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इस लेडी IAS को त्रिपुरा बुलाने पर अड़ी वहां की सरकार….जानिये क्या है वजह…… जबर्दस्त कार्यशैली ही इस लेडी IAS के लिए बनी टेंशन…..सोशल मीडिया में 7 लाख हैं इनके फॉलोअर्स

इस लेडी IAS को त्रिपुरा बुलाने पर अड़ी वहां की सरकार….जानिये क्या है वजह…… जबर्दस्त कार्यशैली ही इस लेडी IAS के लिए बनी टेंशन…..सोशल मीडिया में 7 लाख हैं इनके फॉलोअर्स
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By NPG News

चंडीगढ़ 18 सितंबर 2020। IAS सोनल गोयल को जल्द ही वापस अपने कैडर में लौटना पड़ सकता है। मूल रूप से त्रिपुरा कैडर की ये अफसर फिलहाल प्रतिनियुक्ति पर हरियाणा में काम कर रही है। नियम के मुताबिक वो 9 साल तक हरियाणा में रह सकती थी, लेकिन 5 साल पहले ही त्रिपुरा सरकार ने सोनल को वापस लौटने का निर्देश दिया है। 2008 बैच की IAS सोनल मूल रूप से हरियाणा के पानीपत की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी सर्विस के आठ साल त्रिपुरा में सेवाएं दी हैं।

नियम के अनुसार, सोनल नौ साल तक हरियाणा में रह सकती हैं और उन्हें यहां अभी सिर्फ चार साल हुए हैं, लेकिन त्रिपुरा सरकार उन पर पांच साल पहले ही अपने कैडर में लौटने का दबाव बना रही है।वह भी उस स्थिति में जब, कोरोना का संक्रमण लगातार फैल रहा है। सोनल ने अपने दो छोटे बच्चों की सुरक्षा का हवाला देते हुए त्रिपुरा सरकार से अभी कुछ दिन हरियाणा में रहने देने की अनुमति मांगी है, लेकिन तमाम नियम, कानून और शर्तों को पूरा करने के बावजूद त्रिपुरा सरकार उन्हें हरियाणा से वापस बुलाने पर अड़ी हुई है। वह भी तब, जब हरियाणा सरकार उन्हें वापस भेजना नहीं चाहती।

13वां आया था रैंक

सोनल गोयल मूल रूप से पानीपत जिले की रहने वाली हैं। 2008 की सिविल सर्विस परीक्षाओं में जब उनका 13वां रैंक आया तो उन्हें त्रिपुरा कैडर थमा दिया गया। इतनी बढ़िया रैंकिंग के बाद सोनल को उम्मीद थी कि उन्हें हरियाणा या दिल्ली कैडर मिल सकता है, लेकिन त्रिपुरा काडर मिलने के बावजूद वहां उन्होंने आठ साल तक अपनी सेवाएं दी। सोनल के पति आदित्य 2014 बैच के आइआरएस अधिकारी हैं और दिल्ली में कस्टम में तैनात हैं। सोनल की माता किडनी पेशेंट हैं तथा फरीदाबाद में रहती हैं। दो छोटे बच्चों की सुरक्षा और माता के स्वास्थ्य के मद्देनजर सोनल ने अब हरियाणा सरकार से छुट्टी ले ली है।

सोशल मीडिया पर सोनल गोयल के सात लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। पिछले कई दिनों से उनके केंद्र में जाने की चर्चाएं चल रही थीं, लेकिन त्रिपुरा सरकार द्वारा उन्हें समय से पहले ही अपने कैडर में वापस बुला लिए जाने से इस बड़े अवसर पर भी ग्रहण लग गया।

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