्तान.. फातिहा और पूर्वजों को घर से करें याद.. अंजुमन कमेटी अंबिकापुर का फ़ैसला..
X
By NPG News

रायपुर,8 अप्रैल 2020। शब्बे बारात याने वो दिन जबकि इस्लाम धर्मावलंबी यह मानते हैं कि.. यह रात वो रात है जबकि दुनिया से जा चुके मोमिन इस रात बाहर आते हैं.. और मुस्लिम उनसे मिलने क़ब्रिस्तान जाते हैं, और उनकी शांति के लिए फ़ातिहा पढ़ते हैं.. उन मरहूमों को याद करते हैं.. यह कुछ वैसा ही है जैसे कि सनातन धर्मियों में पितृपक्ष कि तिथी का मसला होता है। पर इस बार यह फ़ातिहा और मरहूमों को याद अंबिकापुर के मुस्लिम घर से ही करेंगे।

राजधानी से क़रीब साढ़े चार सौ मील दूर बसे सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में यह फ़ैसला अंजुमन कमेटी ने लिया है। कोविड 19 से बचाव के लिए सामाजिक दूरी के अनिवार्य नियम को दृढ़ता से पालन किए जाने के सरकारी आदेश और जिला प्रशासन के निर्देश को देखते हुए यह फ़ैसला लागू किया गया है।

अंजुमन कमेटी के सचिव इरफान सिद्दकी ने NPG को बताया
“यह रहमतों बरक्कतों की रात मानी जाती है..यह माना जाता है कि इस दिन हमें मरहूम बूजूर्ग देखने एक दिन के लिए निकलते हैं.. हम उनकी शांति के लिए फ़ातिहा पढ़ते हैं.. इस दिन क़ब्रिस्तान में इसलिए ही मुस्लिम आते हैं.. लेकिन कोविड19 ने विश्व को हलाकान कर रखा है.. सरकारी फ़रमान है कि सामाजिक एकत्रीकरण ना हो.. जिला प्रशासन ने भी निर्देश जारी किया है 144 का उल्लंघन ना हो.. ज़ाहिर है देश सबसे बढ़कर है.. हमने क़ब्रिस्तान बंद कर दिए हैं”

अंजुमन कमेटी ने इसके लिए सभी मुस्लिमों से आग्रह भी किया है कि कल की रात जो बेहद अफ़ज़ल ( पवित्र ) रात है,घर से ही दुआ करें और जबकि दुआ करें तो कोरोना वायरस से निजात पाने की भी दुआ करें।

Next Story